ऑल पार्टी डेलीगेशन: शशि थरूर को शामिल करने पर कांग्रेस के बयान को लेकर भड़के शहजाद पूनावाला, कहा- 'अगर कांग्रेस शशि थरूर के इतने खिलाफ है तो..'

शशि थरूर को शामिल करने पर कांग्रेस के बयान को लेकर भड़के शहजाद पूनावाला, कहा- अगर कांग्रेस शशि थरूर के इतने खिलाफ है तो..
  • ऑल पार्टी डेलीगेशन को लेकर शहजाद पूनावाला का रिएक्शन
  • सरकार की तरफ से शशि थरूर को चुनने पर कांग्रेस भड़की
  • कांग्रेस के बयान का दिया पूनावाला ने जवाब

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आतंकवाद के मुद्दे को लेकर पाकिस्तान को विदेशों में घेरने के लिए और पाकिस्तान के झूठों का पर्दाफाश करने के लिए सरकार की तरफ से ऑल पार्टी डेलीगेशन का निर्माण किया गया है, जो अलग-अलग देशों में भेजे जाएंगे। इसमें से एक डेलीगेशन का नेतृत्व कांग्रेस सांसद शशि थरूर को भी सौंपा गया था। जिसको लेकर कांग्रेस पार्टी काफी ज्यादा नाराज भी हुई थी।

कांग्रेस पार्टी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के समय शशि थरूर पर हमला साधते हुए कहा कि, कांग्रेस में होना और कांग्रेस का होना में जमीन आसमान का अंतर है। इसका जवाब देते हुए बीजेपी नेता शहजाद पूनावाला ने बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि, कांग्रेस पार्टी शशि थरूर के इतने खिलाफ है तो उसने उनको सांसद क्यों बनाया है।

शहजाद पूनावाला का क्या है कहना?

शहजाद पूनावाला ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि, 'जब पाकिस्तान के आतंकी कनेक्शन और सांठगांठ का पर्दाफाश हो रहा है, तो हम दलगत राजनीति नहीं करते बल्कि इससे ऊपर उठकर देश हित में राजनीति करते हैं। अगर कांग्रेस पार्टी शशि थरूर के इतने खिलाफ है तो आपने उन्हें सांसद क्यों बनाया, विदेश राज्य मंत्री क्यों बनाया, वे खुद संयुक्त राष्ट्र में उच्च पद पर रह चुके हैं। क्या कांग्रेस पार्टी शशि थरूर से इसलिए इतनी नाराज है क्योंकि उन्होंने भारत प्रथम की बात की? कांग्रेस पार्टी द्वारा सुझाए गए नामों में एक-दो नाम ऐसे हैं जिन पर गंभीर आरोप हैं कि उनके चुनाव के दौरान पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगे थे। लेकिन कांग्रेस इसमें भी दल हित को ऊपर रख रही है।'

कांग्रेस का क्या था कहना?

कांग्रेस की तरफ से चार नामों की सूचि जाने के बावजूद सरकार ने शशि थरूर को चुना था। इसको लेकर ही कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि, 'सरकार ने चार नाम मांगे थे हमने दिए, लेकिन सरकारी प्रेस रिलीज से हैरानी हुई है। सरकार का व्यवहार ईमानदारी नहीं दर्शाता है बल्कि सरकार गंभीर मामले में खेल रही है। सरकार की कूटनीति फेल हो चुकी हैं। ये अवसरवाद की राजनीति है। सरकार ट्रंप को सीधा जवाब नहीं देना चाहती, जिन्होंने एक बार फिर (सातवीं बार) भारत-पाक के बीच मध्यस्थता की बात दोहराई है। सरकार संसद का विशेष सत्र बुलाए।'

Created On :   18 May 2025 1:44 PM IST

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