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Mumbai News: आदित्य बोले - बीसीसीआई का खून और रेवेन्यू एक साथ बह सकता है, नितेश ने कहा - बैलेट पेपर की मांग करनेवाले बैलेट पर चुनाव हारे

- पाकिस्तान के खिलाफ मैच खेलने को लेकर आदित्य ने केंद्रीय खेल मंत्री को लिखा पत्र
- बेस्ट एम्प्लाइज क्रेडिट सोसायटी चुनाव: ठाकरे भाइयों की अप्रत्याशित हार
- सोसायटी पर ठाकरे का नौ साल का कब्जा खत्म
Mumbai News. शिवसेना (उद्धव) विधायक आदित्य ठाकरे ने पाकिस्तान के खिलाफ क्रिकेट खेलने के मुद्दे पर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) और केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया है। आदित्य ने केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मांडविया को पत्र लिखकर कहा है कि क्या बीसीसीआई देश से बड़ा हो गया है? उन्होंने कहा कि पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते लेकिन लगता है बीसीसीआई का खून और राजस्व एक साथ बह सकता है। उन्होंने कहा कि जब पाकिस्तान लगातार सीमा पर आतंक फैलाने और निर्दोष भारतीयों की जान लेने में लगा हुआ है, तब ऐसे देश के साथ खेल संबंध रखना उचित नहीं है। आदित्य ने कहा कि ये काफी दुखद है कि भारत की क्रिकेट टीम को पाकिस्तान के साथ एशिया कप में मैच खेलने के लिए भेजा जा रहा है। क्या बीसीसीआई अब देश की भावनाओं और ऑपरेशन सिंदूर से ऊपर हो गया है? पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलना देश के शहीदों का अपमान है। उन्होंने कहा कि हमने पाकिस्तान को पहलगाम हमले का जिम्मेदार मानते हुए अपने डेलिगेशन विदेश में भेजे थे, क्या अब हमें फिर से डेलिगेशन भेजकर बताना चाहिए कि हम पाकिस्तान के खिलाफ क्रिकेट क्यों खेल रहे हैं? यह काफी शर्मनाक है कि जब पाकिस्तान की टीम भारत में हॉकी खेलने को लेकर मना कर चुकी है तो फिर बीसीसीआई ऐसा क्यों नहीं कर सकती। आदित्य ने कहा कि इन सभी मामलों में राजनीति से अलग हटकर एक अलग फैसला लेने की जरूरत है। गौरतलब है कि भारतीय टीम एशिया कप खेलने वाली है, जिसमें पाकिस्तान से भी मुकाबला होने वाला है।

बेस्ट एम्प्लाइज क्रेडिट सोसायटी चुनाव: ठाकरे भाइयों की अप्रत्याशित हार
उधर बेस्ट एम्प्लाइज को-ऑपरेटिव क्रेडिट सोसायटी चुनाव में ठाकरे बंधुओं को अप्रत्याशित हार झेलनी पड़ी। उद्धव ठाकरे की शिवसेना (उद्धव) और राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने गठबंधन कर उत्कर्ष पैनल गठित किया था। जबकि उनसे मुकाबले में भाजपा और शिवसेना (शिंदे) का समृद्धि पैनल और शशांक राव की बेस्ट वर्कर्स यूनियन थी। बीस साल बाद एक साथ आए ठाकरे बंधुओं का यह पहला चुनाव था। इसमें कुल 21 सीटों में से शशांक राव के पैनल ने 14 सीटें जीतीं जबकि महायुति के समृद्धि पैनल को 7 सीटें मिली। जबकि ठाकरे बंधुओं को एक भी सीट नहीं मिली। इन परिणामों के साथ ही नौ साल बाद बेस्ट एम्प्लाइज क्रेडिट सोसायटी में ठाकरे का वर्चस्व खत्म हो गया। इस चुनाव को बीएमसी का मिनी चुनाव कहा जा रहा है। बेस्ट एम्प्लाइज क्रेडिट सोसायटी चुनाव में शिवसेना (उद्धव) के नेतृत्व वाली बेस्ट कामगार सेना और मनसे की बेस्ट कामगार कर्मचारी सेना ने मिलकर ‘उत्कर्ष' पैनल खड़ा किया था। वहीं उनसे मुकाबले के लिए भाजपा विधायक प्रसाद लाड, नितेश राणे और शिवसेना (शिंदे) के किरण पावस्कर के नेतृत्व वाली महायुति ने समृद्धि पैनल और बेस्ट वर्कर्स यूनियन द्वारा प्रायोजित शशांक राव पैनल के बीच मुकाबला था।
शशांक राव, नेता- बेस्ट वर्कर्स यूनियन के मुताबिक ठाकरे जब सत्ता में थे तो उन्होंने बेस्ट को कमजोर किया। नवंबर तक बेस्ट बस सेवा के पास 250 बसें ही रह जाएंगी। हमने बेस्ट बेड़े में 3,337 बसें अपने स्वामित्व की रखने के लिए प्रशासन के साथ समझौता किया था। लेकिन ठाकरे ने कुछ नहीं किया। इसके उलट बेस्ट को निजीकरण की राह पर ले गए। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और आशीष शेलार ने हमारी मदद की।
नितेश राणे - राज्य सरकार में मंत्री और भाजपा नेता के मुताबिक देश में जब भी कोई चुनाव होता था तो ये लोग ईवीएम पर सवाल उठाकर बैलेट पेपर के जरिए चुनाव कराने की मांग करते थे। लेकिन जब बेस्ट का चुनाव बैलेट पेपर के जरिए हुआ तो उन्हें हार का कोई दूसरा बहाना बनाना पड़ेगा। जिन नेताओं की राजनीति मराठी वोट बैंक के चारो ओर घूमती है, आखिरकार मराठी मतदाताओं ने ही उन्हें हार का स्वाद चखाया है।
कुल सीटें - 21
शशांक राव पैनल- 14 सीटें
महायुति सहकारी समृद्धि पैनल - 7 सीटें
उत्कर्ष पैनल (शिवसेना (उद्धव) + एमएनएस)- 0 सीटें
Created On :   20 Aug 2025 9:56 PM IST