बिहार विधानसभा चुनाव 2025: विधायक के रूप में तेज प्रताप की हसनपुर क्षेत्र में निष्क्रिय सक्रियता ने आरजेडी को किया निराश, कड़े मुकाबले की उम्मीद

विधायक के रूप में तेज प्रताप की हसनपुर क्षेत्र में निष्क्रिय सक्रियता ने आरजेडी को किया निराश, कड़े मुकाबले की उम्मीद

डिजिटल डेस्क, पटना। 243 विधानसभा सीट वाले बिहार में हसनपुर, बिहार के समस्तीपुर जिले में आती है। हसनपुर खगड़िया संसदीय क्षेत्र का हिस्सा है। हसनपुर में यादव समुदाय की आबादी 30 प्रतिशत से अधिक है। यहां करीब 18 फीसदी एससी, 12 फीसदी मुस्लिम मतदाता है। हसनपुर पूरी तरह ग्रामीण क्षेत्र है, जहां शहरी वोटर्स नहीं हैं। क्षेत्र कृषि के लिए उपजाऊ होने की वजह से हसनपुर की अधिकतर जनता खेती पर डिपेंड है।

1967 में स्थापित हसनपुर में अब तक हसनपुर में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी, आरजेडी और जेडीयू ने तीन-तीन बार, जनता दल ने दो बार, जबकि कांग्रेस, जनता पार्टी और जनता दल (सेक्युलर) को एक-एक बार जीत मिली है। 2000 के बाद से हसनपुर आरजेडी और जेडीयू के बीच सीधी टक्कर का केंद्र रही है, जिसमें दोनों ने तीन-तीन बार जीत हासिल की है। एलजेपीआर का एनडीए के साथ आना व लोकसभा में एलजेपीआर की यहां बढ़त आरजेडी के लिए खतरे की घंटी है

हसनपुर से 2015 के विधानसभा चुनाव में आरजेडी को जीत मिली, लेकिन 2020 में तेज प्रताप की विवादित छवि के कारण आरजेडी की जीत को चिंता में डाल दिया था। विधायक के रूप में तेज प्रताप की क्षेत्र में निष्क्रिय सक्रियता से पार्टी को बेहद निराशाजनक कर दिया। हालांकि अब आरजेडी ने उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से बाहर कर दिया है।

तेज प्रताप से पहले हसनपुर को समाजवादी नेता गजेंद्र प्रसाद हिमांशु का अभेद किला कहा जाता था, क्योंकि उन्होंने 9 में 7 बार चुनाव जीता। वे संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी, जनता पार्टी, जनता पार्टी (सेक्युलर), जनता दल और जेडीयू जैसी विभिन्न समाजवादी विचारधारा वाली कई पार्टियों से विधायक निर्वाचित हुए।

बिहार में दो चरणों में 6 नवंबर और 11 नवंबर को वोटिंग होगी, नतीजे 14 नवंबर को आएंगे। आज 17 नवंबर को पहले चरण के नामांकन की आखिरी तारीख है। दूसरे चरण के लिए नामांकन की अंतिम तारीख 20 अक्टूबर है।

Created On :   31 Oct 2025 2:21 PM IST

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