- पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी की कोर ग्रुप की बैठक आज
- बाइडन प्रशासन ने पहली बार रूस पर लगाया प्रतिबंध, जहर बनाने के कारोबार पर लगाई लगाम
- बुलंदशहर में दुष्कर्म के बाद दिव्यांग बच्ची की हत्या, आरोपी ने घर में दबाया शव, गड्ढे के ऊपर थे जले हुए टुकड़े
- अमेरिका में सड़क हादसा: ट्रक से टकराई एसयूवी, 15 लोगों की मौत, कई घायल
- कर्नाटक: सेक्स टेप मामले में मंत्री रमेश जारकीहोली के खिलाफ बेंगलुरु में देर रात प्रदर्शन
चोपड़ा ने पूर्व पाकिस्तानी खिलाड़ियों को लताड़ा

हाईलाइट
- चोपड़ा ने पूर्व पाकिस्तानी खिलाड़ियों को लताड़ा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय टेस्ट टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज आकाश चोपड़ा ने उन पाकिस्तानी खिलाड़ियों को आड़े हाथों लिया है, जिन्होंने कहा था कि भारत 2019 विश्व कप में इंग्लैंड के खिलाफ जानबूझकर इसलिए हारा ताकि पाकिस्तान सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाए।
आकाश ने अपने यूट्यूब शो आकाशवाणी में कहा, मैं वो टी-शर्ट पहने हूं जिसमें लिखा है है शर्म नॉट फाउंड (शर्म नहीं मिली)। थोड़ा सोचो और शर्म करो। आईसीसी के ब्रांड एम्बेसडर होने के बाद भी वकार यूनिस ने विश्व कप के दौरान बयान दिया था कि भारत ने जानबूझकर मैच गंवा दिया। वाकई।
भारत को उस मैच में इंग्लैंड द्वारा रखे गए 338 रनों के लक्ष्य का पीछा करना था। इस मैच में भारत की जीत पाकिस्तान को नॉकआउट में पहुंचा देती। भारत हालांकि पांच विकेट पर 306 रन ही बना सकी थी। इंग्लैंड टीम के हरफनमौला खिलाड़ी बेन स्टोक्स ने अपनी किताब बेन स्टोक्स ऑन फायर में उस मैच में भारतीय बल्लेबाजों की एप्रोच पर सवाल उठाए हैं।
स्टोक्स की किताब के कारण कई पाकिस्तानी खिलाड़ियों ने भारत को घेरा। पूर्व हरफनमौला खिलाड़ी अब्दुल रज्जाक ने तो यहां तक कह दिया कि इसके लिए फाइन और पेनाल्टी होनी चाहिए। स्टोक्स ने बाद में खुद कहा था कि उन्होंने यह कभी नहीं कहा कि भारत जानबूझकर उस मैच को हारा।
आकाश ने कहा, विराट कोहली और रोहित शर्मा की साझेदारी का स्टोक्स के लिए मतलब न हो, या वह महेंद्र सिंह धोनी की एप्रोच से असमंजस में पड़ गए हों, यह समझ में आता है, लेकिन उन्होंने कभी नहीं कहा कि भारत जानबूझकर मैच हारा। पाकिस्तान के पूर्व खिलाड़ी साफतौर पर कह रहे हैं कि भारत जानबूझकर हारा और आईसीसी को उस पर जुमार्ना लगा देना चाहिए। आप इस तरह से कैसे सोच सकते हैं? उन्होंने कहा, उस समय भारत के लिए ज्यादा जरूरी था कि वह ग्रुप में शीर्ष पर रहे। भारत उस ग्रुप दौर में सिर्फ एक मैच हारी और वो इत्तेफाक से इंग्लैंड के खिलाफ था।
कमेंट करें
Real Estate: खरीदना चाहते हैं अपने सपनों का घर तो रखे इन बातों का ध्यान, भास्कर प्रॉपर्टी करेगा मदद

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
जानिए भास्कर प्रॉपर्टी के बारे में:
भास्कर प्रॉपर्टी ऑनलाइन रियल एस्टेट स्पेस में तेजी से आगे बढ़ने वाली कंपनी हैं, जो आपके सपनों के घर की तलाश को आसान बनाती है। एक बेहतर अनुभव देने और आपको फर्जी लिस्टिंग और अंतहीन साइट विजिट से मुक्त कराने के मकसद से ही इस प्लेटफॉर्म को डेवलप किया गया है। हमारी बेहतरीन टीम की रिसर्च और मेहनत से हमने कई सारे प्रॉपर्टी से जुड़े रिकॉर्ड को इकट्ठा किया है। आपकी सुविधाओं को ध्यान में रखकर बनाए गए इस प्लेटफॉर्म से आपके समय की भी बचत होगी। यहां आपको सभी रेंज की प्रॉपर्टी लिस्टिंग मिलेगी, खास तौर पर जबलपुर की प्रॉपर्टीज से जुड़ी लिस्टिंग्स। ऐसे में अगर आप जबलपुर में प्रॉपर्टी खरीदने का प्लान बना रहे हैं और सही और सटीक जानकारी चाहते हैं तो भास्कर प्रॉपर्टी की वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।
ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।