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दैनिक भास्कर हिंदी: हॉकी के स्टार खिलाड़ी सरदार सिंह ने की संन्यास की घोषणा, कुछ यूं रहा है पूर्व कप्तान का सफर
हाईलाइट
- भारत के पूर्व हॉकी कप्तान सरदार सिंह ने इंटरनेशनल हॉकी से संन्यास लेने की घोषणा की है।
- 12 साल के शानदार करियर के बाद बुधवार को उन्होंने इसका ऐलान किया।
- सरदार शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर अपने संन्यास की ऑफिशियल घोषणा करेंगे।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत के पूर्व हॉकी कप्तान सरदार सिंह ने इंटरनेशनल हॉकी से संन्यास लेने की घोषणा की है। 12 साल के शानदार करियर के बाद बुधवार को उन्होंने इसका ऐलान किया। उन्होंने कहा कि अब युवाओं को मौका देने का यही सही समय है। सरदार ने कहा कि उन्होंने एशियन गेम्स के बाद ही फैसला कर लिया था, लेकिन परिवार वालों से पूछना बाकी था। बता दें कि पिछले कुछ मैचों से सरदार का प्रदर्शन अंडर-स्कैनर था और वह अपने नाम के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाए थे। सरदार शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर अपने संन्यास की ऑफिशियल घोषणा करेंगे।
सरदार ने एक इंटरव्यू में कहा, 'हां, मैंने इंटरनेशनल हॉकी से संन्यास लेने का फैसला किया है। मैंने अपने करियर में पर्याप्त हॉकी खेली है। अब भारतीय टीम की बेहतरी के लिए युवाओं को बढ़ावा देने का समय है। मैंने चंडीगढ़ में अपने परिवार, हॉकी इंडिया और मेरे दोस्तों के साथ सलाह मश्वरा करने के बाद यह निर्णय लिया है। मुझे लगता है कि अब हॉकी के अलावा अपने घरेलू जीवन के बारे में सोचने का यह सही समय है।'
सरदार से यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने फिटनेस के कारण यह फैसला लिया है। इसपर उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि इस फैसले के पीछे फिटनेस कारण नहीं है। वह कुछ और साल तक हॉकी खेलने के लिए पूरी तरह फिट हैं।
सरदार भारतीय मिडफिल्ड की धूरी माने जाते हैं। उन्होंने अपने दम पर भारत को कई मैच जिताए हैं। सरदार ने देश के लिए 350 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं। उन्होंने 2008 से लेकर 2016 तक नेशनल टीम की कप्तानी भी संभाली है।
32 साल के इस खिलाड़ी ने अपना डेब्यू मैच 2006 में पाकिस्तान के खिलाफ खेला था। डेब्यू में अपने अच्छे प्रदर्शन के दम पर वह टीम में जगह बनाने में सफल रहे। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़ के नहीं देखा। सरदार 2008 में खेले गए सुल्तान अजलान शाह हॉकी टूर्नामेंट में भारतीय टीम की कप्तानी करने वाले सबसे युवा खिलाड़ी भी बने।
सरदार ने खेलों का महाकुंभ कहे जाने वाले ओलंपिक गेम्स में दो बार भारतीय टीम का नेतृत्व किया है। सरदार को 2012 में अर्जुन पुरस्कार दिया गया। वहीं 2015 में उन्हें पद्मश्री से भी नवाजा गया। 2018 कॉमनवेल्थ गेम्स में खराब फॉर्म की वजह से उन्हें टीम से बाहर भी होना पड़ा था। हालांकि उन्होंने शानदार वापसी करते हुए हॉकी चैंपियंस ट्रॉफी में भारतीय टीम को सिल्वर मेडल जीतने में अहम भूमिका निभाई।
सरदार ने एशियन गेम्स के बाद कहा था कि वह पूरी तरी से फिट है और 2020 टोक्यो ओलंपिक में खेलना चाहते हैं। हालांकि, हॉकी इंडिया ने बुधवार को घोषित किए गए 25 खिलाड़ियों की कोर टीम से उनका नाम हटा दिया था। इसके बाद से ही उनके संन्यास लेने की अटकलें बढ़ गई थी। हालांकि सरदार घरेलू हॉकी टूर्नामेंटों में खेलना जारी रखेंगे।
सरदार हरियाणा के सिरसा के रहने वाले हैं। उनका करियर विवादों से घिरा रहा है। कुछ साल पहले भारतीय मूल की ब्रिटिश महिला ने सरदार पर बलात्कार का आरोप लगाया था। हालांकि लुधियाना पुलिस की विशेष जांच दल ने उन्हें क्लीन चिट दी थी।
आईसेक्ट ग्रुप भोपाल: आईसेक्ट द्वारा ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट विषय पर विशेष ट्रेनिंग सेशन आयोजित
डिजिटल डेस्क, भोपाल। आईसेक्ट के एचआर एवं लर्निंग एंड डेवलपमेंट डिपार्टमेंट द्वारा एम्पलॉइज के लिए ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट पर एक विशेष ट्रेनिंग सेशन का आयोजन किया गया। इसमें यूनाइटेड किंगडम के कॉर्पोरेट इंटरनेशनल ट्रेनर जुबेर अली द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया। जिसमें उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को अपने अनुभवों, डेमोंस्ट्रेशन, वीडियो, स्लाइड शो के माध्यम से नई स्किल्स को प्राप्त करने और अपनी पर्सनेलिटी को बेहतर बनाने के तरीके बताए। साथ ही उन्होंने पर्सनेलिटी डेवलपमेंट और अपस्किलिंग के महत्व पर बात की और बताया कि करियर ग्रोथ के लिए यह कितना आवश्यक है। इस दौरान उन्होंने सफलता के लिए नौ सक्सेस मंत्र भी दिए। इस दौरान कार्यक्रम में एचआर कंसल्टेंट डी.सी मसूरकर और अल नूर ट्रस्ट के सदस्य उपस्थित रहे।
इस पहल पर बात करते हुए आईसेक्ट के निदेशक सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने कहा कि आईसेक्ट कौशल विकास के महत्व को समझता है इसी कारण अपने एम्पलॉइज की अपस्किलिंग के लिए लगातार विभिन्न प्रशिक्षण सेशन का आयोजन करता है। इसी कड़ी में ग्लोबल पर्सनेल डेवलपमेंट पर यह ट्रेनिंग सेशन भी एक कदम है।
स्कोप कैम्पस: खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली भीमबेटका, ओबेदुल्लागंज, मंडीदीप, भोजपुर होते हुए पहुंची रबीन्द्रनाथ नाथ टैगोर विश्वविद्यालय और स्कोप कैम्पस
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय और खेल एवं युवा कल्याण विभाग रायसेन के संयुक्त तत्वावधान में खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली आयोजित की गई। यह यात्रा होशंगाबाद से पर्वतारोही भगवान सिंह भीमबेटका लेकर पहुंचे। फिर भीमबेटका से रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने मशाल लेकर ओबेदुल्लागंज की ओर प्रस्थान किया। ओबेदुल्लागंज में रैली का स्वागत किया गया। साथ ही ओबेदुल्लागंज में मशाल यात्रा को विभिन्न स्थानों पर घुमाया गया। तत्पश्चात यात्रा ने मंडीदीप की ओर प्रस्थान किया। मंडीदीप में यात्रा का स्वागत माननीय श्री सुरेंद्र पटवा जी, भोजपुर विधायक ने किया। अपने वक्तव्य में उन्होंने खेलों को बढ़ावा देने के लिए मप्र सरकार द्वारा की जा रही पहलों की जानकारी दी और युवाओं को खेलों को जीवन में अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके अलावा खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 में खिलाड़ियों को जीत के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने खेलों इंडिया यूथ गेम्स के आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रयासों को रेखांकित किया।
साथ ही कार्यक्रम में रायसेन के डिस्ट्रिक्ट स्पोर्ट्स ऑफिसर श्री जलज चतुर्वेदी ने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि खेलों को बढ़ावा देने के लिए सरकार की विभिन्न गतिविधियों पर प्रकाश डाला और खेलों इंडिया यूथ गेम्स के खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दीं। यहां से धावकों ने मशाल को संभाला और दौड़ते हुए भोजपुर मंदिर तक पहुंचे। मंदिर से फिर यात्रा रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय तक पहुंचती और यहां यात्रा का डीन एकेडमिक डॉ. संजीव गुप्ता द्वारा और उपकुलसचिव श्री समीर चौधरी, उपकुलसचिव अनिल तिवारी, उपकुलसचिव ऋत्विक चौबे और स्पोर्ट्स ऑफिसर सतीश अहिरवार द्वारा भव्य स्वागत किया जाता है। मशाल का विश्वविद्यालय में भी भ्रमण कराया गया। यहां से यात्रा स्कोप कैम्पस की ओर प्रस्थान करती है। स्कोप कैम्पस में स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. डी.एस. राघव और सेक्ट कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सत्येंद्र खरे ने स्वागत किया और संबोधित किया। यहां से मशाल को खेल एवं युवा कल्याण विभाग के उपसंचालक जोश चाको को सौंपा गया।
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