कोरोना का असर: उमेश ने कहा, एक बार अभ्यास शुरू हो जाए, हम स्लाइवा बैन से निपट लेंगे
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने कोरोनावायरस खतरे के कारण गेंद को चमकाने के लिए लार के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है। अनुभवी भारतीय तेज गेंदबाज उमेश यादव का मानना है कि क्रिकेट शुरू होने के बाद इसका हल निकाल लिया जाएगा। उमेश मैदान पर ट्रेनिंग शुरू होने के बाद इसका समाधान निकालने को लेकर आश्चस्त है।
उमेश ने आईएएनएस से एक साक्षात्कार में कहा, हां, लार के बिना अचानक फिर से खेल शुरू करना मुश्किल होगा। हमने अब तक अभ्यास शुरू नहीं किया है। एक बार जब मैं मैदान पर उतर जाउं और लार के इस्तेमाल के बिना खेलने का अभ्यास शुरू कर दूं तो फिर मुझे पता चलेगा कि इसका क्या असर है। पुरानी गेंद के साथ यह अब भी ठीक है, लेकिन नई गेंद के साथ..मुझे नहीं पता कि लार को हटाने के बाद यह कितना चमकेगी। उन्होंने कहा, चूंकि सफेद गेंद कम स्विंग होती है, इसलिए टी 20 प्रारूप के लिए यह ठीक है। लेकिन मुख्य समस्या उस समय होगी जब हम टेस्ट मैच खेलेंगे। अगर हम लार का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं तो फिर गेंद को स्विंग कराने के लिए हमें नई तकनीकों के बारे में सोचना होगा। एक बार अभ्यास शुरू हो जाए तो हमें पता चल जाएगा कि इससे कैसे निपटना है।
यह पूछे जाने पर कि लॉकडाउन के कारण काफी लंबे समय बाद मैदान पर लौटना और अपने पुराने फॉर्म को वापस पाना कितना मुश्किल होगा, तेज गेंदबाज ने कहा कि गेंदबाज के रूप में कड़ी मेहनत और मांसपेशियों पर ध्यान केंद्रित करना महत्वपूर्ण होगा। उन्होंने कहा, एक पेशेवर के रूप में जब भी आप मैदान पर जाते हैं तो आप अपना 100 फीसदी देना चाहते हैं। लेकिन साथ ही आपको इस पर भी ध्यान देने की जरूरत है कि लॉकडाउन के बाद से आप उस तरह से अभ्यास नहीं कर रहे हैं, जैसे कि पहले करते थे। इसलिए शारीरिक रूप में गेंदबाजी करना और फील्डिंग करना थोड़ा मुश्किल होगा। लॉकडाउन के बाद जब हम मैदान पर लौटेंगे तो हम इस पर काम करना शुरू कर देंगे।
उमेश ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि आईपीएल लीग होगी क्योंकि इससे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने से पहले खिलाड़ियों को एक आदर्श प्रशिक्षण का मौका मिलेगा। 2011 में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में करियर की शुरुआत करने वाले उमेश ने भारत के लिए अब तक 46 टेस्ट, 75 वनडे और सात टी 20 मैच खेले हैं। उमेश को महेंद्र सिंह धोनी के अलावा विराट कोहली की कप्तानी में भी खेलने का मौका मिल रहा और दोनों में फर्क पूछे जाने पर उन्होंने कहा, मैंने माही भाई के मार्गदर्शन में अपने करियर की शुरुआत की थी। लोग उन्हें कैप्टन कूल कहते हैं। मैंने उनसे काफी कुछ सीखा है, जिसे मैं कोहली के मार्गर्शन में अमल में ला रहा हूं। विराट भी शानदार कप्तान है। वह काफी आक्रामक है। हमारी शारीरिक भाषा, हमारी सोच, सभी मैच। उनके मार्गदर्शन में खेलना अच्छा है।
उमेश ने भारत की गेंदबाजी इकाई को लेकर कहा कि इसका हिस्सा बनने पर उन्हें गर्व है और वह टीम में जगह बनाने के लिए स्वस्थ्य प्रतिस्पर्धा को पसंद करते हैं। उन्होंने कहा, अब हमारी गेंदबाजी आक्रमण काफी मजबूत है और सभी गेंदबाज शानदार प्रदर्शन कर रहे है। इसलिए मेरा मानना है कि तेज गेंदबाजों के बीच टीम में स्वस्थ्य प्रतिस्पर्धा है। जब मैं अभ्यास करता हूं तो प्रतिस्पर्धा के हिसाब से प्रत्येक दिन इसमें सुधार करता हूं।
Created On :   18 Jun 2020 4:00 PM IST