- डीजल-पेट्रोल के बाद बढ़े सीएनजी और पीएनजी के दाम, आज से लागू हुई कीमत
- चीनी हैकर्स ने एसआईआई और भारत बायोटेक को बनाया निशाना, कर रहा साइबर हमले
- पटरी पर लौट रही अर्थव्यवस्था, जीएसटी वसूली लगातार पांचवें महीने एक लाख करोड़ के पार
- असम में महसूस किए गए भूकंप के झटके, रिक्टर पैमाने पर 2.9 रही तीव्रता
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मैरीटाइम इंडिया समिट का आज 11 बजे करेंगे उद्घाटन
रांची टेस्ट : 40 अंकों पर हैं भारत-दक्षिण अफ्रीका की नजरें (प्रीव्यू)

हाईलाइट
- रांची टेस्ट : 40 अंकों पर हैं भारत-दक्षिण अफ्रीका की नजरें (प्रीव्यू)
रांची, 18 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारत ने दक्षिण अफ्रीका के साथ तीन मैचों की सीरीज 2-0 से अपने नाम कर ली है। सीरीज का तीसरा मैच शनिवार से यहां के झारखंड राज्य क्रिकेट संघ (जेएससीए) स्टेडियम में खेला जाएगा। मेहमान टीम के पास यह मैच आईसीसी टेस्ट चैम्पियनशिप में अहम अंक हासिल कर अंकतालिका में अपने आप को मजबूत करने के मौके के सिवाए कुछ नहीं है।
टेस्ट चैम्पियनशिप की शुरुआत में जिस तरह की बातें कही जा रही थीं कि इसमें हर एक मैच अहम होगा, इसकी बानगी तीसरे मैच में देखी जा सकती है।
बेशक दक्षिण अफ्रीका सीरीज नहीं जीत सकती है लेकिन यह मैच जीत कर वह अपने हिस्से 40 अंक ले सकती है, जो आगे उसे काम आएंगे। इस लिहाज से इस मैच को औपचारिकता मात्र नहीं कहा जा सकता।
वहीं, भारत सीरीज के दो मैच जीत 80 अंक इस सीरीज से ले चुका है, लेकिन उसकी कोशिश भी 40 अंक और लेने की होगी जो चैम्पियनशिप में अहम पड़ाव पर उसे फायदा पहुंचा सकते हैं।
दो टूक बात कही जाए तो यह मैच किसी भी लिहाज से औपचारिकता मात्र नहीं माना जा सकता और दोनों टीमें यहां भी उसी प्रतिस्पर्धा और जुनून के साथ खेलेंगी जैसे सीरीज की शुरुआत में खेली थीं।
भारत अभी तक दोनों मैचों- विशाखापट्टनम और पुणे में एकतरफा प्रदर्शन करती आई है। उसने बल्ले और गेंद दोनों से अच्छा किया है। मेजबान अपने फॉर्म को जारी रखने की पूरी कोशिश करेगी।
भारत की बल्लेबाजी इस सीरीज में विशाल स्कोर खड़ा करती रही है। पहले मैच में मयंक अग्रवाल के दोहरे शतक और रोहित शर्मा के दोनों पारियों में शतक के बूते भारत ने विशाल स्कोर किया था। वहीं दूसरे मैच में मयंक ने फिर अपना जलवा दिखाया और इस बार उन्हें कप्तान विराट कोहली का साथ मिला था। कोहली ने पुणे में खेले गए मैच में अपने टेस्ट करियर का सातवां दोहरा शतक जड़ा था। इनके दम पर भारत ने 600 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया था और दक्षिण अफ्रीका को पारी से मात दी थी।
भारतीय बल्लेबाजों का प्रदर्शन इतना शानदार रहा है कि विपक्षी टीम के कप्तान फाफ डु प्लेसिस ने हाल ही में अपनी टीम के बल्लेबाजों को भारत से सीखने और पहली पारी में बड़ा स्कोर करने की बात कही थी।
मेहमान टीम के बल्लेबाज अपने कप्तान की बात को कितना गंभीरता से लेते हैं वो मैच में ही पता चलेगा। हां, यहां कि विकेट बल्लेबाजों के अनुरूप मानी जाती है और अगर ऐसा होता है तो एक बार फिर स्कोरबोर्ड पर बड़ा स्कोर देखा जा सकता है।
दक्षिण अफ्रीका को हालांकि मैच से पहले एक बुरी खबर मिली है। उसके सलामी बल्लेबाज एडिन मार्कराम चोट के कारण टीम से बाहर हो गए हैं। उनके स्थान पर डु प्लेसिस किसे टीम में स्थान देते हैं यह उनके चिंता का विषय होगा।
मेहमान टीम के लिए अभी तक डी एल्गर कुछ अच्छा कर पाने में सफल हुए हैं। उन्होंने पहले मैच में शतक लगाया था। उनके अलावा कप्तान और क्विंटन डी कॉक ने भी ठीक प्रदर्शन किया है। टेम्बा बावुमा, थेयुसि डी ब्रूयन के बल्ले का खामोश होना टीम के लिए चिंता की बात है।
दूसरे टेस्ट मैच में केशव महाराज ने संघर्षपूर्ण 72 रनों की पारी जरूर खेली थी लेकिन उनसे हर मैच में रन करने की उम्मीद करना बेमानी होगा।
दक्षिण अफ्रीका के लिए भारत की गेंदबाजी सबसे बड़ी परेशान है। मोहम्मद शमी, उमेश यादव और ईशांत शर्मा ने नई गेंद से उन्हें परेशान किया और जब विकेट से रिवर्स स्विंग मिलने लगती है तो यह सभी खासकर शमी और घातक हो जाते हैं।
रांची की विकेट चौथे और पांचवें दिन टूट सकती है। इस स्थिति में रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा एक बार फिर मेहमान टीम के लिए सबसे बड़ी समस्या होंगे।
भारत ने दूसरे मैच में हनुमा विहारी को बाहक कर उमेश को मौका दिया था। तीसरे मैच में कोहली क्या संयोजन रखते हैं। यह देखना होगा।
कागिसो रबादा को छोड़ दिया जाए तो दक्षिण अफ्रीका का कोई और गेंदबाज मेजबान टीम के लिए परेशानी नहीं बन सका है। सेनुरान मुथुसामी और महाराज की स्पिन का भारत पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है।
टीमें (संभावित) :-
भारत : विराट कोहली (कप्तान), अजिंक्य रहाणे (उप-कप्तान), रोहित शर्मा, मयंक अग्रवाल, चेतेश्वर पुजारा, हनुमा विहारी, रविचंद्रन अश्विन, रवींद्र जडेजा, रिद्धिमान साहा (विकेटकीपर), ईशांत शर्मा, मोहम्मद शमी, उमेश यादव, कुलदीप यादव, ऋषभ पंत।
दक्षिण अफ्रीका : फाफ डु प्लेसिस (कप्तान), टेम्बा बावुमा (उप-कप्तान), थेयुनिस डे ब्रूयन, क्विंटन डी कॉक (विकेटकीपर), डीन एल्गर, जुबायर हम्जा, केशव महाराज, सेनुरान मुतुसामी, लुंगी नगिदी, एनरिक नोर्टजे, वार्नोन फिलेंडर, डेन पीट, कागिसो रबादा, रुडी सेकेंड।
कमेंट करें
Real Estate: खरीदना चाहते हैं अपने सपनों का घर तो रखे इन बातों का ध्यान, भास्कर प्रॉपर्टी करेगा मदद

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
जानिए भास्कर प्रॉपर्टी के बारे में:
भास्कर प्रॉपर्टी ऑनलाइन रियल एस्टेट स्पेस में तेजी से आगे बढ़ने वाली कंपनी हैं, जो आपके सपनों के घर की तलाश को आसान बनाती है। एक बेहतर अनुभव देने और आपको फर्जी लिस्टिंग और अंतहीन साइट विजिट से मुक्त कराने के मकसद से ही इस प्लेटफॉर्म को डेवलप किया गया है। हमारी बेहतरीन टीम की रिसर्च और मेहनत से हमने कई सारे प्रॉपर्टी से जुड़े रिकॉर्ड को इकट्ठा किया है। आपकी सुविधाओं को ध्यान में रखकर बनाए गए इस प्लेटफॉर्म से आपके समय की भी बचत होगी। यहां आपको सभी रेंज की प्रॉपर्टी लिस्टिंग मिलेगी, खास तौर पर जबलपुर की प्रॉपर्टीज से जुड़ी लिस्टिंग्स। ऐसे में अगर आप जबलपुर में प्रॉपर्टी खरीदने का प्लान बना रहे हैं और सही और सटीक जानकारी चाहते हैं तो भास्कर प्रॉपर्टी की वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।
ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।