MP News: तिरुवनंतपुर स्थित भारत के सबसे आधुनिक बंदरगाह विझिन्हम से भास्कर ब्यूरो, भोपाल की ग्राउंड रिपोर्ट

तिरुवनंतपुर स्थित भारत के सबसे आधुनिक बंदरगाह विझिन्हम से भास्कर ब्यूरो, भोपाल की ग्राउंड रिपोर्ट
  • देश की पहली स्वदेशी पोत यातायात प्रबंधन प्रणाली से कंट्रोल होते हैं जहाज। बंदरगाह पर 3 किमी ब्रेकवॉटर उत्कृष्ट इंजीनियरिंग का प्रमाण है।

डिजिटल डेस्क, भोपाल। केरल के तिरुवनंतपुरम जिले में नवनिर्मित (पहला चरण) अत्याधुनिक तकनीक से लेस विझिन्हम बंदरगाह दक्षिण एशिया के समुद्री व्यापार के लिए क्रांतिकारी साबित होगा। यह बंदरगाह अंतर्राष्ट्रीय शिपिंग मार्ग से महज 18 किमी दूरी पर होने के कारण भारत के समुद्री व्यापार का सबसे सुविधाजनक बंदरगाह है। यह सबसे डीप-सी पोर्ट भी है। इसकी प्राकृतिक गहराई (20 मीटर तक) है, जिससे इसका महत्व ओर बढ़ जाता है। बंदरगाह अरब सागर के दक्षिण-पूर्वी प्रवेश द्वार व समुद्री व्यापार मार्ग पर है। इससे पश्चिम की ओर जाने वाले कंटेनर ट्रांसशिपमेंट आसान है। जल्द ही इस बंदरगाह पर विश्व का सबसे बड़ा एमएससी आईरिना जहाज आ रहा है। इस बंदरगाह पर भारत की पहली स्वदेशी पोत यातायात प्रबंधन प्रणाली (वीटीएमएस, ट्रैफिक कंट्रोल) तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। बंदरगाह पर 8 अर्ध-स्वचालित रेल माउंटेड क्वे क्रेन (आरएमक्यूसी) और 24 ऑटोमेटेड कैंटिलीवर रेल माउंटेड गैन्ट्री क्रेन (सीआरएमजी) है। यहां देश की सबसे बड़ी क्रेन है जो 60 टन वजन उठाती है। इसके टर्मिनल ऑटोमेशन का प्रबंधन एनएवीआईएस, एबीबी और कैमको ऑटोमेशन सिस्टम से किया गया है।

बंदरगाह के लिए 3 किमी लंबा ब्रेकवाॅटर, समुद्र में इंजीनियरिंग

की उत्कृष्टता को प्रदर्शित करता है। ब्रेकवॉटर से समुद्री लहरों को नियंत्रित किया जाता है, ताकि जहाज आसानी से लंगर डाल सके। ब्रेकवॉटर के लिए लगभग 28 मीटर गहराई से 10 मीटर चौड़ा मार्ग बनाया गया है। फिलहाल 1 किमी ब्रेकवॉटर का पहला चरण पूरा हो गया। दूसरा चरण पूरा होना है। बंदरगाह में उपयोग की गई तकनीकें भारतीय मूल की है, जो इसे अन्य बंदरगाहों से अलग करती है। बंदरगाह पर कंटेनर टर्मिनल के गहरे पानी में 2 बर्थ है। एक की लंबाई 400 मीटर है। एक चालू हो गया। 24,000 टीईयू क्षमता वाले पैनामैक्स कंटेनर जहाजों को संभालने के लिए इसे डिज़ाइन किया गया है। बंदरगाह का पहला चरण 1.5 मिलियन ट्वेंटी फुट इक्वेलेंट यूनिट (टीईयू) की वार्षिक क्षमता और 7,200 टीईयू कंटेनरों के लिए ग्राउंड स्लॉट तैयार किया गया।

मछुआरा समुदाय की महिलाएं क्रेन से जहाज करती है लोड-अनलोड

केरल राज्य में अदाणी विझिन्हम पोर्ट प्राइवेट लिमिटेड (एवीपीपीएल) द्वारा बनाए गए इस बंदरगाह का पहला चरण हो गया। इसमें केरल राज्य में अब तक सबसे अिधक निजी निवेश मिला है। यह भारत के पश्चिमी तटों के निजी क्षेत्र के अग्रणी बंदरगाहों में से है। यहां कैंटिलीवर रेल माउंटेड गैन्ट्री (स्वचालित सीआरएमजी) क्रेनें महिलाएं ऑपरेट कर रही। कार्यरत 9 में से 7 महिलाएं मछुआरा समुदाय की है।

Created On :   18 Nov 2025 1:30 PM IST

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