Chhindwara News: बंद कोयला खदानें बनी मौत की खान, अब तक 10 से ज्यादा लोग जान गवां चुके

बंद कोयला खदानें बनी मौत की खान, अब तक 10 से ज्यादा लोग जान गवां चुके
कोयला चोरी से करोड़ों का कारोबार, रुपया कमाने जान हथेली पर रखकर करते हैं चोरी

Chhindwara News: कोयलांचल की पेंच और कन्हान क्षेत्र की बंद खदानों से कोल माफिया करोड़ों का कारोबार कर रहे हैं। अफसरों की अनदेखी से लोग चंद रुपयों के लालच में जान हथेली पर रखकर बंद खदानों से कोयला चोरी करते हैं। चोरी का कोयला खरीदने वाले कोल माफिया अफसरों से लेकर नेताओं तक खासी पैठ रखते हैं। यही वजह है कि कोयला खनन के बाद इन बंद खदानों को इन्हीं तस्करों के लिए खुला छोड़ दिया जाता है।

गौरतलब है कि पेंच व कन्हान क्षेत्र में कोयला उत्पादन के बाद बंद खदानों को खुला छोड़ दिया जाता है। सक्रिय कोल माफिया रुपयों का लालच देकर लोगों को इन बंद खदानों के अंदर भेजते हैं। कोयलांचल क्षेत्र में चोरी के कोयला का करोड़ों का कारोबार हर माह होता है। हालात यह हैं कि पांच सालों में इन बंद खदानों से कोयला चोरी करते समय 10 से ज्यादा लोग अपनी जान गवां चुके हैं। वहीं हाल ही में कोयला चोरी के दौरान हुए हादसे में तीन लोग घायल हुए हैं। जिनका उपचार जारी है।

ऐसे होता है बंद खदानों से कोयला चोरी

बंद खदानों से कोयला चोरी एक संगठित अपराध के रुप में होता है। मजदूर बंद खदानों के अंदर जाकर कोयले को बोरियों में एकत्रित करते हैं। कोल माफिया के तय ठिकानों पर बोरिया पहुंचाते ही उन्हें नगद भुगतान हो जाता है। फिर कोल माफिया चोरी के कोयले को ट्रकों में लोड कर

ईंट भट्टों, ढाबों में सप्लाई करते हैं। इसके अलावा खदानों के अंदर लोहा, तांबा भी मिलता है जिसके खरीददार किलो के भाव से इनका सौदा अलग करते हैं।

इन खदानों से होता है कोयला चोरी

पेंच क्षेत्र में इकलहरा, रावनवाड़ा, दीघावानी, शिवपुरी, हरनभटा और कन्हान क्षेत्र में अंबाड़ा, घोड़ावाड़ी और पनारा की बंद ओसीएम से अब भी कोयले का अवैध खनन जारी है।

पड़ोसी जिलों के कारखानों तक चोरी के कोयले की होती है सप्लाई

ईंट भट्टों में 14 से 16 हजार रुपए में एक ट्राली कम क्वालिटी अर्थात शेल युक्त कोयला बिकता है। उच्च गुणवत्ता वाला कोयला ट्रक और डम्पर से नर्मदापुरम, नरसिंहपुर, जबलपुर, इंदौर, भोपाल और नागपुर तक सप्लाई करते हैं।

बंद खदानों में मौत का तांडव

- मई 2020 में जमकुंडा के कस्तूरवा बंद ओपन कास्ट खदान में दबने से एक की मौत हुई थी।

- 30 अगस्त 2020 को कस्तूरवा ओपन कास्ट के गड्ढे में पानी में डूबने से दो युवकों की मौत हुई थी।

- 8 जनवरी 2021 को अंबाड़ा ओपन कास्ट में दबने से एक युवक की मौत हुई थी।

- अप्रैल 2021 में भवानी-2 खदान के मोहरे में दबने से एक बालक की मौत हुई थी।

- जुलाई 2021 में धाऊ बंद ओपन कास्ट में दबने से एक की मौत हुई थी।

- 19 सितंबर 2021 में अंबा ओपन कास्ट में पानी में डूबने से एक युवक की मौत हुई थी।

- 13 मार्च 2022 में अंबा ओपन कास्ट के नर्सरी में मुरम में दबने से एक मजदूर की मौत हुई थी।

- 25 सितंबर 2025 में मुआरी ओपन कास्ट में दबने से दो युवक की मौत हुई थी।

मजदूर संगठनों ने भी माना कोल प्रबंधन की गलती है, इसे ठीक करना चाहिए

ओसीएम में उत्पादन बंद होने के बाद निकाले गए मिट्टी- पत्थर का पुन: पुराव होना चाहिए, जिससे अवैध खनन की स्थिति निर्मित ना रहे। इस मामले को अगले माह वेकोलि स्तरीय संगठन की बैठक में उठाकर समाधान निकालने का रास्ता तलाशेंगे।

- निखलेश राहा, महामंत्री, बीएमएस श्रम संगठन

ओसीएम स्थल को उत्पादन बंद होने के बाद पूर्व की स्थिति में समतल करने का प्रावधान है, किन्तु कोल इंडिया इसका कहीं भी पालन नहीं कर रहा है। इंटक ने इस मामले को विभिन्न स्तर पर कई बार उठाया है। केन्द्र सरकार मामले को संज्ञान में लेकर कोल इंडिया को निर्देशित करें, जिससे अवैध खनन और हादसें रुकें।

- मनोज तिवारी, अध्यक्ष, इंटक श्रम संगठन

वेकोलि स्तर पर प्रबंधन के समक्ष यह मामला उठाएंगे। प्रबंधन सभी बंद ओसीएम में हटाए गए ओवर बर्डन- ओबी का पुन: पुराव करें अथवा यहां हादसा होने पर संबंधितों को मुआवजा की व्यवस्था दें। मौत के मुहाने को खुला छोडऩा उचित नहीं है।

- राजेश सूर्यवंशी, अध्यक्ष, एचएमएस श्रम संगठन

इनका कहना है

बंद खदान क्षेत्र की स्थिति पर जानकारी जुटा रहे हैं। यहां अवैध खनन अथवा हादसे को लेकर जो सूचना मिली, उसकी सत्यता की जांच होगी। क्षेत्र में कोई हादसा अथवा अवैध खनन ना हो इसके लिए पूरा प्रयास होगा।

- लक्ष्मीकांत माहापात्रा, महाप्रबंधक, पेंच- कन्हान क्षेत्र

विधायक- पूर्व विधायक भी एक मत

अवैध खनन से क्षेत्र में हो रही मौतों को लेकर सीएम व विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखूंगा। इंटक श्रम के माध्यम से विभिन्न स्तर पर मुद्दे उठाए गए, कलेक्टर से भी अवैध गतिविधियों पर रोक लगाने पत्र सौंपा जाएगा।

- सोहन वाल्मीक, विधायक परासिया

कोल प्रबंधन, सीआईएसएफ, पुलिस के बावजूद बंद खदानों से कोयला चोरी हो रहा है। मुख्य सडक़ के किनारे की इन खदानों से ऐसी गतिविधियां हो रही है। इसके लिए ये सब जिम्मेदार हैं।

- ताराचंद बावरिया, पूर्व विधायक परासिया

Created On :   18 Nov 2025 1:51 PM IST

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