म.प्र. में महिला सशक्तिकरण: SHG की महिलाओं ने की कोविड से लड़ने की तैयारी तेज, बड़ी संख्या में बनाए मास्क-सेनेटाइजर और साबुन, लोगों को भी किया जागरूक

SHG की महिलाओं ने की कोविड से लड़ने की तैयारी तेज, बड़ी संख्या में बनाए मास्क-सेनेटाइजर और साबुन, लोगों को भी किया जागरूक
  • स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने बनाए मास्क-साबुन
  • ग्रामीणों को कराए उपलब्ध
  • लोगोंं में फैलाई जागरूकता

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश में स्व-सहायता समूह (SHG) की महिलाएं कोविड-19 के नए वेरिएंट के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए खूब एक्टिव नजर आ रही हैं। महिलाएं बड़ी संख्या में कॉटन मास्क और सेनेटाइजर बनाने में जुटी हुई हैं। सबसे अच्छी बात तो यह है कि यह मास्क रि-यूजेबल हैं। अशोकनगर में आजीविका मिशन के 19 स्व-सहायता समूह की महिलाएं मास्क बना रही हैं। सिर्फ मास्क ही नहीं बल्कि दो समूह की महिलाएं साबुन भी बना रही हैं। लोग यह 10 रुपये प्रति नग मूल्य के हिसाब खरीद रहे हैं। अगर लोग 100 ग्राम वाले साबुन लेना चाहते हैं तो इसकी कीमत 20 रुपये प्रति नग है। वहीं, 50 ग्राम वाले साबुन की कीमत 10 रुपये तय की गई है।

अब तक कितने मास्क-साबुन बनाए?

स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा जनपद पंचायत, महिला-बाल विकास और स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य विभागों में मास्क उपलब्ध करवाए गए हैं। साथ ही, ग्रामीणों को भी यह मास्क दिए गए हैं। जिले में अब तक रात-दिन मेहनत कर के महिलाओं ने लगभाग 46,000 मास्क और 2,500 साबुन उपलब्ध करवाए जा चुके हैं।

अनूपपुर जिले में नवांकुर संस्था मास्क बना रहा है। जिले में 1500 मुफ्त मास्कों को जन-अभियान परिषद के सदस्यों के माध्यम से बांटा जा रहा है। परिषद के सदस्य कोविड से बचने के लिये गांव के लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग के बारे जागरूक कर रहे हैं। लोगों को दीवार लेखन के जरिए भी जानकारी दी जा रही है। मण्डला जिले में आजीविका मिशन के स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने पुलिस डिपार्टमेंट को 1500 मास्क उपलब्ध कराये हैं। इसके अलावा जिले के विकासखण्डों में 2 हजार से ज्यादा मास्क बाटें जा रहे हैं। होशंगाबाद जिले में SHGs की महिलाएं बिलकुल पीछे नहीं हैं। वह भी सेनिटाइजर और मास्क बनाने में लगी हुई हैं। महिलाओं ने अब तक 78,000 मास्क और 1200 लीटर सेनिटाइजर तैयार कर अलग-अलग विभागों और लोगों को उपलब्ध करवाए हैं।

सीहोर में आजीविका मिशन से जुड़े स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने 4500 मास्क उपलब्ध करवाए हैं। इन महिलाओं ने जिले में कई स्थलों पर स्टॉल्स लगाए हैं। इन स्टॉल्स पर उचित कीमत पर मास्क और सेनिटाइजर बेचे जा रहे हैं।

महिलाएं कर रहीं लोगों को जागरूक

श्योपुर में समूह से जुड़ी महिलाओं ने 68,000 से ज्यादा मास्क तैयार किए हैं। इतना ही नहीं बल्कि वह सेनिटाइजर और साबुन बनाने में भी पीछे नहीं हैं। इन सभी चीजों को ग्रामीण इलाकों में बांटा जा रहा है।शाजापुर जिले में 57स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने लगभग 80,000 मास्क बना कर यह साबित किया है कि वह कोविद से लड़ने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहतीं। यह लोगों को अच्छी तरह से हाथ धोने, सोशल डिस्टेंसिंग और ठीक तरह से मास्क लगाने को लेकर जागरूक कर रही हैं।

मोहन सरकार ने स्व-सहायता समूह के लिए क्या किया?

महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्व-सहायता समूहों (SHGs) को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। इनके माध्यम से महिलाओं को प्रशिक्षण, ऋण और बाजार तक पहुंच प्रदान की जाती है। यह पहल ग्रामीण महिलाओं को अपने उत्पाद बेचने और आर्थिक रूप से मजबूत होने में मदद कर रही है।

Created On :   24 May 2025 4:14 PM IST

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