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CIIIT प्रकल्प से निर्माण होंगे कुशल मानवबल
डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली । विज्ञान और तकनीक का आधार लेते हुए युवाओं को उच्च शिक्षा और स्वयंरोगजार उपलब्ध कराने का कार्य गोंडवाना विश्वविद्यालय की ओर से शुरू है। आदिवासी परंपरा, संशोधनात्मक व आधुनिक शिक्षा पर जोर देते हुए उन्हें शिक्षा की मुख्य प्रवाह में लाने का कार्य यूनिवर्सिटी की ओर से शुरू है। वर्तमान उद्योग की तुलना में कुशल मनुष्यबल की संख्या बहुत ही कम है। यह ध्यान में रखकर गोंडवाना विवि और जिला प्रशासन की सामंजस्य करार किया गया है, जिसके तहत टाटा टेक्नोलॉजी का ‘सीआईआईआईटी' प्रकल्प से निर्माण किया जा रहा है। उद्योग क्षेत्र में कुशल मनुष्यबल निर्माण करना यह इस प्रकल्प का मुख्य उद्देश्य है।
इस केंद्र की विशेषता: विद्यार्थियों को किताबी ज्ञान के साथ ही प्रैक्टिकल पर अधिक महत्व दिया जाएगा। इसके लिए आवश्यक सभी सामग्री उपलब्ध करवाई जाएगी। इलेक्ट्रिकल और संबंधित उद्योग क्षेत्र की शिक्षा दी जाएगी। विवि परिसर में करीब 1 एकर परिसर में सभी सुविधा उपलब्ध की जाएगी। इस केंद्र में ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थी के लिए कौशल्य पाठ्यक्रम का मौका उपलब्ध किया जाएगा।
क्या है सीआईआईआईटी (CIIIT)
टाटा टेक्नोलॉजी का ‘सीआईआईआईटी' गड़चिरोली जिले के जिलाधीश संजय मिणा और गोंडवाना विवि के कुलगुरु डा. प्रशांत बोकारे के सहयोग से प्रोत्साहन, नवकल्पना और प्रशिक्षण (सेंटर फॉर इन्वेंंशन, इनोवेेशन, इंनकुबेशन एंड ट्रेनिंग ) केंद्र है। जहां जिले के व नजदीक के समुदायियों को उनके जीवन अधिक अच्छा करने व्यापक अमल में प्रभावी, एकात्मिक और शाश्वत सेवा का वितरण रहेगा। गोंडवाना विश्वविद्यालय का विशेष योगदान 170 करोड़ का टाटा टेक्नोलॉजी का स्किल डेवलपमेंट सेंटर विवि में शुरू हो रहा है। इसके लिए विवि ने अपने जगह से एक एकड़ जगह इस सेंटर के लिए दिए हैं। इस प्रकल्प का कार्य वर्तमान में शुरू हैं। इससे जिले के विद्यार्थी कौशल्यपूर्ण और रोजगारक्षम होंगे। जिला प्रशासन व टाटा टेक्नोलॉजी के सहयोग से यह प्रोजेक्ट शुरू है।
Created On :   18 May 2023 4:10 PM IST