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झोपड़पट्टियों में बसी है 8 लाख आबादी
डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर का तेजी से विस्तार हो रहा है। उसी गति से शहर में झोपड़पट्टियां बढ़ रही हैं। वर्तमान स्थिति में शहर की 8 लाख आबादी झोपड़पट्टी में बसी है। मनपा के स्लम विभाग ने साल 2015 में सर्वेक्षण कर 299 झोपड़पट्टियां अधिकृत और 129 झोपड़पट्टियां अनधिकृत घोषित की हैं। 7-8 साल में अनेक नई बस्तियां बसीं। साल 2015 के बाद सर्वेक्षण नहीं होने से नई झोपड़पट्टी की मनपा के स्लम विभाग के पास जानकारी नहीं है।
अधिकृत में 6 लाख, 71 हजार आबादी : मनपा द्वारा 299 झोपड़पट्टी अधिकृत घोषित की जा चुकी है। इन बस्तियों में 1 लाख 17 हजार मकान बन चुके हैं। इन मकानों में 6 लाख, 71 हजार नागरिक रह रहे हैं।
प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं :बेघरों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना लाई गई। इस योजना अंतर्गत जिनके पास खुद की जमीन है, उन्हें मकान बनाने के लिए अनुदान दिया जाता है। झोपड़पट्टी में कई लोग झोपड़ा या कच्चे मकान में रहते हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ पाने के लिए जमीन के मालिकाना अधिकार के दस्तावेज और नक्शा उनके पास नहीं है। इस समस्या का हल निकालने निजी एजेंसी के माध्यम से अनधिकृत झोपड़पट्टी का नक्शा मंजूर कर प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिलाने की पहल की गई। वह फाइल कार्यालयीन प्रक्रिया में दबी रह जाने से गरीबों के आशियाने का सपना अधूरा रह गया।
वोट बैंक बढ़ाने दिया जा रहा संरक्षण :शहर में बस रही अनधिकृत झोपड़पट्टियों को राजनीतिक संरक्षण मिल रहा है। राजनीतिक हस्तक्षेप हो जाने से प्रशासन चाहकर भी अनधिकृत झोपड़पट्टियों को हटाने के मामले में बेबस नजर आ रहा है। नियम व शर्तों को पूरा नहीं कर पाने से उसे अधिकृत घोषित करने में प्रशासन कतरा रहा है।
अनधिकृत में 1 लाख, 23 हजार आबादी : मनपा के रिकॉर्ड में शहर में 129 अनधिकृत झोपड़पट्टी हैं। सरकारी तथा निजी जमीन पर कब्जा जमाकर बैठे अनधिकृत झोपड़पट्टी में 19 हजार मकान बने हैं। वहां 1 लाख, 23 हजार आबादी रह रही है।
Created On :   20 May 2023 4:38 PM IST