जिप स्थायी समिति की बैठक में हंगामा

जिप स्थायी समिति की बैठक में हंगामा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। जिला परिषद में सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच गत कुछ महीनों में टकराव तीव्र हो गया है। स्थायी समिति की बैठक में नेता प्रतिपक्ष और उपाध्यक्ष के बीच हुई गहमा-गहमी से फिर एक बार इसकी अनुभूति हुई। उपाध्यक्ष कुंदा राऊत ने विपक्ष पर तेज आवाज में पदाधिकारी और प्रशासन पर दबाव बनाने का प्रयास किए जाने का अारोप लगाया, वहीं नेता प्रतिपक्ष आतिश उमरे ने सत्तापक्ष पर हुकुमशाही चलाने का आरोप लगाकर उसे बर्दाश्त नहीं करने का दम भरा। सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच विवाद से हंगामा हो गया।

इसलिए हुआ विवाद : नागरी व जनसुविधा योजना को लेकर स्थायी समिति की बैठक में सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच जमकर विवाद हुआ। जिला परिषद के अधिकार छीनकर विधायकों को दिए जाने की पदाधिकारियों ने टिप्पणी करने पर नेता प्रतिपक्ष आतिश उमरे ने आपत्ति दर्ज की। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतों ने दिए प्रस्ताव पर अध्यक्ष ने हस्ताक्षर किए। संपूर्ण प्रक्रिया ऑफलाइन हुई। अध्यक्ष ने प्रस्ताव बिना पढ़े हस्ताक्षर तो नहीं किए। यह कहने पर उपाध्यक्ष कुंदा राऊत आक्रामक हो गई। हम भी आवाज बढ़ाना अच्छी तरह जानते हैं। बोतल भी फेंक सकते हैं। यह कहने की देर थी कि सदन में हंगामा शुरू हो गया। कांग्रेस के बागी नाना कंभाले भी विपक्ष के साथ खड़े हुए। एक घंटे से ज्यादा देर तक उमरे और राऊत के बीच तू-तू, मैं-मैं चली। राकांपा गटनेता दिनेश बंग ने बीच-बचाव कर दोनों पक्ष को शांत किया।

अपने ही आदेश से अध्यक्ष का यू-टर्न : हिंगना तहसील के इसासनी सर्कल में ग्राम पंचायत सदस्यों के प्रस्ताव पर विकास कार्यों को मंजूरी दी गई। उसे बदलकर जिप सदस्यों के प्रस्ताव मंजूर करने का गत बैठक में अध्यक्ष ने आदेश दिया था। गुरुवार को हुई बैठक में अध्यक्ष ने यू-टर्न लेकर प्रस्ताव बदलने से मना कर दिया। अपने ही आदेश को यू-टर्न देने पर विपक्ष आक्रामक हो गया। जिप सदस्यों से क्यों प्रस्ताव मंगवाए गए। यह सवाल करने पर उपाध्यक्ष ने प्रस्ताव स्वीकृत नहीं करने का जवाब दिया। विपक्ष ने आक्रामक होकर सत्तापक्ष पर दबाव बनाने का प्रयास किया। सत्तापक्ष ने डटकर मुकाबला कर विपक्ष को निरुत्तर करने की जिप के गलियारों में चर्चा रही।

उपाध्यक्ष की हुकुमशाही : सदन में सदस्यों के सवाल का अध्यक्ष से जवाब मिलना अपेक्षित है। अध्यक्ष की भूमिका में उपाध्यक्ष ने जवाब देना, अध्यक्ष की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रहा है। प्रशासन पर पकड़ नहीं रहने से अनेक विकास कार्य लड़खड़ा गए हैं। सदन में उपाध्यक्ष की हुकुमशाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। -आतिश उमरे, नेता प्रतिपक्ष

जैसे को तैसे जवाब : विपक्ष ने तेज आवाज में महिला पदाधिकारी व सदस्यों पर दबाव बनाने का प्रयास किया। महिलाओं के साथ तेज आवाज में बात करने की विपक्ष की हरकत ठीक नहीं है। उसे जैसे को तैसे जवाब दिया। -कुंदा राऊत, उपाध्यक्ष

Created On :   26 May 2023 6:00 PM IST

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