सुरजागढ़ पहाड़ी के अतिरिक्त 4 ब्लॉक की निविदा प्रक्रिया पूर्ण

सुरजागढ़ पहाड़ी के अतिरिक्त 4 ब्लॉक की निविदा प्रक्रिया पूर्ण
  • देवलमरी-काटेपल्ली के लिए अंबुजा इच्छुक
  • सभी पांच निविदाओं का हो रहा विरोध

डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली । आदिवासी बहुल और नक्सल प्रभावित गड़चिरोली जिले में लगातार बढ़ रही बेरोजगारों की संख्या को देखते हुए केंद्र व राज्य सरकार ने यहां उद्योगों को बढ़ावा देने का फैसला लिया है। इसी फैसले के तहत सरकार ने हाल ही में सुरजागढ़ पहाड़ी के अतिरिक्त 4 ब्लॉक की निविदा प्रक्रिया चलायी। यह प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद जेएसडब्ल्यू (जिंदाल), रायपुर की सारडा, नागपुर की यूनिवर्सल और जालना जिले के अोम साईंराम कंपनी को आगे की प्रक्रिया बढ़ाने के लिए जिला प्रशासन ने आमंत्रित किया है। वहीं पिछले तीन दशकों से अधर में पड़ी अहेरी तहसील की देवलमरी-काटेपल्ली चुनखड़ी उत्खनन के लिए अंबुजा कंपनी इच्छुक होने के कारण जिला प्रशासन ने इस कंपनी को भी आगे की प्रक्रिया के लिए आमंत्रित किया है। इस बीच सुरजागढ़ पहाड़ी के अतिरिक्त 4 ब्लॉक समेत देवलमरी-काटेपल्ली चुनखड़ी उत्खनन से स्थानीय निवासियों पर विस्थापित होने की संभावना को देखते हुए निविदा प्रक्रिया के दौरान ही उक्त सभी 5 निविदा प्रक्रिया को विरोध होने लगा है।

बता दें कि, नक्सलग्रस्त एटापल्ली तहसील में सुरजागढ़ पहाड़ी बसी हुई है। केंद्र व राज्य सरकार द्वारा इस पहाड़ी पर लोह उत्खनन की अनुमति मिलने के बाद भी स्थानीय लोगों के विरोध के चलते उत्खनन का कार्य 2 दशकों से अधर में पड़ा था। पिछले डेढ़ वर्ष से इस पहाड़ी पर लॉयड्स एंड मेटल्स कंपनी द्वारा लोह उत्खनन का कार्य किया जा रहा है। वर्तमान में सुरजागढ़ पहाड़ी पर 348 हेक्टेयर वनभूमि उत्खनन के लिए कंपनी को हस्तांतरित की गयी है। अब नए खदान की निविदा प्रक्रिया पूर्ण होने से सुराजगढ़ पहाड़ी पर लगभग 4 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में उत्खनन का कार्य किया जाएगा। इस उत्खनन के माध्यम से स्थानीय नागरिकों को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से अब सरकार द्वारा सभी प्रस्तावित खदान को शुरू करने का कार्य किया जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि, देवलमरी-काटेपल्ली चुनखड़ी के लिए प्रस्तावित की गयी 538 हेक्टेयर जमीन में से 263 हेक्टेयर जमीन वनविभाग की होकर 258 हेक्टेयर जमीन निजी है। यहां पर केवल 16 हेक्टेयर जमीन राजस्व विभाग की है। उत्खनन प्रक्रिया के माध्यम से स्थानीय नागरिकों को रोजगार उपलब्ध कराने का उद्देश्य रखा गया है। इसी उत्खनन से स्थानीय नागरिकों को हो रही परेशानी को दूर नहीं करने से लोगों में असंतोष व्यक्त होने लगा है। प्रस्तावित खदानों के लिए चलायी गयी निविदा प्रक्रिया के बाद चयनित कंपनियों को आगामी कुछ ही दिनों में गड़चिरोली बुलाने की जानकारी मिली है।

दो माह से अनशन पर बैठे हैं आदिवासी

सुरजागढ़ पट्टी पारंपरिक गोटूल समिति और दमकोंडवाही बचाओ आंदोलन समिति द्वारा एटापल्ली तहसील के ग्राम तोड़गट्टा में शुरू किया गया अनशन लगातार 2 माह से जारी है। ग्रामसभाओं ने आरोप लगाया हैं कि, केंद्र व राज्य सरकार स्थानीय नागरिकों को विस्थापित कर लोह उत्खनन को बढ़ावा दे रहीं है। सुरजागढ़ पहाड़ी का कच्चा लोहा सीधे छत्तीसगढ़ भेजने के लिए ग्रामसभाओं की अनुमति के बिना ही सड़क निर्माण की जा रहा है। लगातार 2 माह से हजारों आदिवासी इस आंदोलन में डटे होने के बाद भी अब तक किसी जनप्रतिनिधि अथवा प्रशासनीक अधिकारियों ने आंदोलनकर्ताओं को भेंट नहीं देने से ग्रामीणों में तीव्र असंतोष व्यक्त होने लगा है।

Created On :   19 May 2023 9:50 AM GMT

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