ट्रैफिक पुलिस विभाग में तबादला ,वरिष्ठ अधिकारियों की भूमिका की होगी जांच

ट्रैफिक पुलिस विभाग में तबादला ,वरिष्ठ अधिकारियों की भूमिका की होगी जांच
  • ‘पारदर्शक तबादला’ से खुल रहे राज
  • अधिकारियों की घिग्घी बंधी

डिजिटल डेस्क, नागपुर । ‘पारदर्शक तबादला’मामले में यातायात पुलिस विभाग में कर्मचारियों की करतूत के नए-नए किस्से धीरे-धीरे सामने आ रहे हैं। सूत्रों के अनुसार इस मामले में यातायात विभाग के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक स्तर के अधिकारियों के कार्यकाल की व भूमिका की जांच भी की जाएगी। कारण लंबे समय से एक ही विभाग में जमे कर्मचारियों के बारे में उन्हेें मालूम कैसे नहीं हुआ। पुलिस आयुक्त ने जब से विवादित कर्मचारियों के बयान लेने की बात की है, तब से वे अपने पक्ष को कैसे मजबूत बनाया जाए, इस उधेड़बुन में लगे हैं। बता दें कि, शहर पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने कमान संभालने के बाद बेहतर तरीके से अधिकारी-कर्मचारी बिना किसी परेशानी के आसानी से काम कर सकें, इसलिए उन्होंने ‘पारदर्शक तबादला’ नामक अनोखी पहल शुरू की है। इस पहल के तहत किसी भी अधिकारी-कर्मचारी का उनकी मनचाही जगह पर तबादला किया जाता है, बशर्ते वह जहां जाना चाहता है, वहां जगह खाली हो।

...और अधिकारियों की नजर से बच जाते थे

यातायात पुलिस विभाग के विवादित कर्मचारी इतने होशियार हैं कि, वे अपने नाम ‘पारदर्शी तबादला’ सूची में भिजवाते ही नहीं थे और अधिकारियों की नजर से बच जाते थे। यह कर्मचारी यातायात विभाग के कार्यालय में ही कई साल से कुंडली मारकर बैठे थे। विवादित कर्मचारियों में फिरोज, जुनैद, राहुल के अलावा ओम, दत्ता, नंदू, कडू, देशमुख सहित अन्य कुछ पुलिसकर्मियों के नाम चर्चा में आए थे। इनकी करतूतों के बारे में पता चलने पर पुलिस आयुक्त ने सभी के तबादले किए। इनके अलावा यातायात विभाग में वर्षों से कार्यरत कर्मचारियों के बारे में पता चलने पर उनके भी तबादले कर दिए। फिरोज सीताबर्डी में करीब एक दशक तक रहा। यह कालावधि पूरी होने के बाद भी ज्वाइनिंग डेट पर लिपिक से मिलीभगत कर काट-छांट कर तबादला की सूची से नाम हटवा लेता था।

तबादला होने के बाद भी जुगाड़ जमा लेते थे

दत्ता भी सीताबर्डी यातायात एसीपी कार्यालय में करीब एक दशक तक जमा रहा। जुनैद लकड़गंज यातायात कार्यालय में तबादला कालावधि पूरा हुए 6 साल हो गए थे, लेकिन सर्विस शीट में आमद तारीख में काट-छांट करने की बात पुलिस आयुक्तालय को पता चली। रामसीस, प्रेमचंद सहित ऐसे कई नाम हैं, जो तबादला होने के बाद भी वापस जुगाड़ जमा लेते थे।

Created On :   23 May 2023 2:55 PM IST

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