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चंद्रपुर और गड़चिरोली के बाघों की नागझिरा में होगी मेहमाननवाजी
- विदर्भ में हैं सबसे अधिक बाघ
- बाघों की होगी मेडिकल जांच
- 6 बाघों का होगा स्थानांतरण
डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर। चंद्रपुर और गड़चिरोली जिले से पिंजराबंद दो बाघों को भारतीय वन्यजीव संस्था देहरादून के कार्यक्रम अनुसार चंद्रपुर -गड़चिरोली जिले से दो बाघों की मेडिकल जांच के बाद भंडारा जिले के नवेगांव-नागझिरा अभयारण्य में छोड़ा जाएगा। चंद्रपुर -गड़चिरोली जिले से दो बाघों की मेडिकल जांच के बाद भंडारा जिले के नवेगांव-नागझिरा अभयारण्य में छोड़ा जाएगा।.चंद्रपुर गड़चिरोली से पकड़े दोनों बाघों की मेहमान नवाजी अब नवेगांव नागझिरा में होगी।विश्व के महज 14 देशों में बाघ है जिसमें से कुल बाघों में से 50 फीसदी बाघ भारत में हैं। विदर्भ में बाघों की संख्या देश में सर्वाधिक है जिसमें चंद्रपुर जिला बाघों के लिए नंदनवन माना जाता है। यह बात भले अभिमान के साथ कही जाती है किंतु पिछले तीन वर्ष का रिकार्ड देखा जाए तो बाघों की बढ़ती संख्या मानव वन्यजीव संघर्ष का मुख्य कारण है। वर्ष 2021 में बाघ के हमले में 31, 2022 में 53 लोगों की मौत हुई थी। इस वर्ष जनवरी से अब तक 8 लोग हिंसक पशुओं के हमले का शिकार हो चुके हंै। इसलिए चंद्रपुर और गड़चिरोली जिले के 6 बाघों को नवेगांव नागझिरा अभयारण्य तथा जहां बाघों की संख्या कम है ऐसे अभयारण्य में छोड़ने का कार्यक्रम भारतीय वन्यजीव संस्था तथा वनविभाग ने तैयार किया है।
इस कार्यक्रम को मूर्त रूप देने के लिए चंद्रपुर और गड़चिरोली जिले से एक एक बाघ को पिंजराबंद किया गया है। गड़चिरोली जिले के आरमोरी और चंद्रपुर जिले के शिवणी कारवा जंगल से पकड़े बाघ की भारतीय वन्यजीव संस्था के अभ्यासक और पशु वैद्यकीय अधिकारी दोनों बाघ की जांच करेंगे। जांच के बाद उनकी हालत बेहतर पाए जाने पर भारतीय वन्यजीव संस्था देहरादून के अधिकारी बाघों को नागझिरा अभयारण्य में छोड़ने का निर्णय लेंगे। बाघों के स्थानांतरण का यह सारा कार्यक्रम भारतीय वन्यजीव संस्था के मार्गदर्शन में चल रहा है। इस बीच ताड़ोबा के पशुवैद्यकीय अधिकारी डा. रविकांत खोब्रागडे और उनकी टीम ने प्रयास कर बाघ को पिंजराबंद किया है।
Created On :   19 May 2023 2:45 PM IST