राजस्थान: राहुल गांधी के सामने पायलट के इन सात मुद्दों ने फंसाया पेंच
- सचिन ने राहुल गांधी से कहा
- मैं राजनीति में किसी विशेष जाति या समुदाय को लेकर नहीं चलता हूं
- फिर भी मुझे गुर्जर होने की बात क्यों चस्पा की जा रही है।
- सचिन ने राहुल से कहा
- यदि जाति ही मायने रखती तो तेली समाज से आने वाले पीएम मोदी आज प्रधानमंत्री नहीं होते।
- सचिन पायलट ने राहुल गांधी के सामने रखी अपनी बात
डिजिटल डेस्क, जयपुर। मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री के लिए कमलनाथ के नाम पर मुहर लग चुकी है। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी कमलनाथ का समर्थन किया, लेकिन राजस्थान, छत्तीसगढ़ में गुत्थी अब तक नहीं सुलझी है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी आज (शुक्रवार) को इस पर अपना फैसला सुनाएंगे। राजस्थान की जनता हो या पायलट-गहलोत के समर्थक सभी को अपने मुखिया का बेसब्री से इंतजार है। सभी के मन एक प्रश्न है कि ऐसी कौन सी वजह जिसके चलते राजस्थान में अब तक सीएम का फैसला नहीं हो पाया है।
सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस राजस्थान में सरकार बनने पर दो बार के मुख्यमंत्री रहे अशोक गहलोत पर दांव लगाने जा रही थी, काफी कुछ तय हो गया था, लेकिन ऐन मौके पर पायलट समर्थकों ने राहुल के सामने ऐसी तस्वीर पेश की, जिसके बाद पेंच और फंस गया। दरअसल सचिन पायलट ने राहुल गांधी के सामने अपना पक्ष रखते हुए ऐसे 7 अहम मुद्दों को पेश किया है। इसके बाद ही राहुल के दरबार में मामले को एक दिन के लिए टाल दिया गया वरना गहलोत तो सीएम बनने की हरी झंडी लेकर जयपुर जाने के लिए दिल्ली एयरपोर्ट पर बोर्डिंग पास तक ले चुके थे। लेकिन आखिरी मौके पर गहलोत और सचिन दोनों को दिल्ली रुकने को कह दिया गया।
सचिन पायलट ने राहुल गांधी के सामने रखे ये सात मुद्दे
- सचिन ने राहुल गांधी से कहा, मैं राजनीति में किसी विशेष जाति या समुदाय को लेकर नहीं चलता हूं, फिर भी मुझ पर गुर्जर होने की बात क्यों चस्पा की जा रही है। मुझसे कहा जा रहा है कि 4.5 प्रतिशत गुर्जर हैं, लेकिन मैंने सभी जातियों और समुदाय को साथ लेकर चलने की राजनीति की है।
- सचिन ने राहुल से कहा, यदि जाति ही मायने रखती तो तेली समाज से आने वाले पीएम मोदी आज प्रधानमंत्री नहीं होते। राजनीति में सभी का साथ चाहिए होता है। जाति ही मायने नहीं रखती वरना तेली समाज से आने वाले पीएम मोदी को जोरदार बहुमत कैसे मिलता?
- सचिन पायलट ने राहुल गांधी के समक्ष अपनी बात रखते हुए कहा, अगर हम हमारा पडौ़सी राज्य मध्य प्रदेश देखें तो मध्य प्रदेश में जाति मायने रखती है, ऐसा सियासी विश्लेषक कहते हैं, लेकिन वहां कमलनाथ को चुना गया, जिनकी जाति मसला नहीं बनी।
- जहां तक 2019 के लोकसभा चुनाव में नतीजे देने की बात है तो गहलोत साहब 1998 में सीएम बनने के बाद 2003 में पार्टी को नहीं जिता पाए, फिर 2008 में सीएम बनने के बाद 2013 और 2014 में पार्टी धरातल पर आ गई। क्या है विचार करने की बात नहीं है।
- अगर गहलोत को राज्य का सीएम बनने की चाहत थी तो 2013 में हारने के बाद वो खुद प्रदेश अध्यक्ष बनते, लड़ाई लड़ते, लेकिन वह दिल्ली की राजनीति में व्यस्त होकर राज्य को कंट्रोल करने की कोशिश क्यों करते रहे
- सचिन ने कहा अशोक गहलोत के खिलाफ ये भी कहा गया कि उन्होने बड़ा बहुमत रोकने के लिए कई बागियों का साथ दिया और पार्टी उम्मीदवारों के लिए मुश्किलें पैदा कीं, जिससे बड़ा बहुमत होने पर आलाकमान सचिन के पक्ष में फैसला ना ले पाए।
- सचिन ने राहुल से बतचीत में कहा, पार्टी में किसी को बनाना है तो उस हिसाब से फॉर्मूले बनाए जाते हैं और नहीं बनाना है तो उस हिसाब है। इसलिए साढ़े चार साल मेहनत के बाद मुझे बनाना है तो उसका फार्मूला तैयार कर लिया जाएगा और अगर किसी और को बनाना है तो उस हिसाब से फार्मूला बन जाएगा।
- अपनी पूरी बातें रखने के बाद सचिन खेमे ने राहुल को ये भी आश्वस्त किया कि आलाकमान का फैसला सर माथे। अब गेंद राहुल के पाले में है और राहुल आज (शुक्रवार) दोपहर तक अपना फैसला सुना देंगे।
Created On :   14 Dec 2018 8:47 AM IST