18 वर्ष में गोल बाजार के शापिंग काम्पलेक्स में नहीं बन सकी दुकानें, व्यापारियों में निराशा, अव्यवस्थित बाजार होने से सभी वर्गों को परेशानी

18 वर्ष में गोल बाजार के शापिंग काम्पलेक्स में नहीं बन सकी दुकानें, व्यापारियों में निराशा, अव्यवस्थित बाजार होने से सभी वर्गों को परेशानी

डिजिटल डेस्क, कटनी। गोल बाजार स्थित शॉपिंग काम्पलेक्स के ए, बी, सी एवं डी ब्लॉक के प्रथम तल का निर्माण 18 वर्ष में भी नहीं हो सका। जिसके चलते व्यापारियों में निराशा व्याप्त है। जिस संबंध में गोल बाजार व्यापारी संघ ने आयुक्त को पत्र लिखकर हस्ताक्षेप करते हुए इस कार्य को आगे बढ़ाने की मांग की गई है। दरअसल यहां पर लकड़ी निर्मित दुकानें अग्निकांड में खाक में मिल गईं थी। जिसके बाद यह निर्णय लिया गया था कि उन दुकानों की छत पर उन्हीं

दुकानदारों को दुकानें बनाकर देने की प्रक्रिया चालू हुई। नगर निगम द्वारा उसके लिए प्रीमियम राशि की एक किश्त भी दुकानदारों से जमा कराई गई थी। एग्रीमेंट कर ले-आउट देने की प्रकिया को अफसर अंजाम तक नहीं पहुंचा सके।

व्यापारियों को दिया गया था पत्र, दुकानें बनाने का रहा निर्णय इस संबंध में व्यापारियों को पत्र भी जारी किया गया था। जिसमें उल्लेख किया गया था कि गोलबाजार स्थित नगर निगम स्वामित्व की दुकानें जो व्यापारी को आवंटित है। उक्त दुकानें के ऊपर भूतल में बैठे व्यापारियों के आवेदन पर परिषद ने सहमति अनुसार निर्माण करने की दशा में प्रति वर्ग फुट के हिसाब से प्रीमियम राशि, डिजाईन बनवाने का व्यय, वीजन चार्ज, किराया का भी निर्धारण किया था। इस राशि पर दुकानें बनाने की स्वीकृति दी गई थी।

राशि जमा करने के बाद भूले

प्रथम तल पर 109 दुकानों के निर्माण का प्रावधान नगर पालिक निगम द्वारा किया गया था। जिसके लिए प्रीमियत राशि की प्रथम किस्त के रुप में व्यापारियों ने 6 लाख रुपए जमा कराई थी। इसके बावजूद अभी तक किसी तरह की कार्यवाही नहीं हुई। व्यापारियों का कहना है कि ड्राइंग-डिजाइन देकर अनुमति दी जाती है तो इससे नगर पालिक के राजस्व में वृद्धि होगी। साथ ही यह काम्पलेक्स भी व्यवस्थित होगा। संघ के अध्यक्ष किशन चंद चेलानी ने बताया कि इस संबंध में पिछले कई वर्षों से समस्त व्यापारी पत्र दे रहे हैं।

इनका कहना है

निगमायुक्त सत्येन्द्र धाकरे ने कहा, "गोलबाजार में दुकानें निर्माण संबंधी मामला संज्ञान में नहीं है। व्यापारियों से चर्चा करने के साथ-साथ कर्मचारियों से जानकारी लेने के बाद ही इस संबंध में और अधिक बताया जा सकता है।"

Created On :   15 July 2023 3:41 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story