Latur News: जिले में भूकंप के झटके और रहस्यमयी आवाज़ें, नागरिकों में हड़कंप, लोगों ने घर छोड़े, रात सड़क पर गुज़ारी

जिले में भूकंप के झटके और रहस्यमयी आवाज़ें, नागरिकों में हड़कंप, लोगों ने घर छोड़े, रात सड़क पर गुज़ारी

Latur News. संजय बुच्चे. जिले के निलंगा, शिरूर अनंतपाल, औसा, रेणापूर और लातूर तहसील सहित कई क्षेत्रों में पिछले कुछ महीनों से हल्के भूकंप के झटके, रहस्यमयी आवाज़ें और कंपन महसूस किए गए हैं। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (एनसीएस) के अनुसार, 23 सितंबर 2025 को सुबह 8:13 बजे मुरुड अकोला क्षेत्र में 2.3 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया। 24 सितंबर को हासोरी क्षेत्र में 2.4 तीव्रता के झटके आए। 26 सितंबर को बोरवटी क्षेत्र में 2.2 तीव्रता के झटके महसूस किए गए।

इसके अलावा बोरवटी, दगड़वाडी, रामपुर, सलगरा, लातूर तहसील के हासोरी, बदूर, उस्तुरी, कलांडी, निलंगा तहसील के औसा शहर, शिरूर अनंतपाल, राणी अंकुलगा, घुगीसांगवी, कुंभारवाडी और रेणापूर तहसील के कई गांवों में भी रहस्यमयी आवाज़ें और हल्के कंपन की घटनाएं सामने आई हैं।

जिला प्रशासन ने इन घटनाओं पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (एनसीएस), भारतीय मौसम विभाग (आरएमडी), भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण संस्था (जीएसआई) और नेशनल जियोफिजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (एनजीआरआई) को भेजी है। प्रशासन ने वैज्ञानिकों से जांच, मार्गदर्शन और आवश्यक सुरक्षा उपाय सुझाने की मांग की है।

जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, लातूर ने नागरिकों से अपील की है कि वे अफवाहों पर विश्वास न करें और केवल आधिकारिक जानकारी पर भरोसा रखें। साथ ही किसी भी संदिग्ध घटना या झटके की सूचना तुरंत नजदीकी तहसीलदार कार्यालय को देने की सलाह दी है।


तीन से चार बार तेज़ आवाज़ गूंजने से ग्रामीणों में दहशत फैली

निलंगा तहसील के कलांडी गांव में 29 सितंबर की रात साढ़े दस से ग्यारह बजे के बीच अचानक तीन से चार बार तेज़ आवाज़ गूंजने से ग्रामीणों में दहशत फैल गई। लोगों को 30 सितंबर 1993 के किल्लारी भूकंप की याद ताज़ा हो गई, जिसने हजारों परिवारों को उजाड़ दिया था। डर के कारण कई नागरिक घरों से बाहर निकल आए और पूरी रात खुले में सड़क पर ही गुज़ारी।

शुरुआती तौर पर ग्रामीणों ने भूकंप की आशंका जताई, जिससे गांव में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। घटना की जानकारी मिलते ही जिलाधिकारी वर्षा ठाकुर-घुगे ने निलंगा तहसीलदार प्रसाद कुलकर्णी को तत्काल कलांडी गांव भेजा। तहसीलदार ने रात में ही मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों से बातचीत की और उन्हें आश्वस्त किया कि गांव में भूकंप के कोई संकेत या आधिकारिक नोंद दर्ज नहीं हुई है। उन्होंने अपील की कि लोग अफवाहों पर ध्यान न दें और किसी भी असामान्य घटना की तुरंत जानकारी प्रशासन को दें।

ग्रामीणों ने प्रशासन की त्वरित कार्रवाई और संवाद की सराहना की। उनका कहना था कि अचानक आई आवाज़ ने उन्हें डरा जरूर दिया, लेकिन प्रशासन की तत्परता ने राहत और विश्वास दिलाया। जिलाधिकारी ने भी नागरिकों से अपील की कि वे सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत अधिकारियों तक पहुँचाएं।

विशेषज्ञों की राय

विशेषज्ञों के अनुसार, पिछले आठ दिनों से आ रही जमीन के भीतर की आवाजें कभी-कभी भू-तकनीकी गतिविधियों या प्राकृतिक कारणों से हो सकती हैं। फिलहाल कलांडी गांव में भूकंप का कोई खतरा नहीं है। यह घटना भले ही ग्रामीणों में अस्थायी भय का कारण बनी, लेकिन प्रशासन की तत्परता ने सुरक्षा और शांति का भरोसा दिलाया। गौरतलब है कि इसी सितंबर माह में जिले में पांच बार जमीन से भूकंप जैसी आवाज़ें सुनाई दी हैं, जिसके चलते अब भी नागरिकों में भय और चिंता का माहौल बना हुआ है।

Created On :   30 Sept 2025 7:08 PM IST

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