मध्यप्रदेश: चरणबद्ध रूप से होगा एकात्म धाम को पूर्ण करने का कार्य - मुख्यमंत्री डॉ. यादव

- गुरु शंकराचार्य की चेतना शास्त्र परंपरा से कराती है परिचय
- राज्य सरकार ने की धार्मिक नगरों में शराबबंदी की शुरुआत
- मुख्यमंत्री एकात्म धाम ओंकारेश्वर में शंकर प्रकटोत्सव में हुए सम्मिलित
डिजिटल डेस्क, भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि ओंकार पर्वत पर स्थापित आदिगुरु की 108 फीट ऊंची प्रतिमा व आदि गुरु शंकराचार्य की दीक्षा स्थली को राज्य सरकार एकात्म धाम के रूप में विकसित कर रही है, जो चरणबद्ध रूप से पूर्ण हो रहा है। आदि गुरु शंकराचार्य ने अपने जीवन काल में अनेक महान कार्य किए। गुरु शंकराचार्य की चेतना शास्त्र परंपरा से हमारा परिचय कराती है। भारत को शक्ति संपन्न बनने के लिए ज्ञान, आध्यात्म, शास्त्र एवं शस्त्र सभी विधाओं की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हमारे संतों एवं संन्यासियों ने धर्म की स्थापना के लिए अपने प्राण न्यौछावर किए। शस्त्र के साथ शास्त्र की परंपरा का अद्भुत समन्वय किया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सरकार ने धार्मिक नगरों में शराबबंदी की शुरुआत की है। शराब की दुकानें बंद कर दूध की दुकाने खोली जा रही है। दुग्ध उत्पादन को डॉ. भीमराव अंबेडकर कामधेनु योजना के माध्यम से बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार सांस्कृतिक पर्वों एवं त्यौहारों को समाज के साथ समारोहपूर्वक मनाएगी। उन्होंने कहा कि सनातन संस्कृति से जुड़ाव और सामाजिक आयोजनों के लिये सम्पूर्ण प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में गीता भवन बनाये जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव शुक्रवार को आचार्य शंकर सांस्कृतिक एकता न्यास और संस्कृति विभाग द्वारा एकात्म धाम, ओंकारेश्वर में आदिगुरु शंकराचार्य के प्रकटोत्सव पर पंच दिवसीय ‘एकात्म पर्व‘ के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। समारोह की अध्यक्षता जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरि ने की। इस अवसर पर महर्षि संदीपनी वेद विद्या पीठ द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ मुख्यमंत्री डॉ. यादव का स्वागत किया गया। मुख्यमंत्री ने एकात्म धाम की यज्ञशाला की पवित्र यज्ञ-वेदी में आहुति दी। उन्होंने यज्ञ की परिक्रमा कर प्रदेशवासियों की सुख, समृद्धि एवं खुशहाली की प्रार्थना की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने साधु-संतों के साथ आदिगुरु शंकराचार्य की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन एवं पुष्पांजलि अर्पित की।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने संतों का स्वागत कर "एकात्म धाम : एकात्मता की यात्रा" पुस्तक का विमोचन किया। साथ ही अद्वैत वेदांत के आचार्य स्वामी विदितात्मानंद सरस्वती एवं प्रो. व्ही कुटुम्ब शास्त्री का अलंकरण किया गया। कार्यक्रम में अद्वैत जागरण युवा शिविर पर केंद्रित फिल्म प्रदर्शित की गई।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि एकात्म धाम में संतों के वचनों का श्रवण कर ऐसा लगा जैसे गागर में सागर भर दिया हो। उन्होंने कहा कि आदि शंकराचार्य ने मात्र 32 वर्ष के लघु जीवन काल में इतने महान कार्य किये जो कल्पना से परे हैं। पाँच हजार साल पहले भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में एकात्म के माध्यम से अद्वैत वेदान्त का वर्णन किया। सृष्टि में जगह-जगह कृष्णत्व नजर आया है। शंकराचार्य की दृष्टि हिमालय पर्वत के समान अद्वितीय थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हमको सांस्कृतिक विरासत को समृद्ध करने का अवसर मिला है। वर्तमान काल में ज्ञान के साथ भारत को शक्ति संपन्न बनने की आवश्यकता है। जूना अखाड़ा में लोगों ने नागा सन्यासी बनकर धर्म की स्थापना के लिए सांसारिक जीवन का त्याग कर दिया। आज शस्त्र के साथ शास्त्र के तालमेल की आवश्यकता है। विगत 1400 साल में शंकराचार्य के माध्यम से भारतीय ज्ञान परंपरा और शस्त्रों का अद्वितीय रूप दिखाई देता है। पंचायतन भाव के साथ अपने देवों की पूजा करते हुए हमें एकात्मक के भाव को बनाए रखना है।
जूनापीठाधीश्वर आचार्य स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज ने कहा कि पाखंडी और अज्ञानियों ने वेदों की प्रमाणिकता पर सवाल उठाए। जब देश वेद विमुख हो रहा था तो गुरू शंकराचार्य के रूप में भगवान स्वयं धरती पर आए। उनका आगमन न होता तो हम आज हिंदू, सनातनी और आर्य न होते। उन्होंने विविधता को तोड़ते हुए अद्वैत के माध्यम से एकत्व के सिद्धांत को प्रचारित किया। उन्होंने कहा कि गीता भवनों के निर्माण के लिए मुख्यमंत्री डॉ. यादव का संकल्प अत्यंत सराहनीय है। यह सत्य है कि गाय के बिना गति नहीं है, गीता के बिना मति नहीं है। अब गीता को गांव-गांव में पहुंचाना है। गुरू शंकराचार्य ने गीता पर भाष्य किया और इसमें अद्वैत और एकात्म के माध्यम से पूरे विश्व की एकता की बात कही गई है। एकात्म धाम में शंकराचार्य पर शोध होगा, चर्चाएं होंगी और विश्व व्यापी प्रचार-प्रसार होगा। नश्वर जगत में एकात्म का सिद्धांत सदैव विद्मान रहेगा।
स्वामी अवधेशानंद गिरी ने कहा मुख्यमंत्री डॉ. यादव सनातनी मूल्य और सांस्कृतिक निष्ठा के साथ प्रदेश की समृद्धि के लिए प्रयासरत हैं। प्रदेश में सांस्कृतिक मूल्यों का संचार हो और आध्यात्मिक मूल्यों का संवर्धन हो, उज्जैन में सिंहस्थ: 2028 को कैसे वैश्विक रूप से भव्यता प्रदान की जाये, इन कार्यों के लिए मुख्यमंत्री डॉ. यादव एक दूरगामी सोच रखते हैं। भगवान ने उन्हें इन कार्यों के लिए चुना है। माँ नर्मदा, क्षिप्रा और ओंकारेश्वर ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव को यहां भेजा है।
समारोह में बताया गया कि म.प्र. शासन द्वारा एकात्म धाम के उन्न्यन का कार्य 4चरणों में किया जा रहा है। इसमें प्रथम चरण में आदि शंकराचार्य की मूर्ति की स्थापना की गई है, द्वितीय चरण में आचार्य शंकर के जीवन दर्शन पर आधारित संग्रहालय, अद्वैतलोक हेतु अतिशीघ्र निविदा जारी की जा रही है, जिसमें उनके जीवन दर्शन का विभिन्न तकनीकियों के माध्यम से आम जनता तक पहुँचाने का कार्य किया जाएगा। तृतीय चरण में अद्वैत वेदांत दर्शन के अध्ययन, शोध एवं विस्तार हेतु आचार्य शंकर अंतर्राष्ट्रीय अद्वैत वेदांत संस्थान की स्थापना की जाएगी, यह संस्थान अद्वैत वेदांत दर्शन का संदर्भ केन्द्र होगा। चौथे और अंतिम चरण में शंकर निलयम आवासीय परिसर का निर्माण किया जायेगा। यह धाम देश ही नहीं बल्कि विश्व को मार्गदर्शन देगा।
कार्यक्रम में जनजातीय कार्य, लोक परिसंपत्ति प्रबंधन, भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह, सांसद ज्ञानेश्वर पाटील, विधायकगण कंचन तनवे, छाया मोरे, नारायण पटेल, जिला पंचायत अध्यक्ष पिंकी वानखेड़े, महापौर अमृता यादव, प्रमुख सचिव संस्कृति शिवशेखर शुक्ला, संभागायुक्त दीपक सिंह, डीआईजी सिद्धार्थ बहुगुणा, कलेक्टर ऋषभ गुप्ता, पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार राय सहित विभिन्न संतगण, जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग महादेव का किया जलाभिषेक
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भगवान ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग महादेव के दर्शन कर जलाभिषेक किया। उन्होंने बाबा ओंकारेश्वर से प्रदेश की समृद्धि, विकास और कल्याण की प्रार्थना की। उन्होंने माँ नर्मदा को नमन किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव को ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने बाबा ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग का प्रतीक चिन्ह भेंट किया।
Created On :   2 May 2025 7:19 PM IST