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Mumbai News: धनंजय मुंडे की होगी लोकायुक्त के समक्ष पेशी, ऊंची दरों पर कृषि वस्तुओं की खरीददारी का आरोप

- मुंडे पर कृषि मंत्री रहते हुए लगा आरोप
- ऊंची दरों पर कृषि वस्तुओं की खरीददारी का है आरोप
- इस प्रक्रिया में था 88 करोड़ से लेकर 161 करोड़ के घोटाले का आरोप
Mumbai News. राकांपा (अजित) विधायक एवं पूर्व मंत्री धनंजय मुंडे की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। पहले मंत्री पद से छुट्टी, उसके बाद बंगले को लेकर लगातार निशाने पर रहने वाले धनंजय मुंडे को अब राज्य के लोकायुक्त ने सामाजिक कार्यकर्ता अंजली दमानिया की शिकायत पर सुनवाई में हाजिर रहने का नोटिस जारी किया है। दरअसल दमानिया ने लोकायुक्त के समक्ष शिकायत की थी कि धनंजय मुंडे ने कृषि मंत्री के पद पर रहते हुए अपने कार्यकाल में कृषि वस्तुओं को अधिक कीमत पर खरीदा था। जिसमें करोड़ों रुपए का हेरफेर हुआ था। दरअसल इन वस्तुओं को खरीददारी धनंजय मुंडे की पत्नी राजश्री मुंडे की कंपनी के जरिए हुई थी। अब इन्हीं आरोपों की सुनवाई के लिए लोकायुक्त ने मुंडे को गुरुवार को होने वाली सुनवाई में हाजिर रहने के लिए नोटिस जारी किया है।
क्या है मामला?
धनंजय मुंडे के राज्य के कृषि मंत्री के पद पर रहते हुए उनकी पत्नी की कंपनी पर किसानों की वस्तुओं को बाजार भाव से अधिक भाव में खरीदने का आरोप अंजली दमानिया ने लगाया था। दमानिया ने कहा कि जिस कंपनी व्यंकटेश्वरा इंडस्ट्रियल और टरटाइल लॉजिस्टिक्स को किसानों के उत्पादों को खरीदने का ठेका मिला था, उस कंपनी में धनंजय मुंडे की पत्नी राजश्री मुंडे डायरेक्टर हैं। जिसके तहत मुंडे पर ऑफिस ऑफ प्रॉफिट का आरोप लगा था। दमानिया ने कहा था कि मुंडे ने जानबूझकर अपनी पत्नी की दोनों कंपनियों को यह ठेका दिया था। इसी को देखते हुए मैंने फरवरी महीने में सभी दस्तावेजों के साथ लोकायुक्त के समक्ष इस मामले की जांच करने की मांग की थी। उन्होंने कहा कि मुझे भी लोकायुक्त ने गुरुवार को होने वाले सुनवाई में हाजिर रहने के लिए नोटिस दिया है। जिन अधिकारियों को इस सुनवाई में शामिल होने का नोटिस मिला है, उनमें राज्य के मुख्य सचिव, कृषि विभाग के प्रधान सचिव और एंटी करप्शन ब्यूरो के महासंचालक शामिल हैं।
इस प्रक्रिया में था 88 करोड़ से लेकर 161 करोड़ के घोटाले का आरोप
दमानिया ने आरोप लगाया था कि मुंडे के आदेश पर कृषि सामग्री की खरीदी जैसे नैनो यूरिया, नैनो डीएपी, बैटरी स्पेयर और कॉटन बैग जैसी वस्तुओं की खरीदी बाजार मूल्य से अधिक दरों पर हुई थी। जैसे कि नैनो यूरिया की 500 मिली की बोतल बाजार में 92 रुपए की थी लेकिन कृषि विभाग ने उसे 220 रुपए प्रति बोतल की दर से खरीदा था। इसी तरह नैनो डीएपी जहां 269 रुपए में बाजार में मिल रही थी, उसे 590 रुपए में खरीदा गया था। कुल मिलाकर इस खरीद प्रक्रिया में लगभग 88 करोड़ से लेकर 161 करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप मुंडे पर लगाया गया था।
Created On :   20 Aug 2025 9:59 PM IST