शहडोल: 'उधारी के भरोसे मनरेगा',14 माह में ₹1048 करोड़ हो गए ‘बकाया’

उधारी के भरोसे मनरेगा,14 माह में ₹1048 करोड़ हो गए ‘बकाया’
  • प्रदेश के सभी 52 जिलों के सरपंच मटेरियल सप्लायर्स के तकादों से परेशान
  • सबसे ज्यादा धार, मुरैना व दमोह का पैसा अटका
  • सबसे कम पैसा भिंड, नर्मदापुरम व इंदौर का फंसा
  • महाकौशल के 8 जिलों का 157 करोड़ से ज्यादा बकाया

डिजिटल डेस्क शहडोल। ग्रामीण क्षेत्रों में ‘हर हाथ को काम दिलाने’ तथा अर्थ का पहिया तेजी से घूम सके, इस उद्देश्य से लाई गई मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी एक्ट) योजना 14 महीने से ‘उधारी के भरोसे’ चल रही है। इस अवधि दौरान हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का पैसा सरकार के पास फंस गया है। आंकड़ों के मुताबिक वित्तीय वर्ष 20024-25 का 893 करोड़ और चालू वित्तीय वर्ष (20025-26) के शुरूआती दो महीने का 155 करोड़ रूपए का भुगतान पंचायतों को नहीं हुआ है। यह कुल एक हजार 48 करोड़ रुपए उन मटेरियल सप्लायर्स का है जिन्होंने सरपंचों पर भरोसा कर, मनरेगा के काम कराने सामान उघार दिया था। अब ये सप्लायर्स सरपंचों से तकादा कर रहे हैं। उधारी का पैसा फंसने से का असर ग्रामीण क्षेत्रों में चल रहे विकास कार्यो पर तो पड़ ही रहा है, सरपंच भी रोज-रोज के तकादों से परेशान होने लगे हैं। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के तहत संचालित मनरेगा के संचालक भोपाल अवि प्रसाद के अनुसार, भारत सरकार से बजट प्राप्त नहीं होने के कारण मनरेगा में मटेरियल की राशि का भुगतान नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में लगातार पत्राचार किया जा रहा है।

सबसे ज्यादा धार, मुरैना व दमोह का पैसा अटका -

मालवा के धार जिले का सर्वाधिक 83 करोड़ 77 लाख रुपए, मुरैना का 52 करोड़ 54 लाख तथा दमोह का करीब 47 करोड़ रुपए का भुगतान बाकी है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के राजगढ़ का 43 तो कमलनाथ के छिंदवाड़ा का 39 करोड़ रुपए अटका है। अलीराजपुर का 38 व बालाघाट का 30 करोड़ से ज्यादा फंसा है।

सबसे कम पैसा भिंड, नर्मदापुरम व इंदौर का फंसा

प्रदेश में भिंड जिले का सबसे कम एक करोड़ 72 लाख रुपए सहित नर्मदापुरम का 2 करोड़ 44 लाख रुपए भुगतान बाकी है। स्थानीय निकाय मंत्री कैलाश विजयवर्गी के गृह जिले इंदौर का 2 करोड़ 87 लाख तो मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के गृह जिले उज्जैन का 5 करोड़ 40 लाख का भुगतान शेष हे। प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रह्लाद पटेल के गृह जिले नरसिंहपुर का करीब साढ़े पांच करोड़ रुपया अटका है।

महाकौशल के 8 जिलों का 157 करोड़ से ज्यादा बकाया

छिंदवाड़ा के 3936.79 लाख रुपए सहित बालाघाट 3024.69, डिंडोरी 2091.36, सिवनी 2031.82, मंडला 1998.13, कटनी 1602.07, नरसिंहपुर 559.9 तथा जबलपुर का सबसे कम 531.83 लाख रुपए का भुगतान शेष है।

शहडोल संभाग के 41.92 सहित सहित विंध्य का करीब 97 करोड़ फंसा

शहडोल संभाग के तीनों जिलों शहडोल 2100.76, उमरिया1153.02 व अनूपपुर का 938.97 लाख यानि कुल 41.92 करोड़ रुपये अटका है। विंध्य में ही शामिल सीधी 1913.51, सिंगरौली 1661.45, सतना 1157.9 तथा रीवा का 839.45 लाख यानि करीब 56 करोड़ रुपए का भुगतान होना शेष है। शहडोल जिले की ग्राम पंचायत अमझोर में मनरेगा से निर्मित गौशाला निर्माण का 4 माह बाद भी इसलिए उपयोग नहीं हो रहा, क्योंकि मटेरियल का 4 लाख रूपए का भुगतान शेष है। और इसे हैंड ओवर नहीं किया गया है।

बुंदेलखंड का 116 करोड़ से ज्यादा रुका

प्रदेश में भुगतान बकाया के मामले में दूसरे नंबर पर रहे दमोह के 4787.17 लाख रुपए सहित सागर 2234.12, छतरपुर 1521.59, पन्ना 1509.25, निवारी 827.67, तथा टीकमगढ़ का 778.08 लाख रुपए का भुगतान होना शेष है।

अन्य जिलों की यह है स्थिति

खरगोन 3185.76, झाबुआ 2995.49, श्योपुर 2084.58, मंदसौर 1890.31, खंडवा 1787.9, बैतूल 1668.24, गुना 1609.97, तलाम 1467.5, अशोकनगर 1014.42, भोपाल 977.63, ग्वालियर 975.51, आगर-मालवा 913.18, रायसेन 841.35, विदिशा 711.04, नीमच 686.4, बड़वानी 647.51, शिवपुरी 641.52, शाजापुर 611.92, देवास 594.21, उज्जैन 540.01, दतिया 537.02, सीहोर 492.86, बुरहानपुर 373.98 तथा हरदा का 306.19 लाख रुपए बाकी है।

Created On :   4 Jun 2025 2:57 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story