आर्कियोलॉजिस्ट ने खोज निकाला रेगिस्तान में छुपा हुआ 4,500 साल पूराना सूर्य मंदिरों
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वैज्ञानिक हमेशा ही नई– नई खोज करने में लगे रहते हैं। वहीं पिरामिडों के लिए मशहूर मिस्त्र में आर्कियोलॉजिस्ट्स को हैरान करने वाली चीज मिली हैं। आर्कियोलॉजिस्ट्स ने मिस्त्र के रेगिस्तान में दबे 4,500 साल पूराने सूर्य मंदिर की खोज निकाला है। रेगिस्तान में खनन के दौरान इसे खोजा गया है। वहीं इस खोज के बाद आर्कियोलॉजिस्ट्स इस बात की पड़ताल कर रहे हैं, कि क्या उस वक्त मिस्र के रेगिस्तान में पूजा अर्चना की जाती थी?
ये पुराना सूर्य मंदिर आर्कियोलॉजिस्ट्स को मिस्र की राजधानी काहिरा के पास अबु गोराब शहर में मिला है। साथ ही आर्कियोलॉजिस्ट्स का कहना है कि यह सूर्य मंदिर लगभग 4500 साल पुराना है और ये काफी लंबे समय से रेगिस्तान में दबा हुआ था।
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अब इस खोज को पिछले कई दशकों में आर्कियोलॉजिस्ट्स की सबसे बड़ी खोज में से एक बताया जा रहा है। वैज्ञानिकों का कहना है की आज से लगभग 4,500 साल पहले इस सूर्य मंदिर को मिस्त्र फैरोह ने बनवाया था। इस मंदिर को 25वीं शताब्दी में बनवाया गया होगा। आर्कियोलॉजिस्ट को जांच के दौरान ये भी पता चला है कि सूर्य मंदिर का बेस मिट्टी की ईंटों का बना था, जिससे पता चलता है कि इस साइट पर पहले से कोई बिल्डिंग थी।
दूसरी ओर इसी मंदिर के पास पिरामिडों को राजा के अंतिम विश्राम स्थल के रूप में बनाया गया ताकि मरने के बाद राजा दोबारा भगवान का स्वरूप बनकर दुनिया के सामने रह सकें। आर्कियोलॉजिस्ट को जांच में ये भी पता चला कि मंदिर का निर्माण मिट्टी से बने ईंटों से किया गया था, जिसकी दो फीट गहरी नींव चूना पत्थरों से बनाई गई थीं।
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इस बारे में आर्कियोलॉजिस्ट का कहना है कि हमें काफी पहले से इस बात का अंदाजा था कि अबु गोराब के रेगिस्तान में जमीन के नीचे कुछ छिपा है, जिसे न्यूसिरी ने बनवाया था। लेकिन हमें यह नहीं पता था कि हम कभी इतने बड़े स्तर की खोज करेंगे। उन्होंने कहा कि अब हमारे पास पर्याप्त सबूत हैं जो मिस्र के सूर्य मंदिरों की कहानियां बताते हैं।
Created On :   27 Nov 2021 11:08 AM GMT