चमगादड़ों का हाॅस्पिटल, कुछ इस तरह रखे जाते हैं बेबी BAT
डिजिटल डेस्क, कैनबरा। चमगादड़, जिन्हें आप जब भी देखते हैं उल्टा लटका हुआ पाते हैं। रात होते ही इनकी आवाज आपको डराने लगती हैं, लेकिन भारत देश में ऐसी भी जगहें हैं जहां इनकी पूजा होती है। बिहार वैशाली जिले का सरसई गांव इन्हीं में से एक है। फिर ऐसे में यदि आपको एक ऐसे हाॅस्पिटल के बारे में पता चले जहां इनकी पूजा होती है तो कोई आश्चर्य की बात नही है।
जी हां, ऑस्ट्रेलिया में एक ऐसा ही हाॅस्पिटल है जहां चमगादड़ों का इलाज होता है। इनकी केयर यहां किसी छोटे बेबी की तरह की जाती है। चमगादड़ों को हाॅस्पिटल में ऐसे रखा जाता है कि किसी को भी इन्हें देखकर इन पर प्यार आ जाएगा। इस हाॅस्पिटल में चमगादड़ों का इलाज किया जाता है।
चमगादड़ के बच्चों का भी इलाज
ये हाॅस्पिटल ऑस्ट्रेलिया के एथर्टन शहर के टोल्गा में स्थित है और इसे टोल्गा बैट हॉस्पिटल के नाम से जाना जाता है। इस हाॅस्पिटल में चमगादड़ के बच्चों का भी इलाज किया जाता है। पहली बार जब ये हाॅस्पिटल लोगों की नजर में आया तो लोग हैरान थे, क्योंकि ये सिर्फ बैट के लिए ही ओपन किया गया है।
जिनकी मां नही होती
इसके बारे में आगे जानकर आप और भी आश्चर्य में पड़ जाएंगे। यहां चमगादड़ के ऐसे बच्चों को लाया जाता है जिनकी मां नही होती। जो अकेले होते हैं और जिन्हें अपना जीवन यापन करने का तरीका पता नही होता या फिर जिनकी मां उन्हें पालने सक्षम नही होती। पैरालाइसिस का शिकार हो चुके चमगादड़ भी यहां लाए जाते हैं। यहां इनका तब तक इलाज किया जाता है जब तक की ये पूरी तरह से ठीक नही हो जाते।
जब ये चमगादड़ बड़े हो जाते हैं या अपनी बीमारी से ठीक हो जाते हैं तो इन्हें चमगादड़ों के पार्क में छोड़ दिया जाता है। हाॅस्पिटल में रहने के दौरान इनका बच्चों की तरह ध्यान रखा जाता है।
Created On :   29 Nov 2017 10:12 AM IST