#कारगिल : युद्ध विजय के लिए यहां होती है गुप्त तांत्रिक पूजा
डिजिटल डेस्क, दतिया। कारगिल विजय दिवस ( kargil vijay diwas ), 18 साल पहले आज ही का वह दिन है जब भारतीय जवानों ने अपने खून से जीत की इबारत लिखी। युद्ध के दौरान पूरे देश की नजरें सरहद पर ही टिकीं रहती थीं। हर ओर चिंता के बादल, ऐसे में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भी पल-पल पर की खबर पर नजर बनाएं हुए थे। बताया जाता है कि उस वक्त वाजपेयी ने मध्यप्रदेश के दतिया में पीताम्बरा पीठ की मां बगलामुखी ( Baglamukhi datia ) के मंदिर में विशेष यज्ञ करवाया था। जिससे भारत को विजय मिले।
दरअसलए दतिया की मां बगलामुखी को शत्रु नाश की अधिष्ठात्री देवी माना जाता है। जब-जब देश पर युद्ध की विपत्ति आई तब-तब यहां पर विशेष यज्ञ करवाया गया। 1962 में चीन के आक्रमण के समय भी यहां पर पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने यहां पर 51 कुंडीय महायज्ञ कराया था। 1965 और 1971 में भारत पर पाकिस्तान युद्ध में भी यहां अनुष्ठान किया गया।
इस स्थान को लेकर मान्यता है कि अनुष्ठान के बाद माता स्वयं युद्ध के मैदान में जाकर अपने विकराल स्वरूप के साथ भारतीय जवानों की सहायता करती हैं। यह मंदिर तांत्रिक क्रियाओं के लिए भी प्रसिद्ध है। आमतौर पर यहां होने वाले अनुष्ठान गुप्त रूप से ही किए जाते हैं।
मां बगलामुखी राजसत्ता प्राप्ती की देवी भी मानी जाती हैं संभवतः यही वजह है कि सीएम शिवराज सिंह से लेकर, वसुंधरा राजे कई बड़े नेता व अभिनेता यहां पूजन के लिए पहुंचते है। इंदिरा गांधी एवं राजमाता विजयाराजे की आस्था भी यहां से जुड़ी है।
Created On :   26 July 2017 9:30 AM IST