परंपरा : महिलाओं के अधोवस्त्र, यहां पैदा किया ऐसा बेबी तो मिलेगी मौत
डिजिटल डेस्क,पोर्ट ब्लेयर। आदिवासी जनजातियां अपनी अजीब परंपराओं के लिए जानी जाती हैं। फिर चाहे वह देश की हो या विदेश की। आज हम बात कर रहे हैं एक ऐसी जनजाती की, जहां गोरा बच्चा पैदा होने पर मौत की सजा मिलती है। यही नहीं इन्हें गोरे लोगों से इतनी नफरत है कि वे उन्हें अपने क्षेत्र में घुसने भी नहीं देते। ये हैं केंद्र शासित प्रदेश अंडमान में निवास करने वाली जारवा जनजाति...
परंपरा को लेकर कट्टर
बताया जाता है कि करीब 50 हजार साल पहले इस जनजाति के लोग यहां आकर बस गए थे। इनकी वर्तमान संख्या 400 के आसपास हैै। 1998 तक तो ये लोग अपनी इस परंपरा के लिए इस हद तक कट्टर थे कि गोरे, बाहरी लोगों को देखते ही मार देते थे। इस जनजाति के लोग मूल रुप से एकदम काले और छोटे कद के होते हैं। इस जनजाति की महिलाएं अधोवस्त्र की धारण करती हैं। इनके यहां ऊपरी हिस्से पर कुछ नहीं पहनने की परंपरा है।
बाहरी व्यक्ति की संतान
किंतु समय के साथ आए बदलाव के बाद अब ये बाहरी लोगों के संपर्क में आ रहे हैं, लेकिन बच्चों की पैदाइश पर इनकी कट्टरता में तनिक भी परिवर्तन नहीं आया है। अगर, नवजात का रंग थोड़ा भी गोरा दिखता है तो ये उसे मार डालते हैं। इसे लेकर इनका मानना है कि यदि बच्चे का रंग काला है तो वह समुदाय का नहीं, अपितु किसी बाहरी व्यक्ति की संतान है। यहां विदेशियों के आने पर सख्त प्रतिबंध है।
उत्तरी अंडमान में निवास
बेहद काले रंग की ये जारवा जनजाति उत्तरी अंडमान में निवास करती है। जहां ये समुदाय रहता है वहां आमतौर पर बाहरी लोग जाने से डरते हैं और जो चला जाए उसका सुरक्षित लौटना मुश्किल है। अब तक पुलिस भी बच्चों को मारने के इस मामले में इनका कुछ नहीं कर सकी है।
Created On :   4 Aug 2017 3:37 AM GMT