ये है ऐसा गांव जहां शरीर पर टैटू नहीं तो शादी नहीं

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ये है ऐसा गांव जहां शरीर पर टैटू नहीं तो शादी नहीं
ये है ऐसा गांव जहां शरीर पर टैटू नहीं तो शादी नहीं

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। टैटू बनवाना मेट्रो सिटीज में आज एक फैशन बनता जा रहा है। शहरों में जिस तरह से लोगों में शरीर पर टैटू बनवाने का क्रेज है, ऐसा ही क्रेज गांवों में भी है। आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत में एक जगह ऐसी भी है, जहां अगर शरीर पर टैटू नहीं है तो शादी नहीं होगी।

हम बात कर रहे हैं छतीसगढ़ के बस्तर जिले के गांवों की। बता दें कि छतीसगढ़ के गांवों की गोदना कला काफी प्रसिद्ध है। इस कला में शरीर पर किसी भी प्रकार का कोई चित्र बनाया जाता है जिसे मॉडर्न सोसाइटी में टैटू कहते हैं। बस्तर की लोक संस्कृति में रची बसी ये गोदना कला न केवल वहां के गोंड समाज बल्कि वरन माडिसा, मुरिया समाज व हिंदू समाज में भी बहुत प्रचलित है। अगर यहां जिस लड़की के गोदना नहीं है उसका विवाह नहीं किया जाता।

गोदना कला केवल औरतों की खूबसूरती बढ़ाने के ही काम नहीं आती है बल्कि कई बीमारियों का इलाज भी इस कला के माध्यम से होता है। जानकारी के मुताबित यहां कि औरतें ठंड के मौसम में ही गोदना गोदवाती है, जबकि गर्मी के दिनों में ऐसा नहीं किया जाता है। बस्तर की इस कला से कई लोग और सरकार आज तक अनजान है, जिस वजह से इस कला को प्रोत्साहन नहीं मिल पा रहा है।

गोदना कलाकारों का कहना है कि गोंडवाना समाज में यह मान्यता है कि गोदना कला पूरे जीवन भर शरीर में मौजूद रहती है और हमेशा के लिए आत्मा के साथ मिल जाती है।

बस्तर की गोदना कला की डिजाइन अन्य राज्यों से अलग है।

Created On :   11 Aug 2017 4:29 AM GMT

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