स्वीडन की कंपनी में रोबोट मैनेजर 7 सेकंड में करता है नौकरी देने का फैसला
डिजिटल डेस्क,स्वीडन। एवरीथिंग इज पॉसिबल यूं ही नहीं कहा जाता, टेक्नोलॉजी के चलते अब इंसानों वाले काम रोबोट जो करने लगे हैं। आज के समय में टेक्नोलॉजी हर क्षेत्र में आगे है, जो कठिन से कठिन काम को भी आसान बना देती है। विज्ञान और टेक्नोलॉजी ने मिलकर ही रोबोट का आविष्कार किया है और यही रोबोट आज दुनियाभर में कई मल्टी-नेशनल कंपनियों में काम कर रहे हैं। हम भी यहां आपको रोबोट से जुड़ी एक रोचक जानकारी दे रहे हैं। दरअसल वैज्ञानिकों ने एक ऐसा रोबोट बनाया है जो नौकरी देने के मामले में भेदभाव को खत्म करेगा। रोबोट कैंडिडेट से सवाल-जवाब करता है और मिली जानकारी के आधार पर ही उसे अप्रूव करता है। इसे स्वीडन की एक कंपनी फुर्हत ने बनाया है और नाम दिया है टेंगई। यह बोलने, सुनने के साथ इमोशन दिखाता है और नजरें भी मिलाता है। बतौर टेस्टिंग रोबोट का इस्तेमाल रोजगार देने वाली स्वीडन की सबसे बड़ी कंपनी टीएनजी कर रही है।
यह इंसानी चेहरे वाला रोबोट चार साल में तैयार किया गया है। इसे इंटरव्यूअर रोबोट भी कहा जा रहा है। इंसानी चेहरे जैसा दिखने वाले इस रोबोट की लंबाई 16 इंच है और वजन 3.5 किलो। वैज्ञानिकों ने इसकी भाषा का टोन बिल्कुल सामान्य रखा है जैसे एपल सीरी और अलेक्सा की है। कंपनी के मुताबिक, खासतौर पर इसका इस्तेमाल जॉब इंटरव्यू में किया जाएगा। इसकी मदद से नौकरियों में होने वाले भेदभाव को खत्म किया जाएगा। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का इस्तेमाल किया गया है जो इंटरव्यू देने वाले कैंडिडेट की खूबियों को समझ सकता है। यह सामने बैठे कैंडिडेट की उम्र, जेंडर, उसकी जाति और रंग के आधार पर भेद नहीं करता है।
अलग-अलग भाषाओं में भी देगा जवाब
प्रोजेक्ट के चीफ इनोवेशन ऑफिसर के मुताबिक, आमतौर पर इंटरव्यू के बाद रिक्रूटर कैंडिडेट को अप्रूव या अस्वीकार करने में 15 मिनट का समय लेते हैं लेकिन रोबोट मात्र 7 सेकंड में निर्णय लेने में सक्षम है। वर्तमान में इसका इस्तेमाल केवल स्वीडन में किया जा रहा है। कंपनी का कहना है कि यह अंग्रेजी के अलावा दूसरी भाषाएं भी बोल सकेगा। 2020 तक ऐसा रोबोट पेश कर दिया जाएगा।
Created On :   24 March 2019 11:19 AM IST