यूनिसेफ की एक खास रिसर्च में पाया गया कि राजधानी नैरोबी के किबेरा स्लम में रहने वाली करीब 65% महिलाओं ने सैनिटरी पैड के बदले सेक्स ट्रेडिंग की। किबेरा अफ्रीका का सबसे बड़ा स्लम एरिया है। रिपोर्ट में यहां की डरावनी सच्चाई सामने आई है। पश्चिमी केन्या में करीब 10 से 65% लड़कियों ने सैनिटरी पैड के बदले सेक्स की बात स्वीकार की।
- देश में कुल 1,80,05,503 लोगों को कोरोना वायरस की वैक्सीन लगाई गई है।
- स्थानीय निकायों में ओबीसी कोटा की सीमा 50 फीसदी का उल्लंघन न हो : सुप्रीम कोर्ट
- भाजपा ने असम के पहले 2 चरणों के चुनाव के लिए उम्मीदवार तय किए
- अखिलेश यादव का बड़ा बयान, बोले- समाजवादी पार्टी की सरकार बनते ही हटाई जाएगी EVM
- ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स: बेंगलुरु देश का सबसे अच्छा शहर, इंदौर 9वें नंबर पर
OMG ! यहां सैनिटरी पैड के बदले लड़कियों को करना पड़ता है सेक्स
डिजिटल डेस्क । फरवरी में अक्षय कुमार की फिल्म पैड मैन रिलीज हुई थी। इस फिल्म सैनेटरी पैड्स और माहवारी को लेकर महिलाओं में होने वाली समस्याओं को दिखाया गया था। दरअसल भारत एक ऐसा देश है जहां सैनेटरी पैड्स को लेकर हौआ बना हुआ है, इन्हें खरीदने से लेकर इन पर चर्चा करने तक में लोगों को शर्म आती है। इसी वजह से इनका इस्तेमाल कम ही महिलाएं करती हैं। जिससे कई शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं, लेकिन अगर आपको ऐसा लगता है कि केवल भारत में ही पीरियड्स और सैनिटरी पैड को लेकर ऐसा हाल है तो आप गलत हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि केन्या में लड़कियों को सैनिटरी पैड्स के बदले में सेक्स ऑफर करना पड़ रहा है। इसकी वजह है- गरीबी, पीरियड्स को लेकर शर्मिंदगी, रूढ़िवादिता और जागरुकता में कमी।


रिसर्च में पाया गया कि 54% केन्याई लड़कियों ने माहवारी हाइजीन से जुड़े उत्पाद पाने में चुनौतियों का सामना किया। वहीं 22% से 65% स्कूली लड़कियों ने बताया कि वे अपना सैनिटरी पैड खुद खरीदती हैं। यूनिसेफ केन्या के वाटर, सैनिटेशन ऐंड हाइजीन के प्रमुख एंड्रू ट्रेवेट ने 'द इंडिपेंडेट' से बातचीत में बताया, यहां ये आम बात है कि सैनिटरी आइटम्स के बदले लड़कियां यौन उत्पीड़न का शिकार होती हैं।

ट्रेवेट ने बताया, हमारे यहां मोटरसायकिल टैक्सी को बोडा बोडास कहा जाता है और लड़कियां ड्राइवरों के साथ सैनिटरी पैड्स के बदले में सेक्स करने को मजबूर होती हैं। ऐसा दो वजहों से हो रहा है। एक तो साफ वजह है- गरीबी- महिलाओं और लड़कियों के पास सैनिटरी पैड खरीदने के लिए पैसे ही नहीं हैं, लेकिन दूसरी बड़ी समस्या सप्लाई की भी है। सैनिटरी के बदले सेक्स का चलन इसलिए भी बढ़ रहा है। क्योंकि लड़कियों के गांवों में ये सामान उपलब्ध ही नहीं है, लड़कियों के सामने ट्रांसपोर्ट की समस्या है और वे बस का किराया वहन करने में सक्षम नहीं हैं। कई गांव तो ऐसे हैं जहां ना तो सड़कें हैं और ना ही बस सर्विस।

वो कहते हैं, 'माहवारी के लिए जितनी ज्यादा झिझक दिखती है, उसका मतलब है कि लड़कों और लड़कियों को इस बारे में जानकारी ही नहीं है। ना तो मां अपनी बेटियों को इस बारे में कुछ बताती हैं और ना ही स्कूल से ही उन्हें जागरुक किया जा रहा है।'

पीरियड पॉवर्टी केन्या में एक बड़ी समस्या है। यूनिसेफ ने सर्वे में पाया कि करीब 7% महिलाएं और लड़कियां पीरियड्स के दौरान पुराने-गंदे कपड़े, कंबलों के टुकड़े, मुर्गियों के पंख, मिट्टी और अखबार का इस्तेमाल करती हैं, जबकि 46% डिस्पोजेबल पैड्स और 6% रीयूजेबल पैड का इस्तेमाल करती हैं।

कई लड़कियां और महिलाएं कोई समाधान ना पाकर कुछ भी करने को मजबूर हो जाती हैं। वो एक गड्ढा खोद लेती हैं और वहां पीरियड्स के दौरान कई दिनों तक बैठी रहती हैं। यही वजह है कि लड़कियां स्कूल नहीं जा पा रही हैं। यहां लड़कियां बोडा बोडा ड्राइवरों के साथ सेक्स करने पर मजबूर हो जाती हैं क्योंकि उनके पास पैसा, पावर और पीरियड्स प्रोडेक्ट तक पहुंच होती है। कई स्कूल सैनिटरी पैड्स उपलब्ध कराते हैं लेकिन वो केवल इमरजेंसी की स्थिति में।
कमेंट करें
Real Estate: खरीदना चाहते हैं अपने सपनों का घर तो रखे इन बातों का ध्यान, भास्कर प्रॉपर्टी करेगा मदद

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
जानिए भास्कर प्रॉपर्टी के बारे में:
भास्कर प्रॉपर्टी ऑनलाइन रियल एस्टेट स्पेस में तेजी से आगे बढ़ने वाली कंपनी हैं, जो आपके सपनों के घर की तलाश को आसान बनाती है। एक बेहतर अनुभव देने और आपको फर्जी लिस्टिंग और अंतहीन साइट विजिट से मुक्त कराने के मकसद से ही इस प्लेटफॉर्म को डेवलप किया गया है। हमारी बेहतरीन टीम की रिसर्च और मेहनत से हमने कई सारे प्रॉपर्टी से जुड़े रिकॉर्ड को इकट्ठा किया है। आपकी सुविधाओं को ध्यान में रखकर बनाए गए इस प्लेटफॉर्म से आपके समय की भी बचत होगी। यहां आपको सभी रेंज की प्रॉपर्टी लिस्टिंग मिलेगी, खास तौर पर जबलपुर की प्रॉपर्टीज से जुड़ी लिस्टिंग्स। ऐसे में अगर आप जबलपुर में प्रॉपर्टी खरीदने का प्लान बना रहे हैं और सही और सटीक जानकारी चाहते हैं तो भास्कर प्रॉपर्टी की वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।
ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।