वैज्ञानिको ने की ब्रह्मांड के दूसरे सबसे गर्म ग्रह की खोज, यहां सिर्फ 16 घंटे का होता है एक साल 

Scientists discovered the second hottest planet in the universe, here is only 16 hours a year
वैज्ञानिको ने की ब्रह्मांड के दूसरे सबसे गर्म ग्रह की खोज, यहां सिर्फ 16 घंटे का होता है एक साल 
अजब-गजब वैज्ञानिको ने की ब्रह्मांड के दूसरे सबसे गर्म ग्रह की खोज, यहां सिर्फ 16 घंटे का होता है एक साल 
हाईलाइट
  • TOI-2109b ब्रह्माण में पाया जाने वाला दूसरा गर्म ग्रह है
  • खोजे गए ग्रह का द्रव्यमान बृहस्पति के द्रव्यमान का पांच गुना ज्यादा है

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली।  हम जानते है की अंतरिक्ष में बहुत से ऐसे रहस्य छुपे हुए है जिनके बारे में वैज्ञानिक भी नही जान पाये है। जिनका पता लगाने के लिए दुनिया भर के वैज्ञानिक जुटे हुए है, अंतरिक्ष को लेकर वैज्ञानिक नयी-नयी खोजों के लिए निरंतर प्रयासरत है और आए दिन नए-नए खुलासे करते रहते है। इस बीच नासा के वैज्ञानिकों नें बृहस्पति की तरह एक नये ग्रह की खोज की है। लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि इस ग्रह पर 16 घंटे का एक साल होता है 

इस ग्रह के बारें में जानकर रह जाएंगे हैरान

आपको बता दें कि वैज्ञानिको ने इस ग्रह को TOI-2109b नाम दिया है। वैज्ञानिको का कहना है की यहा ब्रह्मांड में पाय जाने वाला दूसरा सबसे  गर्म ग्रह है। नए ग्रह अल्ट्राहॉट जुपिटर में कई सारी गैसों का भंडार है। ये सिर्फ 16 घंटे में अपने तारे की परिक्रमा करता है। वहीं वैज्ञानिकों के अनुसार इसका द्रव्यमान बृहस्पति के द्रव्यमान का पांच गुना है और ये ग्रह जुपिटर की तरह गर्म है। वैज्ञानिकों के कहे अनुसार अभी तक 4000 से भी अधिक ऐसे ग्रहों की खोज हुई है, जो की सौरमंडल के बाहर मौजूद हैं। ये ग्रह इसलिए इतना अद्भुत है, क्योंकि ये अपने तारे की परिक्रमा सिर्फ 16 घंटों में पूरी कर लेता है।

इसका मतलब ये है कि इस ग्रह का पूरा एक साल पृथ्वी के एक दिन से भी कम होता है। आपको जानकर हैरान रह जाएंगे कि पिछले कुछ सालों में वैज्ञानिकों ने कई सारे हॉट जूपिटर की खोज की है। सबसे हाल में खोजे गए ग्रह को अल्ट्राहॉट जूपिटर कहा जा रहा है, क्योंकि इस ग्रह की सतह का तापमान 3300 डिग्री सेल्सियस से अधिक है। इस ग्रह की खोज MIT के नेतृत्व वाले मिशन ने NASA के ट्रांजिटिंग एक्सोप्लैनेट सर्वे सैटेलाइट के जरिए की है। वहीं इस खोज के प्रमुख लेखक इयान वोंग का कहना है कि एक या दो साल में हम ये पता लगाने की कोशिश करेंगे कि ये नया ग्रह अपने सितारे के करीब कैसे जाता है। 


 

Created On :   30 Nov 2021 2:54 PM GMT

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