तो सिर्फ इस वजह से करना चाहते हैं डिग्री धारक भी ये काम
डिजिटल डेस्क। भारत एक ऐसा देश है जहां बेरोजगारी का आलम हर शहर में है, जिसके लिए हमारे देश में कोई खास व्यवस्था भी नहीं है। हां चुनावी मैदान में जरुर हर बार इस बेरोजगारी के मुद्दे को उठाया जाता है। सरकारी नौकरी के लिए इंसान को क्या- क्या नहीं करना पड़ता। आज हम आपको एक ऐसी ही बात बताने जा रहे हैं, जिसे सुन आप भी कहेगें हाय रब्बा बस ये दिन देखना ही बाकी रह गया था क्या।
देश की राजधानी दिल्ली में कुछ समय पहले अलग-अलग चरणों में लिखित परीक्षाएं चल रहीं थी। दिल्ली पुलिस ने मल्टी टास्किंग स्टाफ की 707 भर्ती निकाली थीं, जिसमें करीब 7.5 लाख लोगों ने आवेदन किया। दिल्ली पुलिस ने मल्टी टास्किंग स्टाफ (एमटीएस) मोची, माली, धोबी, कुक, नाई, बढ़ई, वॉटर कैरियर, सफाई कर्मचारी से लेकर टेलर तक की वैकेंसी निकाली थी। यहां तक तो बात समझ आती है, लेकिन दिलचस्प बात तो यह है कि इन परिक्षाओं में शामिल होने के लिए कोई ऐसे वैसे नहीं, बल्कि 1200 के आसपास एमबीए डिग्री धारकों और 360 करीब बीटेक डिग्री धारकों ने आवेदन किया था।
सरकारी नौकरी के लिए बीटेक, एमबीए, एमसीए, बीबीए, एमएससी, एमए तक की डिग्री हासिल कर चुके युवा भी यहां लाइन लगाए हुए खड़े थे। इसी तरह तीन लाख से अधिक एमए, एमएससी डिग्री धारकों ने भी आवेदन किया है। हैरानी वाली बात तो यह है, कि बाहरी राज्यों से आ रहे युवाओं का कहना है कि लिखित परीक्षा के प्रश्न पत्र को काफी कठिन बनाया गया है। यह पेपर सब इंस्पेक्टर रैंक जैसा है। परीक्षा का समय 90 मिनट का है, जिसमें 100 प्रश्न हल करने होते हैं। हर एक प्रश्न के लिए एक अंक निर्धारित किए गए थे। ट्रेड टेस्ट 20 अंकों का होगा जिसमें से 10 अंक या उससे अधिक पाने वाले को ही पास घोषित किया जाएगा। लिखित एग्जाम के बाद फिजिकल एग्जाम होगा। उसी के बाद ट्रेड टेस्ट होगा, जो कि संबंधित ट्रेड के मुताबिक रखा जाएगा। इससे ये समझ आता है कि देश में रोजगार की कितनी कमी है। पढ़े- लिखे और इतनी अच्छी डिग्री होने के वावजूद भी लोग छोटी से छोटी नौकरी करने को तैयार है, क्यों तैयार हैं क्योंकि वह सरकारी नौकरी जो है।
Created On :   10 Jan 2019 4:05 PM IST