आवारा कुत्ते ने रक्त देकर बचायी लेब्राडोर कुत्ते की जान, सतना की पॉली क्लीनिक में पहली बार हुआ प्रयोग
![Stray dog saved the life of Labrador dog by giving blood, first experiment in Satnas poly clinic Stray dog saved the life of Labrador dog by giving blood, first experiment in Satnas poly clinic](https://d35y6w71vgvcg1.cloudfront.net/media/2019/10/stray-dog-saved-the-life-of-labrador-dog-by-giving-blood-first-experiment-in-satnas-poly-clinic_730X365.jpeg)
डिजिटल डेस्क, सतना। जिला पशु चिकित्सालय की पॉली क्लीनिक में पहली बार किसी पालतू डॉग को ब्लड चढ़ा कर उसका जीवन बचाया गया। लगभग 150 ग्राम रक्त चढ़ाने में लगभग 2 घंटे का वक्त लगा। प्रभारी जिला पशु चिकित्साधिकारी डॉ. बृहस्पति भारती ने बताया कि गंभीर हालत में रामपुरबघेलान से यहां इलाज के लिए लाए गए डेढ़ साल के मेल लेब्राडोर में जांच के दौरान हिमोग्लोबिन की मात्रा महज 2.3 प्रतिशत थी। डॉ.भारती के मुताबिक स्वस्थ मेल डॉग में हिमोग्लोबिन की मात्रा 11 से 13 प्रतिशत होनी चाहिए थी।
जिला पशु चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि लेब्राडोर प्रजाति के इस डॉग की हालत काफी नाजुक थी। कमजोरी के कारण वो पस्त था और खाना-पीना भी छोड़ चुका था। रक्त के इंतजाम के लिए पॉली क्लीनिक का स्टाफ एक आवारा कुत्ते को पकड़ कर लाया था। बताया गया है कि कुत्तों में ब्लड के 12 गु्रप होते हैं। एक डॉग में अधिकतम दो बार किसी भी गु्रप का ब्लड चढ़ाया जा सकता है। डा.भारती की निगरानी में ब्लड चढ़ाने का काम ड्रेसर महीपाल सिंह और गौसेवक पुष्पेन्द्र कुमार तथा गोलू सिंह ने किया।
Created On :   30 Oct 2019 9:48 AM GMT