इस वजह से सेक्स वर्कर्स का नाम पड़ा हूकर
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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दुनिया भर में सेक्स वर्कर्स को कई नामों से बुलाया जाता है, जैसे- प्रॉस्टिट्यूट, होर, पिंप या फिर हूकर। आमतौर पर अमेरिका में सेक्स वर्कर्स को हूकर नाम से जाना जाता है। क्या आपने कभी सोचा है कि वेश्याओं का नाम हूकर कैसे पड़ा? आइए जानते हैं इस नाम के पीछे की कहानी।
इस तरह ‘हूकर’ शब्द चलन में आया
अमेरिकी सिविल वॉर के दौरान जोसफ हूकर नाम के एक यूनियन जनरल हुआ करते थे। हूकर ने सैनिकों का मनोबल बढ़ाने के लिए सेक्स वर्कर्स को उनके पास भेजने का फैसला किया। इसके बाद वेश्याएं अक्सर जोसफ के हेडक्वार्टर जाने लगीं। तभी से उन्हें ‘हूकर गर्ल्स’ के नाम से बुलाया जाने लगा। जब वाशिंगटन में एक खास हिस्सा वेश्याओं के लिए अलग से रखा जाने लगा, तो उसे ‘हूकर डिवीजन’ कहा जाने लगा और इसी तरह वेश्याओं को लोग हूकर कहकर बुलाने लगे।
कौन था अमेरिकी जनरल जोसफ हूकर
हूकर का जन्म अमेरिका के मैसाचुसेट्स हैडले में हुआ था। उनकी शुरुआती स्कूली शिक्षा मैसाचुसेट्स के हॉपकिन्स एकेडमी से हुई थी। उन्होंने 1837 में अमेरिका की सैन्य एकेडमी से ग्रेजुएशन किया था। बाद में उन्हें अमेरिकी आर्टिलरी में एक लेफ्टिनेंट के तौर पर चुन लिया गया। हूकर हमेशा अपने देश के लिए समर्पित रहे। उनकी बहादुरी की वजह से लोग उन्हें प्यार से ‘फाइटिंग जो’ हूकर भी कहते थे, लेकिन उन्हें ये नाम बिल्कुल पसंद नहीं था। हूकर को लगता था कि ‘फाइटिंग जो’ नाम से लोग उन्हें डाकू या लुटेरा समझेंगे।
कुछ ऐसे बीते थे हूकर के आखिरी दिन
सिविल वॉर में अपनी बहादुरी दिखाने वाले हूकर जंग के बाद बेहद कमजोर पड़ गए। अपने आखिरी दिनों में उनकी तबीयत बिगड़ती गई और उन्हें लकवा भी मार गया। 31 अक्टूबर 1879 को न्यूयॉर्क में हूकर की मौत हो गई। उन्हें सिनसिनाटी, ओहायो में दफनाया गया था, जो कि उनकी पत्नी का गृहनगर था।
Created On :   28 Jun 2018 9:48 AM GMT