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अजब -गजब : मृत लोगों की शादी! भारत की अनोखी मान्यता के सोशल मीडिया पर हो रही है वायरल

डिजिटल डेस्क, भोपाल। भारत विविधताओं का देश है। भारत में कुल 28 राज्य हैं और जितने राज्य उनकी उतनी ही अलग-अलग तरह की मान्यताएं, रीति - रिवाज हैं, जिनको लोग सदियों से मानते आ रहे हैं। आज के समय में जब लोग प्रैक्टिकल हो गए हैं और अपने तौर-तरीकों को भूलते जा रहे हैं, इसलिए उन्हें ये रिवाज अजीबोगरीब लग सकते हैं। पर कुछ ऐसे भी लोग हैं, जो आज भी इन रिवाजों पर विश्वास करते हैं। इसलिए वो आज भी इन रिवाज का पालन कर सकते हैं। ऐसा ही एक रिवाज कर्नाटक में माना जाता है। जहां मरे हुए लोगों की शादी कराई जाती है।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक 28 जुलाई को कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ा जिले में शोभा और चंदप्पा नाम के एक जोड़े की शादी करवाई गई। इस शादी में हर नॉर्मल शादि की तरह, सारे रीति-रिवाजों का पालन किया गया। बस इस शादी के दूल्हा- दुल्हन 30 साल पहले ही मर चुके थे। जी हां, शोभा और चंदप्पा को मरे 30 साल हो चुके हैं। कर्नाटक में प्रेथा कल्याणम नाम की एक प्रथा हैं, जिसमें मर चुके लोगों की शादी करवाई जाती है।
जन्म के वक्त ही मर चुके लोगों का होता है विवाह
इस तरह की मान्यता केरल और कर्नाटक के कई हिस्सों में मानी जाती है। बताया जाता है, इस मान्यता के तहत लोगों की शादी करवाई जाती है जो जन्म के बाद ही मर गए थे। इसलिए यहां के लोग मरे हुए अपने परिजनो की शादी कराते हैं। बताया जाता है, कि ऐसा कर के उन को सम्मान दिया जाता है। ट्विटर पर एनी अरुण नाम के एक व्यक्ति ने अपने ट्विटर पर ऐसी ही शादी का पोस्ट किया है। उन्होंने बताया कि वो हाल ही में एक ऐसी ही शादी में शामिल हुए थे। उन्होंने अपने पोस्ट के साथ एक वीडियो भी शेयर किए जिसमें लोग शादी के रिवाजों को करते नजर आए।
I'm attending a marriage today. You might ask why it deserve a tweet. Well groom is dead actually. And bride is dead too. Like about 30 years ago.
— AnnyArun (@anny_arun) July 28, 2022
And their marriage is today. For those who are not accustomed to traditions of Dakshina Kannada this might sound funny. But (contd)
अविवाहित लोग नहीं देख सकते ये शादी
एनी अरुण ने बताया कि आमतौर पर जो भी एक नॉर्मल शादी में होता है, वह सब इस शादी में भी होता है। परिवार के लोग एक दूसरे के घर जाते हैं और पहले इंगेजमेंट करते हैं, और फिर शादी की रस्में की जाती हैं। एनी अरुण ने बताया कि इस शादी को बच्चे और जिन का विवाह नहीं हुआ है, वह इसे नहीं देख सकते हैं। इस शादी में मंगलसूत्र भी पहनाया जाता है और कन्यादान भी होता है। अरुण के इस पोस्ट को 35 लाख से ज्यादा लाइक्स मिल चुके हैं।
मैनेजमेंट स्किल्स: आईसेक्ट द्वारा टाइम मैनेजमेंट, कॉन्फ्लिक्ट मैनेजमेंट और नेगोशिएशन स्किल्स पर विशेष ट्रेनिंग सेशन का आयोजन
डिजिटल डेस्क, भोपाल। आईसेक्ट मुख्यालय द्वारा स्कोप कैम्पस में “टाइम मैनेजमेंट, कॉन्फ्लिक्ट मैनेजमेंट और नेगोशिएशन स्किल्स” पर एम्पलॉइज के लिए विशेष ट्रेनिंग एवं मोटिवेशनल सेशन का आयोजन किया गया। इस सेशन को बतौर मुख्य वक्ता जानी मानी करियर काउंसलर, पर्सनेलिटी ग्रूमिंग एक्सपर्ट और मोटिवेशनल स्पीकर श्रीमति मनीषा आनंद ने संबोधित किया। यह सेशन कार्यस्थल पर कर्मचारियों को प्रशिक्षित एवं प्रेरित करने के लिए आयोजित किया गया था।
इस दौरान ट्रेनर श्रीमति मनीषा आनंद द्वारा सेल्फ-ऑडिट कैसे करें, अपने विचारों का निरीक्षण और सफाई कैसे करें इत्यादि के बारे में बताया। इसके अलावा उन्होंने कहा कि हमें लोगों को क्षमा करना और जो जैसा है उसे वैसा ही स्वीकार करना सीखना चाहिए तभी हम दूसरे व्यक्ति को सही मायने में समझ सकते हैं और बेहतर संवाद स्थापित कर सकते हैं। इसके अलावा टाइम मैनेजमेंट पर बात करते हुए कहा कि अपने कार्यों को उनके महत्व एवं तत्कालिकता के आधार पर प्राथमिकताएं प्रदान करें। सत्र में श्रीमती आरती कुमार, एचओडी, एमओओसीएस (MOOCs), श्रीमती मोनिका सिंह, निदेशक- फिनिशिंग स्कूल एवं कॉर्पोरेट रिलेशंस, स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज, श्री सुमित मल्होत्रा, एचओडी, एचआर, ने प्रशिक्षण में विशेष रूप से हिस्सा लिया। अपने आभार वक्तव्य में श्रीमती मोनिका सिंह ने सत्र की सराहना की और इस दौरान कार्यक्रम का संचालन श्रीमती अर्चना जैन द्वारा किया गया।
आईसेक्ट के निदेशक श्री सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने इस पहल पर बात करते आईसेक्ट प्रबंधन टीम के प्रयासों को प्रोत्साहित किया और सराहना की और इस तरह के सत्रों को नियमित आयोजित करते हुए कर्मचारियों के लाभ पहुंचाने की प्रतिबद्धता जताई।
लॉ समाधान: कानूनी और लेखा समस्याओं के समाधान का एकमात्र स्थान
डिजिटल डेस्क, भोपाल। कोर्ट-कचहरी के चक्कर कोई नहीं काटना चाहता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि जहां जनता को सही सलाह न मिलने का डर सताता है, वहीं, कानून के पचड़े में पड़ना घर बार बिकने के सामान समझा जाता है। इसी डर से आज भी ऐसा देखा जाता है की बहुत से केस रिपोर्ट ही नहीं हो पाते हैं। लेकिन, यदि जनता के पास ऐसा कुछ हो जिस पर वह विश्वास कर सके और ठगा सा महसूस न करे, तो कैसा होगा? ऐसा होने पर न सिर्फ जनता को सही कानूनी सलाह मिलेगी, सलाह उनकी जेब पर भारी भी नहीं पड़ेगी और आसानी से मिलेगी। ऐसा ही है लॉ समाधान पोर्टल। कानूनी और लेखा सेवा प्रदान करने की क्षमता रखने वाले इस पोर्टल पर जनता विश्वास कर सकती है क्योंकि इसके साथ जुड़ें होंगे देश के बेहतरीन और जाने माने वकील और लेखा सेवाओं से जुड़े प्रोफेशनल।
जनता, नए कारोबारियों, अधिवक्ता और चार्टर्ड अकाउंटेंट के लिए उत्तम मंच
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मुफ्त संपर्क विवरण
आपके क्षेत्र के शीर्ष अधिवक्ता और चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) उनके कार्य अनुभव और विशेषज्ञता का विवरण संपर्क सूत्र सहित मुफ्त में प्रदान किया जाएगा।
समाधान ऐसा जो होगा ग्राहक के बजट में
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टैगोर के जीवन पर आधारित नाटक प्रस्तुत कर दी श्रद्धांजलि: राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय ने टैगोर को पुण्यतिथि पर किया सादर सुमिरन
डिजिटल डेस्क, भोपाल। भारतीय संस्कृति के उद्गाता गुरूदेव रबीन्द्रनाथ टैगोर की पुण्यतिथि पर टैगोर राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय और टैगोर विश्व कला व संस्कृति केन्द्र द्वारा उनके जीवन पर आधारित नाट्य प्रस्तुति और एकला चलो रे गीत की प्रस्तुति कर उनका पुण्य स्मरण किया। गुरूदेव रबीन्द्रनाथ टैगोर की पुण्यतिथि 7 अगस्त को रहती है इसी परिप्रेक्ष्य में शनिवार 6 अगस्त को रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के कथा सभागार में मनोज नायर के निर्देशन में नाट्य विद्यालय के विद्यार्थियों ने एक नाट्य प्रस्तुति दी। इस मौके पर संतोष कौशिक के मार्गदर्शन में विद्यार्थियों ने एकला चलो रे गीत प्रस्तुत किया।
इससे पूर्व टैगोर के चित्र और प्रतिमा पर मार्ल्यापण कर उनके व्यक्तित्व और कृतित्व को याद किया गया। इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. ब्रह्म प्रकाश पैठिया, नेशनल स्किल डेवलपमेंट कारपोरेशन नई दिल्ली के सीनियर हेड, स्टेट इंगेजमेंट एंड ऑपरेशन डाॅ. सोवनिष कुरियाकोसे एवं मानविकी एवं उदार कला संकाय की डीन एकेडमिक डाॅ. संगीता जौहरी विषेष रूप से उपस्थित थी। सभी आमंत्रित अतिथियों ने गुरुदेव के कार्यों और विचारों पर बात की। कार्यक्रम का संचालन नाट्य विद्यालय के समन्वयक विक्रांत भट्ट ने किया। आभार डा. मौसमी परिहार ने माना।
टीकाकरण महाभियान में लगे 300 से अधिक टीके: आरएनटीयू मेंराष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा आवाज़ के सहयोग से हुआ दो दिवसीय कोरोना टीकाकरण शिविर का आयोजन
डिजिटल डेस्क, भोपाल। कोरोना टीकाकरण महाभियान के अंतर्गत एवं भारत सरकार की मंशानुरूप कुलसचिव डॉ विजय सिंह के निर्देशन में गैर सरकारी संगठन आवाज़ के सहयोग राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय द्वारा दो दिवसीय कोरोना के प्रथम, द्वितीय एवं बूस्टर डोज़ शिविर का आयोजन किया जा रहा है। जिसके पहले दिन विश्वविद्यालयीन स्टाफ सहित स्थानीय 190 लोगों को बूस्टर डोज़ लगाया गया।
टीकाकरण की शुरुआत डीन ऑफ अकेडमिक डॉ संजीव कुमार गुप्ता को डोज़ लगाकर की गई। वहीं दूसरे दिन टीकाकरण की शुरुआत डॉ सीवी रमन विश्वविद्यालय वैशाली के कुलाधिपति मान. डॉ वी के वर्मा को बूस्टर डोज़ लगाकर की गई। साथ प्रो वाइस चांसलर डॉ संगीता जौहरी की उपस्थिति में 125 लोगों को टीका लगाया गया। साथ ही कार्यक्रम अधिकारी श्री गब्बर सिंह एवं डॉ रेखा गुप्ता तथा पीआरओ श्री विजय प्रताप ने भी डोज़ लगवाकर अन्य लोगों को भी इस हेतु प्रेरित किया।
इस अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना के दलनायक अविनाश चौहान तथा स्वीटी बाला ने बूस्टर डोज़ के फायदे बताए। आवाज़ के इस सहयोग के लिए विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ ब्रम्हप्रकाश पेठिया ने बधाई व शुभकामनाएं दीं। इस दो दिवसीय टीकाकरण शिविर में चिकित्सा एवं पैरामेडिकल विभाग का भी सहयोग रहा। मुख्य भूमिका दलनायिका चित्रांशी मीना, मोना लोधी, दीक्षा पटेल, अविनाश कुमार, अमित कुमार, राजू कुमार इत्यादि की रही।
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