हाईकोर्ट : कठोर सजा के पात्र हैं नाबालिग के साथ रेप के आरोपी, 10 साल की सजा बरकरार 

हाईकोर्ट : कठोर सजा के पात्र हैं नाबालिग के साथ रेप के आरोपी, 10 साल की सजा बरकरार 

Tejinder Singh
Update: 2019-12-23 12:34 GMT
हाईकोर्ट : कठोर सजा के पात्र हैं नाबालिग के साथ रेप के आरोपी, 10 साल की सजा बरकरार 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। नाबालिग के साथ रेप के मामले में दोषी पाए जानेवाले आरोपी को कठोर सजा दी जानी चाहिए। बांबे हाईकोर्ट ने पांच साल की बच्ची के साथ रेप मामले में दोषी 29 वर्षीय सागर धुरी की दस साल की सजा बरकरार रखी है। न्यायमूर्ति पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि ऐसे आरोपियों से कठोरता से निपटना चाहिए। धुरी को निचली अदालत ने साल 2018 में पांच साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म के मामले में दोषी ठहराया था और उसे दस साल के कारावास की सजा सुनाई थी। निचली अदालत के इस फैसले के खिलाफ धुरी ने हाईकोर्ट में अपील की थी। न्यायमूर्ति चव्हाण के सामने धुरी की अपील पर सुनवाई हुई। मामले से जुड़े तथ्यों पर गौर करने के बाद न्यायमूर्ति ने कहा कि बलात्कार जैसे अपराध में दोषी पाए जानेवाले लोग सभ्य समाज के लिए खतरा हैं। इसलिए ऐसे लोगों को कठोर सजा देकर एक स्पष्ट संदेश देना चाहिए की दुष्कर्म के अपराध से कैसे निपटा जाता है। न्यायमूर्ति ने कहा कि इस मामले में आरोपी (धुरी) के सुधरने की कोई गुंजाइश नहीं है। क्योंकि वह एक वयस्क व्यक्ति है। जिसे अपने किए गए कृत्य के परिणाम की जानकारी थी। न्यायमूर्ति ने धुरी की अपील को खारिज करते हुए उसे सुनाई गई सजा को यथावत रखा।  

अभियोजन पक्ष के मुताबिक आरोपी पीड़िता के बगल में रहता था और उसने  साल 2015 में पांच साल की बच्ची को मोबाइल पर म्यूजिक वीडिया दिखाने के नाम पर अपने पास बुला कर उसका यौन उत्पीड़न किया था। इसके बाद बच्ची की मां ने आरोपी के हरकतों के बारे में और लोगों को जानकारी दी। इसके बाद पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई। मामले की छानबीन के बाद पुलिस ने ठाणे के पाक्सो कोर्ट में आरोप पत्र दायर किया किया। सुनवाई के बाद कोर्ट ने धुरी को दोषी ठहराया था। 

 

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