Mumbai News: सरकारी प्रतिष्ठानों में दिव्यांग व्यक्तियों की नियुक्ति में 4 फीसदी आरक्षण सुरक्षित नहीं रखने पर सरकार से मांगा जवाब

सरकारी प्रतिष्ठानों में दिव्यांग व्यक्तियों की नियुक्ति में 4 फीसदी आरक्षण सुरक्षित नहीं रखने पर सरकार से मांगा जवाब
  • जनहित याचिका पर सुनवाई
  • बॉम्बे हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से मांगा जवाब
  • सरकारी प्रतिष्ठानों में दिव्यांग व्यक्तियों की नियुक्ति में 4 फीसदी आरक्षण सुरक्षित नहीं

Mumbai News. बॉम्बे हाई कोर्ट ने गुरुवार को महाराष्ट्र के शिक्षा विभाग समेत सरकारी प्रतिष्ठानों में दिव्यांगों की नियुक्ति में 4 फीसदी आरक्षण नहीं रखे के लेकर राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा। इसको लेकर दायर जनहित याचिका में दावा किया गया है कि दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम (आरपीडब्ल्यूडी) 2016 देश में एक ऐतिहासिक कानून है, जो दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकारों और सुरक्षा को बढ़ाता है। यह अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप है और दिव्यांगता की परिभाषा का विस्तार करता है। राज्य के शिक्षा विभाग समेत सरकारी प्रतिष्ठानों में दिव्यांगों की नियुक्ति में 4 फीसदी आरक्षण देने के लिए कानून का पालन नहीं किया जा रहा है। मुख्य न्यायाधीश आलोक अराधे और न्यायमूर्ति एमएस कार्णिक की पीठ के समक्ष दिव्यांगों के अधिकार के लिए काम करने वाली संस्था मिशन एक्सेसिबिलिटी की ओर से वकील पृथ्वीराज चौधरी की दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता के वकील पृथ्वीराज चौधरी ने दलील दी कि महाराष्ट्र के शिक्षा विभाग समेत सरकारी प्रतिष्ठानों में दिव्यांगों की नियुक्ति में 4 फीसदी आरक्षण सुरक्षित नहीं रखा जा रहा है। लक्ष्मी शिक्षण संस्था द्वारा 14 मार्च 2023 को 35 असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर स्थाई रूप से नियुक्त के लिए एक अंग्रेजी समाचार पत्र में विज्ञापन निकाला गया। दिव्यांग आशुतोष कवाडे ने 14 अप्रैल 2023 को आरपीडब्ल्यूडी अधिनियम के तहत 4 फीसदी आरक्षित सीट के लिए असिस्टेंट प्रोफेसर के पद के लिए आवेदन किया। लक्ष्मी शिक्षण संस्था ने 14 फरवरी 2024 को आवेदनकर्ता कवाडे को साक्षात्कार के लिए बुलाया। उन्होंने साक्षात्कार के बाद आरटीआई के तहत लक्ष्मी संस्था के कॉलेज डेवलपमेंट कमेटी से 4 फीसदी दिव्यांग व्यक्तियों की नियुक्ति को लेकर जानकारी मांगी, तो संस्था के तरफ से जवाब दिया गया कि कोई भी दिव्यांग उम्मीदवार असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति के लिए योग्य नहीं पाया गया।

दिव्यांग व्यक्तियों की नियुक्ति को लेकर 4 फीसदी पद आरक्षित करने में असफल रही है। कवाडे ने 22 अगस्त 2024 को दिव्यांग व्यक्तियों के राज्य आयुक्त से शिकायत कर जांच करने और उचित कार्रवाई करने की मांग की। जब उनकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी, उन्होंने सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत उच्च शिक्षा विभाग में दिव्यांग व्यक्तियों के लिए आरक्षित रिक्त पदों की जानकारी मांगी, तो उन्हें पता चला कि उच्च शिक्षण विभागों के मुंबई में 30 में 29 पद, नागपुर में 74 में 69 पद, कोल्हापुर 89 में 76 और सोलापुर में 28 में 13 पर रिक्त हैं। कवाडे ने महाराष्ट्र के शिक्षा विभाग समेत सरकारी प्रतिष्ठानों में दिव्यांग व्यक्तियों के लिए आरक्षित पदों को नहीं भरने को लेकर हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

Created On :   8 May 2025 9:44 PM IST

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