हावड़ा से मुंबई भेजे जा रहे थे 5 हजार पंछी, जीआरपी ने की कार्रवाई

हावड़ा से मुंबई भेजे जा रहे थे 5 हजार पंछी, जीआरपी ने की कार्रवाई

Anita Peddulwar
Update: 2019-04-23 09:32 GMT
हावड़ा से मुंबई भेजे जा रहे थे 5 हजार पंछी, जीआरपी ने की कार्रवाई

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नियमों को ताक पर रखते हुए ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस में हावड़ा से मुंबई भेजे जा रहे पक्षियों को विविध संगठन, पक्षी मित्रों ने जीआरपी की मदद से कार्रवाई कर अपने कब्जे में लिया। एक यात्री की सतर्कता से नागपुर रेलवे स्टेशन पर पक्षियों को कब्जे में लिया गया। एसएलआर बोगी में करीब 10 पिंजरे थे। पिजरों में करीब 5 हजार पक्षी ठूंस-ठूंस कर भरे थे। इनमें सफेद चूहों से लेकर खरगोश भी थे। मुंबई ले जाने के लिए नियमों का कोई पालन नहीं किया किया।

फेसबुक पर पोस्ट डालते ही वायरल हो गई
ट्रेन नं-12102 हावड़ा-एलटीटी एक्सप्रेस रविवार की रात 9.46 बजे हावड़ा से निकली थी। ट्रेन में शुभ्रत दास नामक यात्री भी सफर कर रहा था। उसे नागपुर ही आना था। एनिमल एक्टीविटी के लिए काम करने के कारण शुभ्रत को पक्षियों को जिस तरह से गाड़ी में रखा जा रहा था, वह नियमों के बाहर होने की बात समझ में आई, उसने तुरंत ही इसे लेकर फेसबुक पर पोस्ट डाल दी, जो रातभर में इतनी वायरल हो गई कि, कई संगठनों से लेकर एनिमल एक्टीविटी के लिए काम करने वालों को इसकी जानकारी मिल गई। 

ट्रेन आने के पूर्व ही स्टेशन पर पहुंच गए पक्षी मित्र
गाड़ी नागपुर आने के पहले मानद पशु कल्याण अधिकारी करिश्मा गलानी, अंजली वैद्य, श्रीराम सेना के आकाश सपेलकर, बादल बैनर्जी, आकार फाउंडेशन की रीना सिंह आदि आरपीएफ के पास पहुंची, जिसके बाद मामले को जीआरपी के पास भेजा गया। जीआरपी को इस संबंध में पत्र दिया गया, जिसके बाद नागपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर-8 पर गाड़ी आने के पूर्व ही पूरी टीम पहुंच गई। ठीक शाम 5.20 बजे गाड़ी स्टेशन पर पहुंचने के बाद सबसे आखिर में लगे एसएलआर बोगी को खोल कर देखा गया, जिसमें करीब 10 पिंजरे थे। हर एक पिंजरे में 5-5 कंपार्टमेंट बनाए गए थे, इसमें पक्षी व चूहे, खरगोश ठूंस-ठूंस कर भरे गए थे। तुरंत इन्हें गाड़ी के बाहर निकाला गया, जिसके बाद कार्रवाई शुरू की गई। पक्षी मित्र ने इनको अपने कब्जे में लिया। वन विभाग के अधिकारियों के साथ चिकित्सकों ने भी मौके पर पहुंच कर पक्षियों की जांच की। 

करीब 5 लाख कीमत 
पिंजरों में कई प्रजातियों के पक्षी थे, जिनमें कबूतर, लव बर्ड, फींच बर्ड, काकटेल के अलावा सफेद चूहे, खरगोश का समावेश था। जानकारों की मानें तो इनमें कई पक्षी 6 हजार रुपये जोड़ी तक बिकते हैं। ऐसे में पकड़े गए पक्षियों की कीमत 5 लाख रुपए के करीब हो सकती है। 

दिए जा सकते हैं, महाराजबाग को 
सभी पक्षी डोमेस्टिक श्रेणी में आते हैं। ऐसे में इन्हें पालने का व बेचने-खरीदने का अधिकार है, लेकिन इनकी जिस तरह से ढुलाई की जा रही थी। वह पशु क्रूरता अधिनियम का उल्लंघन है। इस नियम के तहत ही कार्रवाई की गयी है। कब्जे में लिए गए पक्षियों को छोड़ नहीं सकते हैं, क्योकि ऐसा करने से वह सरवाइव नहीं कर सकेंगे। इन्हें वनविभाग को भी नहीं दिया जा सकता है। ऐसे में आने वाले कुछ दिनों में इन पक्षियों को महाराजबाग जू में देखा जा सकता है।

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