मास कम्युनिकेशन के छात्र बना रहे ऐतिहासिक डाक्यूमेंट्री, दुनिया जानेगी अजब बंगला का गजब इतिहास

नागपुर यूनिवर्सिटी मास कम्युनिकेशन के छात्र बना रहे ऐतिहासिक डाक्यूमेंट्री, दुनिया जानेगी अजब बंगला का गजब इतिहास

Tejinder Singh
Update: 2022-05-09 15:17 GMT
मास कम्युनिकेशन के छात्र बना रहे ऐतिहासिक डाक्यूमेंट्री, दुनिया जानेगी अजब बंगला का गजब इतिहास

डिजिटल डेस्क, नागपुर। देश में तीसरे नंबर का सबसे बड़ा म्यूजियम उपराजधानी में है। जिसे अजब बंगला के नाम से भी जाना जाता है । इस मध्यवर्ती संग्रहालय (म्यूजियम) को लेकर एक डाक्यूमेंट्री फिल्म तैयार की जा रही है। जिसे राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज यूनिवर्सिटी के मास कम्युनिकेशन डिपार्टमेंट की टीम शिद्दत से जुटी है। सोमवार को डिपार्टमेंट के एचओडी मोइज़ मन्नान हक के मार्गदर्शन में डाक्यूमेंट्री की शूटिंग पूरी हुई। इस मौके पर शिक्षक नीरज नखाते और तजिन्दर सिंह ने फिल्मांकन सम्पन्न किया। छात्र विनय नीमगाड़े, उमंग कोल्हे, नेहा मून और पवन शाह ने स्क्रिप्ट और कैमरे पर काम किया।

 

केंद्रीय संग्रहालय प्रबंधन की ओर से किशोर मोरेश्वर बोरकर, निकेश खुबलकर और सुचेन्द्र मंडपे ने टीम को म्यूजियम से जुड़ी खास जानकारी दी। मध्यवर्ती संग्रहालय की अधिकारी जया वाहने के मुताबिक म्यूजियम संतरानगरी की शान है, यहां बेशकीमती संग्रह है। संग्रहालय की भूविज्ञान गैलरी अच्छी तरह से व्यवस्थित है। ऐसे में ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसकी जानकारी मिले, इस उद्देश्य से डाक्यूमेंट्री फिल्म बनाई जा रही है।

आर्टिस्ट सुचेन्द्र मंडते के मुताबिक 1862 में तत्कालीन मुख्य आयुक्त सर रिचर्ड टैंपल केंद्रीय संग्रहालय स्थापित किया गया था। जहां दुर्लभ कलाकृतियां छत्तीसगढ़, विदर्भ, मध्य प्रदेश और पश्चिमी महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों से प्राप्त की गई थीं। यहां दुर्लभ पुरावशेष, प्राचीन शिलालेख, मूर्तियां, सिक्के, पेंटिंग मौजूद है। 

संग्रहालय में सबसे अधिक देखा जाने वाला प्राकृतिक इतिहास है, जो प्राचीन अतीत की घटनाओं, दुनिया की शुरुआत में मनुष्य के जीवन और सदियों पुरानी सभ्यताओं, सिक्कों और मिट्टी के बर्तनों की झलक प्रदान करता है। 

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