सिंचाई क्षेत्र बढ़ाने के लिए किसानों को सौर पंप उपलब्ध कराएं- फडणवीस

सिंचाई क्षेत्र बढ़ाने के लिए किसानों को सौर पंप उपलब्ध कराएं- फडणवीस

Anita Peddulwar
Update: 2018-07-05 07:34 GMT
सिंचाई क्षेत्र बढ़ाने के लिए किसानों को सौर पंप उपलब्ध कराएं- फडणवीस

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि ‘मांगेगा उसे खेत तालाब योजना’ का क्रियान्वयन सफलतापूर्वक हो रहा है। इसके चलते किसानों को प्राथमिकता से सौर पंप का वितरण होना चाहिए, ताकि सिंचाई क्षेत्र और कृषि उत्पादन बढ़ाने में मदद होगी। वे विधानभवन के मंत्री परिषद सभागृह में आयोजित अमरावती जिले की समीक्षा बैठक में बोल रहे थे।

इस दौरान अमरावती के पालकमंत्री प्रवीण पोटे पाटील, सांसद रामदास तडस, विधायक डॉ. सुनील देशमुख, डॉ. अनिल बोंडे, वीरेंद्र जगताप, बच्चू कडू, रमेश बुंदिले, प्रभुदास भिलावेकर, विभागीय आयुक्त पीयूष सिंह, जिलाधिकारी अभिजीत बांगर, मुख्य कार्यकारी अधिकारी मनीषा खत्री, पुलिस आयुक्त दत्तात्रय मंडलिक, पुलिस अधीक्षक अभिनाश कुमार, महापालिका आयुक्त संजय निपाणे समेत अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि किसानों का उत्पन्न बढ़ाने के लिए विविध योजनाओं के माध्यम से प्रयास किया जा रहा है। जिले में खेत तालाब योजना के उद्देश्य से अधिक 4803 खेत तालाब का कार्य पूरा हुआ है। ऐसे में जहां विद्युत की आपूर्ति करना संभव नहीं है, ऐसे जगहों पर प्राथमिकता से सौर पंप उपलब्ध किए जाए। इससे किसान उपलब्ध पानी से फ़सल ले सकेंगे। वहीं धड़क सिंचाई योजना के अंतर्गत 16 हजार 400 कुएं का निर्माण कार्य हो रहा है। मुख्यमंत्री ग्रामसड़क योजना में 735 कि.मी. के उद्दिष्ट में से 588 कि.मी. के रास्ते मंजूर हैं। उसमें 144 कि.मी. के रास्ते का कार्य पूरा हुआ है और 153 कि.मी. का कार्य प्रगतिपथ पर है।

मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प के कोर और बफर क्षेत्र के रास्तों के लिए एकत्रित अनुमति प्रक्रिया वन विभाग ने पूरी करने के निर्देश भी उन्होंने दिए। प्रधानमंत्री आवास योजना में 10 हजार 729 मकानों का कार्य पूरा हुआ है। 34 हजार 569 में से 24 हजार 723 मकान मंजूर किए गए हैं। 23 हजार 162 लाभार्थियों को प्रथम हफ्ता भी दिया गया है।

नागपुर-मुंबई समृद्धि महामार्ग के लिए 90 फीसदी भूमि अधिगृहीत हुई है, बाकी भूमि अधिग्रहण का कार्य जल्द होने के लिए प्रयास करें। नए नियम के अनुसार भूमि अधिगृहीत करने का अधिकार सरकार को है। उसके बाद मुआवजे के लिए भूमि मालिक को मूल्य बढ़ाकर देने के लिए प्राधिकरण से अपील की जा सकती है। फ़सल कर्ज वितरण के लिए राष्ट्रीयकृत बैंक की ओर से प्रयास होना आवश्यक है। 

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