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Nagpur News: चुनाव को लेकर मनपा में भ्रम बरकरार , इच्छुकों में देखा जा रहा उत्साह

- प्रभाग रचना और आरक्षण प्रक्रिया पर राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देश का इंतजार
- आदेश मिलने के बाद अगली प्रक्रिया करने की जानकारी दी
Nagpur News सर्वाेच्च न्यायालय की ओर से 4 महीने में स्थानीय निकायों के चुनावों की अधिसूचना जारी करने का अादेश दिया गया है। ऐसे में राज्य भर में स्थानीय निकायों के चुनावों के लिए हलचल तेज हो गई है। वहीं, अब शहर में भी महानगरपालिका चुनावों को लेकर उत्सुकता बढ़ गई है। हालांकि मनपा के चुनाव के लिए अब तक आरक्षण और प्रभाग निर्धारण पर भ्रम बना हुआ है। मनपा का निर्वाचन कक्ष अब भी साल 2017 के आम चुनावों को लेकर मुस्तैद है। राज्य निर्वाचन आयोग से आदेश मिलने के बाद अगली प्रक्रिया करने की जानकारी दी जा रही है।
बदलती रही स्थिति : साल 2017 में शहर में 38 प्रभाग के आधार निर्वाचन प्रक्रिया की गई थी। प्रभाग 38 में 3 नगरसेेवक के साथ ही अन्य 37 प्रभाग में 4 सदस्यों को शामिल किया गया था। निर्वाचित 151 निर्वाचित नगरसेवकों समेत 5 मनोनीत नगरसेवक समेत सदस्य संख्या 156 थी। साल 2019 में महाविकास आघाड़ी की सरकार बनने के बाद प्रभाग संरचना में बदलाव किया गया था। इस सरकार ने 3 सदस्यीय प्रभाग प्रणाली लागू करने का फैसला किया था, जिसके चलते शहर में 156 नगरसेवकों के साथ प्रभागों की संख्या 52 हो गई थी। हालांकि बाद में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महायुति सरकार ने पूर्व की सरकार के फैसले काे बदल दिया था। मनपा के निर्वाचन कक्ष में फिलहाल अंतिम चुनाव साल 2017 के मुताबिक ही प्रभाग और आरक्षण प्रक्रिया को जारी रखा गया है। निर्वाचन कक्ष के अधिकारियों के मुताबिक अब तक राज्य निर्वाचन आयोग से कोई भी निर्देश नहीं आया है। राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशों के तहत कोई भी फैसला लिया जाएगा।
निर्वाचन आयोग के निर्देश पर कार्यवाही : महानगरपालिका प्रशासन अब भी साल 2017 के अंतिम मनपा आम चुनाव के आधार पर परिसीमन, आरक्षण और प्रभाग रचना के साथ तैयार है। राज्य निर्वाचन आयोग से अगले निर्देश के बाद ही कोई भी पहल की जाएंगी। अब तक कोई भी निर्देश नहीं मिला है। -श्याम कापसे, सहायक आयुक्त निर्वाचन कक्ष, मनपा
7 अक्टूबर 2016 का आरक्षण : मनपा के निर्वाचन विभाग से फिलहाल 7 अक्टूबर 2016 के ही प्रभाग आरक्षण को माना जा रहा है। राज्य निर्वाचन आयोग से निर्देश मिलने के बाद प्रभाग आरक्षण प्रक्रिया में बदलाव किया जा सकता है। साल 2016 के आरक्षण के मुताबिक 151 सीट में से अनुसूचति जाति के लिए 30, अनुसूचित जनजाति के लिए 12, अन्य पिछड़ा प्रवर्ग के लिए 41 और सामान्य श्रेणी के लिए 68 सीट को मान्य किया गया है, जबकि आरक्षित प्रवर्ग में से 50 फीसदी महिला आरक्षण के लिए मान्य की गई है। महिला आरक्षण में 151 में से 76 सीट पर अनुसुचित जाति के लिए 15, अनुसूचित जनजाति के लिए 6, अन्य पिछड़ा प्रवर्ग के लिए 21 और सामान्य श्रेणी के लिए 34 सीट को मान्य किया गया है।
Created On :   8 May 2025 12:25 PM IST