Nagpur News: भू-जल विभाग की अजीब सर्वेक्षण रिपोर्ट, मानसून के बाद कुओं का जल स्तर कम हो गया

भू-जल विभाग की अजीब सर्वेक्षण रिपोर्ट, मानसून के बाद कुओं का जल स्तर कम हो गया
  • आधे से ज्यादा सार्वजनिक कुओं का पानी पीने योग्य नहीं रहा
  • कई कुएं कूड़े के गड्ढों में तब्दील हो गए

Nagpur News केंद्रीय भू-जल प्राधिकरण ने नागपुर शहर में कुओं की भूजल स्थिति पर एक रिपोर्ट बाॅम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ में प्रस्तुत की है, लेकिन याचिकाकर्ता का दावा है कि, यह रिपोर्ट अजीब है। आमतौर पर मानसून से पहले कुओं का भूजल स्तर नीचे होता है, लेकिन इस रिपोर्ट के अनुसार मानसून के बाद यह स्तर और नीचे चला गया है।

यह है मामला : शहर के आधे से ज्यादा सार्वजनिक कुओं का पानी पीने योग्य नहीं रहा और ये कुएं या तो सूख गये हैं या कूड़े के गड्ढों में तब्दील हो गए हैं, इसलिए, इन कुओं को पुनर्जीवित करने की मांग करते हुए संदेश सिंगलकर ने नागपुर खंडपीठ में यह जनहित याचिका दायर की थी। याचिका पर मंगलवार को न्या. नितीन सांबरे और न्या. वृषाली जोशी के समक्ष सुनवाई हुई।

केंद्रीय भूजल प्राधिकरण क्षेत्रीय निदेशक नागपुर को कोर्ट ने दो बार अवसर देने के बावजूद अब तक कोई जवाब दाखिल नहीं किया, इसलिए पिछली सुनवाई में कोर्ट ने भूजल प्राधिकरण पर 3 हजार का जुर्माना लगाया था, जिसके चलते भूजल विभाग ने हाल ही में रिपोर्ट प्रस्तुत की, लेकिन याचिकाकर्ता ने इस पर आपत्ति जताई और कहा कि, रिपोर्ट के अनुसार मानसून से पहले कुओं का भूजल स्तर अधिक था, जबकि मानसून के बाद यह कम हो गया, जो तर्कसंगत नहीं है। आमतौर पर मानसून के बाद भूजल स्तर बढ़ता है। इस पर न्यायालय ने याचिकाकर्ता को अपनी आपत्तियां लिखित देने का निर्देश दिया। याचिकाकर्ता की ओर से एड. स्मिता सिंगलकर और मनपा की ओर से एड. सुधीर पुराणिक ने पैरवी की।


Created On :   7 May 2025 12:57 PM IST

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