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Nagpur News: कोर्ट ने कहा - मोबाइल स्मार्ट चाहिए तो मीटर क्यों नहीं?

Nagpur News महाराष्ट्र सरकार के ऊर्जा विभाग और महावितरण द्वारा शुरू की गई स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया को रोकने के निर्देश देने की मांग को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में जनहित याचिका दायर की गई है। मामले पर सुनवाई के दौरान अदालत ने मौखिक रूप से सवाल किया कि, जब लोगों को मोबाइल स्मार्ट चाहिए, तो बिजली मीटर स्मार्ट क्यों नहीं होने चाहिए?
उपभोक्ताओं से जबर्दस्ती : यवतमाल के विदर्भ वीज ग्राहक संगठन के अध्यक्ष प्रशांत दर्यापुरकर ने इस मुद्दे पर यह जनहित याचिका दायर की है। वहीं, गोरेवाड़ा निवासी राजाबल इलमे ने इस याचिका में मध्यस्थी अर्जी भी दायर की है। याचिकाकर्ता का कहना है कि केंद्र सरकार ने यह निर्णय लिया है कि पुराने मीटर ठीक हालत में होने के बावजूद उन्हें बदलकर नए स्मार्ट मीटर लगाए जाएं, जो अवैध है। साथ ही, प्रीपेड प्रणाली को अनिवार्य किया जा रहा है, जिससे उपभोक्ताओं पर जबर्दस्ती हो रही है। पिछली सुनवाई में राज्य सरकार के ऊर्जा विभाग ने अपना जवाब प्रस्तुत किया था। विभाग ने कहा कि पुराने मीटरों की जगह स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं, लेकिन फिलहाल इनमें प्रीपेड सुविधा शामिल नहीं की गई है। भविष्य में यदि उपभोक्ता चाहे तो यह सुविधा दी जा सकती है। इसी तरह महावितरण ने भी अदालत में अपना जवाब दायर किया था।
सुनवाई दिवाली अवकाश के बाद : इस मामले पर मंगलवार को न्यायमूर्ति अनिल किलोर और न्यायमूर्ति रजनीश व्यास की पीठ के समक्ष सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता के वकील का कहना था कि राज्य सरकार और महावितरण का जवाब एक जैसा है और स्मार्ट मीटर थोपे जा रहे हैं। इस पर अदालत ने मौखिक रूप से टिप्पणी की कि जब लोगों को मोबाइल अपडेट चाहिए, नए आईफोन के आने पर वे लाइन लगाकर खरीदते हैं, तो फिर स्मार्ट या प्रीपेड मीटर का विरोध क्यों? अदालत ने कहा कि हम आपके मुद्दे के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन आपके तर्क पर्याप्त रूप से संतोषजनक नहीं हैं। अदालत ने याचिकाकर्ता के वकील को अगली सुनवाई के लिए बेहतर तैयारी के साथ आने का निर्देश दिया। इस मामले पर अगली सुनवाई दिवाली अवकाश के बाद तय की गई है। याचिकाकर्ता की ओर से एड. प्रतीक पूरी ने पैरवी की।
Created On :   15 Oct 2025 2:45 PM IST