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Nagpur News: डिफाल्टर हैं 67% संपत्ति मालिक , टैक्स जमा करने में लापरवाही

- 4.60 लाख लोगों पर 938.7 करोड़ रु 'प्रॉपर्टी टैक्स' बकाया
- टैक्स के बगैर विकास में बाधा अब सख्ती से वसूलेगी मनपा
Nagpur News महानगर पालिका अब कड़ाई से प्रॉपर्टी टैक्स वसूलेगी। नागपुर मनपा क्षेत्र में कुल 6 लाख 87 हजार संपत्तिधारक हैं। इनमें से 4 लाख 60 हजार लोगों ने 'संपत्ति-कर' का भुगतान नहीं किया है। ऐसे डिफाल्टरों की संख्या लगभग 67 प्रतिशत हो चुकी है। यह बकाया राशि करीब 938.7 करोड़ रुपए हो चुकी है। इसमें मूल रकम के साथ दंड की राशि भी शामिल है। ‘संपत्ति-कर' की समुचित वसूली नहीं होने के कारण पिछले वित्त वर्ष में ‘संपत्ति-कर विभाग' को मात्र 318 करोड़ रुपए मिले। इसके कारण शहर के विकास हेतु समुचित फंड का इंतजाम करने में बाधा आ रही है।
बताया जाता है कि अब तक महानगर पालिका के अधिकारियों पर अन्य कई कामों की व्यस्तता थी, इसलिए वसूली में सख्ती नहीं हो सकी। अब अन्य कार्यों से मुक्त होकर मनपा ने ‘संपत्ति-कर' की कड़ाई से वसूली का निर्णय लिया है।
सर्वाधिक बकाएदार आशी नगर जोन में शहर में सर्वाधिक बकायादारों में आशी नगर जोन के 1.19 लाख संपत्तिधारक शामिल हैं। इन पर 169 करोड़ रुपए बकाया है। इसके अलावा मंगलवारी जोन में 70 हजार संपत्तिधारक पर 159.6 करोड़ रुपए, लक्ष्मी नगर में 153 करोड़ रुपए का समावेश है। इन तीनों जोन में बकायादारों को मिलाने पर मनपा की बकाया राशि का 50 फीसदी का समावेश है। इसके अलावा धंतोली जोन में 10034 संपत्तियों पर 50.9 करोड़ रुपए, गांधीबाग जोन में 14906 संपत्तियों पर 18.9 करोड़ रुपए बकाया है। शहर में सबसे कम बकायादारों में सतरंजीपुरा जोन का समावेश है। इस जोन में 26273 संपत्तियों पर 32.9 करोड़ रुपए कर बकाया है।
धार्मिक संस्थानों पर 1.32 करोड़ बकाया : मनपा के संपत्ति कर विभाग को धार्मिक संस्थानों से भी संपत्ति कर नहीं मिला है। शहर में करीब 990 से अधिक धार्मिक संस्थानों के तहत मंदिर, मस्जिद, चर्च और गुरुद्वारे हैं। इन पर करीब 1.32 करोड़ रुपए का संपत्ति कर बकाया है। धर्मादाय आयुक्त कार्यालय में पंजीकृत संस्थानों पर अब वर्तमान वित्तीय वर्ष 2025-26 में 90.37 लाख रुपए की डिमांड सौंपी जाएगी। बकायादारों की सूची में नेहरू नगर जोन में सर्वाधिक 138 धार्मिक संपत्तियों पर 30.74 लाख रुपए का समावेश है।
अन्य कार्यों में व्यस्त रहे अधिकारी और कर्मचारी : पिछले साल लोकसभा और विधानसभा चुनावों की सेवाओं के अलावा 20 जुलाई को बाढ़ के चलते सर्वेक्षण और राहत कार्यो में संपत्ति कर विभाग के अधिकारी और कर्मचारी जुटे रहे। इसके अलावा सितंबर माह में मनपा से लाडली बहन योजना में आवेदन भरने के काम में भी लगाया गया था। ऐसे में मनपा को संपत्ति कर वसूली में खासी परेशानी हुई है। दूसरी ओर 1 जनवरी से 31 मार्च तक अभय योजना के चलते मनपा प्रशासन सख्ती से कर वसूली नहीं कर पाया है।
Created On :   6 May 2025 12:33 PM IST