समृद्धि एक्सप्रेस-वे के 6 चरणों के कार्य को अभी तक नहीं मिला कार्यादेश

समृद्धि एक्सप्रेस-वे के 6 चरणों के कार्य को अभी तक नहीं मिला कार्यादेश

Anita Peddulwar
Update: 2019-02-05 05:47 GMT
समृद्धि एक्सप्रेस-वे के 6 चरणों के कार्य को अभी तक नहीं मिला कार्यादेश

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के ड्रीम प्रोजेक्ट समृद्धि एक्सप्रेस-वे को जमीन पर उतरने में देरी होने के बाद अब उसे बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने की होड़ सी मच गई है। नागपुर-मुंबई समृद्धि एक्सप्रेस-वे कुल 16 चरणों में पूरा करना है। अभी तक इसके भूमिपूजन की तारीख तय नहीं हो सकी और एमएसआरडीसी अभी से इस काम को जोर-शोर से भुनाने में लग गई है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि जिस रामझूले को बनाने में एफकाॅन्स ने 12 साल लगाए थे, उस कंपनी को ही काम का ठेका दिया गया है। 

ठंडे बस्ते में पड़ा काम 
नागपुर से मुंबई तक बनने वाले 6 लेन समृद्धि एक्सप्रेस-वे की अधिसूचना ढाई साल पहले ही जारी हुई थी। जमीन अधिग्रहण का काम दो साल से ज्यादा समय तक चला और एमएसआरडीसी का दावा है कि 95 फीसदी से ज्यादा जमीन अधिग्रहण हुआ है। कुल 16 चरणों में बनने वाले इस प्रोजेक्ट के 13 चरणों के टेंडर मई 2018 में जारी हुए थे। नागपुर जिले में बनने वाले 28 किमी रास्ते का काम मेघा इंजीनियरिंग व वर्धा जिले में बनने वाले 58 किमी के काम का ठेका बहुचर्चित एफकाॅन्स इंफ्रा लि. को मिला है। मई 2018 से दिसंबर 2018 (7 महीने) तक समृद्धि एक्सप्रेस-वे का काम ठंडे बस्ते में पड़ा रहा। 

इस पब्लिसिटी पर उठ रहे हैं सवाल 
एमएसआरडीसी ने जनवरी 2018 में नागपुर व वर्धा समेत 10 चरणों के काम का कार्यादेश दे दिया। नागपुर जिले के शिवमंडला समेत 5 जगहों पर भूमिपूजन होना है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी की प्रमुख उपस्थिति में शिवमंडला में भूमिपूजन करेंगे, लेकिन अभी तक इसकी तारीख ही तय नहीं हो सकी है। इसके पूर्व ही एमएसआरडीसी ने ठेका कंपनियों को जनवरी 2019 में कार्यादेश की तिथि देकर काम शुरू करने को कहा। कंपनियों ने अधिगृहित जमीन को केवल समतल करने का काम शुरू किया और प्रशासन की तरफ से इसे समृद्धि एक्सप्रेस-वे का काम शुरू होने के तौर पर पेश किया गया। यह केवल प्राथमिक स्तर का काम है, प्रत्यक्ष सड़क का काम (कंस्ट्रक्शन) भूमिपूजन के बाद ही शुरू हो सकेगा। लंबे समय तक प्रक्रिया रुकी रहना और फिर एकदम से काम शुरू होने की पब्लिसिटी पर सवाल उठ रहे हैं। 

रामझूला बनाने में बहुत देर कर दी
केबल आधारित रामझूले के काम में बहुत देरी हुई। मुंबई की एफकाॅन्स इंफ्रा. कंपनी को रामझूले का कार्यादेश 25 जनवरी 2006 को मिला था और इसे 42 महीने में पूरा करना था। कंपनी ने यह काम 12 साल बाद पूरा किया और इसका खर्च करीब 70 करोड़ से बढ़कर करीब 113 करोड़ हुआ था। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने 7 दिसंबर 2014 को पहले फेज व 18 जनवरी 2019 को रामझूले के दूसरे फेज का लोकार्पण किया था। सीएम के इस ड्रीम प्रोजेक्ट के वर्धा का काम इसी कंपनी को मिला है।  

भूमिपूजन के बाद होगा कंस्ट्रंक्शन
महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास महामंडल (एमएसआरडीसी) के सहप्रबंध निदेशक चंद्रकांत पुलकुंडवार ने बताया कि 16 में से 10 चरणों को एप्वाइंटेड डेट (कार्यादेश) जारी हुआ और अभी यहां प्रिपेटरी वर्क शुरू हो गया है। एक सप्ताह में और 2 चरणों को एप्वाइंटेड डेट दी जाएगी। लगभग 100 फीसदी जगह अधिगृहीत हो चुकी है और भूमिपूजन की तारीख अभी तय नहीं हो सकी है। अभी जगह समतल करने का काम हो रहा है और भूमिपूजन के बाद सड़क के कंस्ट्रक्शन का काम शुरू होगा। 13 चरणों के लिए 30 महीने व बाकी 3 चरणों के लिए 36 महीने में काम की करना है, लेकिन हमारा इरादा 25 महीने में काम पूरा करने का है। रामझूले को 12 साल लगाने वाली एफकाॅन्स कंपनी को ठेका देने के सवाल पर कहा कि मुझे इसकी जानकारी नहीं है। नागपुर व वर्धा में आने वाले काम की जानकारी विभागीय प्रोजेक्ट डायरेक्टर उज्ज्वल डाबे से ली जा सकती है। इस संदर्भ में उज्ज्वल डाबे से संपर्क करने पर उन्होंने मोबाइल नहीं उठाया। 

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