प्रयागराज में लगे 'कांग्रेसी वरूण' के पोस्टर, सांसद ने दिया बड़ा बयान

वरूण गांधी कांग्रेस में! प्रयागराज में लगे 'कांग्रेसी वरूण' के पोस्टर, सांसद ने दिया बड़ा बयान

Anupam Tiwari
Update: 2021-10-12 13:18 GMT
प्रयागराज में लगे 'कांग्रेसी वरूण' के पोस्टर, सांसद ने दिया बड़ा बयान

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से भाजपा सांसद वरूण गांधी को लेकर सोशल मीडिया पर अफवाहों का बाजार गरम है। आप को बता दें कि पिछले कई दिनों से लखीमपुर खीरी घटना और किसानों के मुद्दे को लेकर वरूण गांधी अपनी पार्टी के खिलाफ ही आक्रामक दिख रहे हैं। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा कि वरूण गांधी की केंद्रीय नेतृत्व से दूरियां बन गईं हैं। जिसकी वजह से वरूण गांधी लगातार पार्टी के विरोध में बगावती सुर अख्तियार कर रहे हैं। इन दिनों ट्वीट कर वरूण गांधी पार्टी को भी असहज कर रहे हैं, जिससे राजनीतिक गलियारों में कयास लगाए जा रहे है कि वरूण गांधी बीजेपी छोड़ सकते हैं।

इसी क्रम में यूपी के प्रयागराज में कांग्रेस के नेताओं ने वरूण गांधी का एक स्वागत पोस्टर लगाकर, वरूण गांधी के कांग्रेस में जाने की अटकलों में जान डाल दी। गौरतलब है कि प्रयागराज में कांग्रेस नेता ने पोस्टर में लिखा है कि "दुःख भरे दिन बीते रे भइया अब सुख आयो रे" इसमें वरुण गांधी के साथ-साथ कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का भी फोटो था। इस पोस्टर को सोशल मीडिया पर भी वायरल किया जा रहा था। पोस्टर में नीचे इरशाद उल्ला और बाबा अभय अवस्थी की तस्वीर लगी है। दोनों ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं। 

 

वरूण गांधी ने बताया अफवाह

आपको बता दें कि जब वरूण गांधी से एक न्यूज़ चैनल द्वारा फोन से बात करके पूछा गया कि क्या आप बीजेपी छोड़कर कांग्रेस ज्वाइन कर रहें हैं? उस पर वरूण गांधी ने कहा कि ये सब अफवाह हैं। उसके बाद से सांसद वरूण गांधी के पार्टी छोड़ने की सभी अटकलों पर विराम लग गया। 

पार्टी छोड़ने की अटकलों की वजह ये बनी

गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी हिंसा को लेकर एक तरफ जहां वरूण गांधी अपनी बयानबाजी में व्यस्त थे तो वहीं बीजेपी हाईकमान ने वरुण गांधी और उनकी मां मेनका गांधी को बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से हटा दिया था। इसके बाद वरुण गांधी के साथ ही मेनका गांधी के भी कांग्रेस में जाने की अफवाह उड़ी थी। हालांकि मेनका गांधी ने भी बयान जारी कर इस बात पर विराम लगा दिया था। उन्होंने कहा था कि वे लंबे समय से कार्यकारिणी में रही हैं, और इन बातों से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता। बदलाव होना चाहिए, उन्होंने कहा था कि नए लोगों को मौका मिलना चाहिए और वे इसकी समर्थक हैं।

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