'अब इंडिया में भूसे से बने ईंधन से चलेंगी बाइक'

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत सरकार के मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में ये जानकारी साझा की है कि भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार में जल्द ही इलैक्ट्रिक और फ्यूल-फ्लैक्स इंजन वाली बाइक्स एंट्री करेंगी। गडकरी की मानें तो दो बड़ी बाइक निर्माता कंपनियां देश में ऐसी बाइक्स लॉन्च करने वाली हैं। फ्यूल-फ्लैक्स वो इंजन होता है जो दो तरह के ईंधन से चलता है जिनमें पेट्रोल और इथेनॉल शामिल हैं। गौरतलब है कि भारत में इथेनॉल ईंधन वाले वाहनों को इस समय सरकार काफी ज्यादा बढ़ावा दे रही है। गडकरी ने न्यूज़ एजेंसी पीटीआई से कहा है कि, “दो बड़ी बाइक निर्माता कंपनियों ने वादा किया है कि इस महीने के अंत तक वो भारत में इलैक्ट्रिक और फ्यूल-फ्लैक्स इंजन से चलने वाली बाइक्स लॉन्च करेंगी जो पेट्रोल और इथेनॉल दोनों तरह के ईंधन से चल सकेंगी।”
नितिन गडकरी ने कहा कि ये बाइक्स भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार में जल्द ही दस्तक देंगी। उन्होंने कहा कि, “ये वो मोटरसाइकल है जो 100 प्रतिशत पेट्रोल और 100 प्रतिशत इथेनॉल से चलाई जा सकती हैं।” केंद्रीय मंत्री गडकरी ने खेती-किसानी को इथेनॉल की पैदावार करने पर जोर दिया जिससे पावर और एनर्जी सैक्टर में इथेनॉल पर्याप्त मात्रा में मिल सके। गडकरी ने आगे कहा कि, “देश में हर साल 7 लाख करोड़ रुपए का कच्चा तेल निर्यात किया जाता है, ऐसे में अगर हम इथेनॉल पैदा करके एक साल में 2 लाख करोड़ रुपये भी बचा पाए तो यह भारत की कृषि की अर्थव्यवस्था को पूरी तरह बदला जा सकता है।”
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि भारत सरकार इथेनॉल की पैदावार को बढ़ावा देने के लिए नीति बना रही है, ये ऐसा इंधन है जो गेहूं, चावल और बांस के भूसे से आसानी से बनाया जा सकता है। “एक टन चावल के भूसे से 280 लीटर इथेनॉल पैदा किया जा सकता है जो इस इंडस्ट्री को नए आयाम पर ला देगा। यह अकेला बहुत महत्वपूर्ण ईंधन तो नहीं लेकिन किफायती होने के साथ प्रदूषण मुक्त और स्वच्छ ईंधन है।” गडकरी ने यह भी बताया कि एक लीटर इथेनॉल की कीमत पेट्रोल से लगभग आधी है और इसके लिए नॉर्थ ईस्ट में भारी पैमाने पर बांस की खेती करने पर ज़ोर दिया।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि 70,000 करोड़ की लागत से तैयार होने वाली ऑयल रिफाइनरी लगाने से अच्छा है कि भारत इथेनॉल पैदा करने के लिए बड़े पैमाने पर बांस की खेती करे। गडकरी ने कहा कि ट्रांसपोर्ट को इलैक्ट्रिक, इथेनॉल, मीथेनॉल, बायो-डीजल और बायो सीएनजी इंधन में तबदील करने का प्लान लगभग तैया हो चुका है। नितिन गडकरी ने बताया कि इलैक्ट्रिक बसों को भी बढ़ावा दिया जा रहा है और इनमें सुपर कैपेसिटर तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। इस तकनीक से एक बार चार्ज होने पर बस 36 किमी चलेगी और दोबारा चार्ज होने में सिर्फ और सिर्फ 3 मिनट का समय लगेगा।
Created On :   30 Jan 2018 11:11 AM IST