इन वजहों से सुपरकार रखने से कतराते हैं इंडियन
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बैंगलुरू में हालही में लैंबोर्गिनी (Lamborghini) ने अपने कस्टमर्स के लिए एक ड्राइव आयोजित की थी। इस इवेंट में 18 लैंबोर्गिनी कारें आई थीं। इस ड्राइव के दौरान एक अहम वाकया देखने को मिला। कंपनी के स्टाफ को एक स्पीड ब्रेकर क्रॉस कराने के लिए रोड के दोनों तरफ का ट्रैफिक रोकना पड़ा। जब ये महंगी कारें स्पीड ब्रेकर को क्रॉस करने के लिए जद्दोजहद कर रहीं थी, तभी किसी ने इसका वीडियो बनाया। मनीश अशरानी नाम के शख्स ने इसे यूट्यूब पर अपलोड किया। इस वीडियो से आप देख सकते हैं कि इस स्पीड ब्रेकर को पार करना मुश्किल होता है और इसलिए उन्हें ऑफ-रोड जाना पड़ता है। हालांकि कुछ कार्स में लिफ्ट किट का ऑप्शन भी था, लेकिन इसके बावजूद वो ऑफ रोड जाना पसंद करते हैं। ऐसा करने में एक बड़ा सा ट्रैफिक जैम लग जाता है। ये देखने में तो अच्छा लग रहा है की ऐसी कारें रोड पर चल रही हैं लेकिन ये इस बात को भी दर्शाता है की इस देश में ऐसी कार रखना कितना मुश्किल काम है।
अब हम आपको वो 8 कारण बताते हैं जिनकी वजह से इंडिया में लोग सुपरकार्स रखने में कतराते हैं।
रफ और संकरी सड़कें : देश के कुछ शहरों में अच्छी सड़के हैं, लेकिन ऐसा सभी शहरों में नहीं है। अधिकांश जगहों पर टारमैक टूटा रहता है और फिर ऐसी कारों के लिए मुश्किल बढ़ जाती है। और बहुत सारे शहरों में संकरी सड़कों के चलते वाइडबॉडी सुपरकार्स को चलाना मुश्किल हो जाता है।
खराब तरह से डिजाइन किये गए स्पीडब्रेकर्स : जैसा की वीडियो में देखा जा सकता है, यहां की सड़कों में मौजूद गड्ढों से अधिकांश सुपरकार्स पार नहीं पा सकतीं। कुछ महंगे फ्रंट स्प्लिटर्स के साथ आती हैं जो स्पीड ब्रेकर्स के चलते डैमेज हो सकते हैं। दुर्भाग्यवश सभी कारों में नोज लिफ्ट का ऑप्शन नहीं होता।
रोड पर निहारने वाले लोग: ये इंडिया की सड़कों की बहुत बड़ी दिक्कत है। चूंकि अधिकांश लोगों ने सुपरकार्स को नहीं देखा है इसलिए ऐसी कारों को करीब आते देख वो काफी उत्साहित हो जाते हैं। ये सारे सुपरकार ओनर्स को बहुत परेशान करता है क्योंकि आसपास के लोग इन कारों के साथ चलने के लिए बुरी तरह से ड्राइव भी करते हैं।
धूल और गंदगी: ज्यादा पावर वाली कार और फिसलन भरी रोड दुर्घटना के दो अच्छे दोस्त हैं। और ये बिना 4WD वाली कारों के लिए और भी बड़ी दिक्कत है।
अस्त-व्यस्त ट्रैफिक: इंडिया में ट्रैफिक बहुत ज्यादा है और उनमें कई लोगों को ट्रैफिक के नियम का पालन करना नहीं आता। इससे रोड्स काफी अस्त-व्यस्त हो जाती हैं। अधिकांश सुपरकार्स में ऑल-राउंड विसिबिलिटी नहीं होती है, इसलिए इन्हें शहर में चलाना मुश्किल हो जाता है।
सर्विस बैकअप की कमी: अधिकांश सुपरकार कंपनियों का किसी बड़े शहर में एक ही सर्विस सेंटर हो जाता है जिससे सर्विस सेंटर जाना एक सिरदर्द बन जाता है। साथ ही स्पेयर पार्ट्स आने में भी काफी समय लगता है।
फ्यूल की दिक्कत: इंडिया में मिलावट के चलते फ्यूल क्वॉलिटी उतनी अच्छी नहीं रहती है। साथ ही, देश के कुछ ही फ्यूल पम्प 97 octane ऑफर करते हैं जिसका मतलब है की उन्हें स्पीड या नार्मल पेट्रोल से काम चलाना पड़ता है जो निर्माता की रेटिंग से कम होता है।
पानी जमाव की समस्या: हाँ, अगर आप बारिश के मौसम में अपनी कार बाहर लेकर निकलेंगे तो पानी जमाव आपको काफी परेशान करने वाला है। ऐसे में अपनी कार को घर पर खड़ी रखिये या ऐसी जगह पार्क कीजिये जहां पानी जमाव ना होता हो।
Created On :   30 May 2018 10:30 AM IST