Skoda के उद्धार के लिए Volkswagen दांव पर लगाएगा 80 अरब रुपये
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। SKODA इंडिया में फॉक्सवेगन ग्रुप को लगातार आगे बढ़ा रही है। यही नहीं अब कंपनी ने वाहनों री ब्रिकी बढ़ाने के लिए निवेश करना भी शुरू कर दिया है। आपको बता दें कि फॉक्सवेगन ग्रुप देश में अपना वर्चस्व बढ़ाने के लिए 2020 तक 2 बिलियन यूरो का निवेश करने वाली है। कंपनी वाहनों के रिसर्च और डेवलपमेंट के लिए नया बेस तैयार कर रही है। साथ ही कंपनी ने मैन्युफैक्चरिंग ऑप्रेशन्स को नए प्लैटफॉर्म, टेक्नोलॉजी और नए इंजन उपलब्ध कराने का काम करेगी। कंपनी अब अपनी कारों में ज्यादातर देशी उत्पादों का इस्तेमाल करेगी जिसके फलस्वरूप कारों की कीमतों में भारी कमी आएगी। कंपनी का इसके पीछे मकसद है भारतीय कार मार्केट में 5 प्रतिशत हिस्सा पर कब्जा जमना।
फॉक्सवेगन ग्रुप के सीईओ और चैयरमेन बेर्नहार्ड माइर इस मकसद को पूरा करने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। स्कोडा इंडिया टीम के साथ मिलकर पॉलिसी के हिसाब से डेवेलमेंट देखेंगे। जिससे ये फॉक्सवेगन और स्कोड़ा स्वतंत्र रूप से प्रोडक्टस और एक दूसरे के बिजनेस के नेटवर्क का फायदा उठा सकते हैं।
फॉक्सवेगन ग्रुप के सीईओ और चैयरमेन बेर्नहार्ड माइर ने इस प्लान के बारे में बातचीत करते हुए बताया कि, अब कंपनी वाहनों में लगभग 90 प्रतिशत देशी पुर्जों का इस्तेमाल करेंगे, और यही वजह है कि कंपनी ने पुणे में रिसर्च और डेवलपमेंट के लिए नया प्रोजेक्ट शुरू कर किया है। जिसका फिलहाल निर्माण जारी है। कंपनी ने काम पूरा करने के लिए रोजगार देना भी शुरू कर दिया है।
नये प्रोजेक्ट के शुरू होते ही कंपनी इंडिया में कम ताकत के लिे TSI पेट्रोल इंजन बनाएगी। जिसमें नया ग्लोबल 1.0 3 सिलेंडर इंजन उपलब्ध कराया जाएगा। कंपनी नई एसयूवी में भी इस इंजन का इस्तेमाल करेगी। फॉक्सवेगन ग्रुप के सीईओ और चैयरमेन बेर्नहार्ड माइर का मानना है कि कार को सिर्फ पेट्रोल इंजन में उपलब्ध कराया जाएगा, लेकिन आखिरी फैसला बदलती नीतियों और बाजार के ट्रेंड पर डिपेंड करेगा। नए प्लान के तहत कंपनी इलेक्ट्रिक वाहनों पर भी काम करेगी। फिलहाल देश में फॉक्सवेगन की 121 और स्कोडा की 70 डीलरशिप मौजूद हैं।
Created On :   6 July 2018 9:01 AM IST