जांच: सेवानिवृत्ति के बाद पता चला जाति प्रमाणपत्र फर्जी

सेवानिवृत्ति के बाद पता चला जाति प्रमाणपत्र फर्जी
आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज

डिजिटल डेस्क, अमरावती। बीएसएनएल में आरक्षित जगह पर जाति प्रमाणपत्र देकर नौकरी हासिल की। 35 साल तक नौकरी करने के बाद इतवारा बाजार के मसानगंज लक्ष्मणसिंह नत्थूसिंह ठाकुर (60) तीन साल पहले सेवानिवृत्त भी हुए। लेकिन जब पेंशन लेने की बारी आई तो दस्तावेज की जांच के दौरान पता चला कि नौकरी के समय दाखिल किया गया जाति प्रमाणपत्र फर्जी है। बीएसएनएल अधिकारी राकेश खंडेलवाल की शिकायत पर कोतवाली पुलिस ने आरोपी लक्ष्मणसिंह ठाकुर के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।

बीएसएनएल का मुख्य कार्यालय 1985 में श्याम चौक पर है। 8 नवंबर 1985 में मसानगंज निवासी लक्ष्मणसिह ठाकुर सिपाही के तौर पर कार्यरत हुए थे। तब उन्हें आरक्षित कोटे में लिया गया था। जिसके बदले लक्ष्मणसिंह ठाकुर ने अनुसूचित जाति प्रमाणपत्र दाखिल किया था। 35 साल की नौकरी में लक्ष्मणसिंह ठाकुर का प्रमोशन भी हुआ और कर्मचारी के तौर पर सेवा भी दी। 2020 को सेवानिवृत्त भी हुए। पेंशन के लिए दस्तावेज जमा करने थे। लेकिन जब दस्तावेज की जांच की गई तो जाति प्रमाणपत्र में कई तरह की गड़बड़ी दिखाई दी। तब जाति प्रमाणपत्र का मामला अनुसूचित जनजाति प्रमाणपत्र जांच समिति के पास भेजा गया। तब पता चला कि 35 साल पहले नौकरी में लगने के लिए लक्ष्मणसिंह ठाकुर द्वारा दाखिल किया जाति प्रमाणपत्र पूरी तरह से नकली है। इसकी जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई। बीएसएनएल के संचार प्रमुख अधिकारी राकेश खंडेलवाल ने गुरुवार को कोतवाली थाने में शिकायत की। पुलिस ने सेवानिवृत्त लक्ष्मणसिंह ठाकुर के खिलाफ जाति प्रमाणपत्र अधिनियम के तहत धारा 10 (1) (2), 11 (1) (2) के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

Created On :   10 Nov 2023 10:19 AM GMT

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