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Amravati News: 9.97 करोड़ का जीएसटी घोटाला , अकोला का व्यापारी गिरफ्तार

- 44.72 करोड़ की फर्जी खरीद दिखाकर केंद्र व राज्य सरकार को लगाया चूना
- घोटाला दो फर्मों मेसर्स बालाजी ट्रेडर्स और मेसर्स महालक्ष्मी सेल्स के नाम से किया
- राज्य वस्तु व सेवा कर विभाग (जीएसटी) के अमरावती सह आयुक्त ने की कार्रवाई
Amravati News राज्य वस्तु व सेवा कर विभाग (जीएसटी) के अमरावती सह आयुक्त ने एक मेगा फर्जी बिलिंग घोटाले का भंडाफोड़ करते हुए बुधवार 16 जुलाई को अकोला के व्यापारी प्रतीक गिरीराज तिवारी को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने 44.72 करोड़ रुपए की फर्जी खरीद का दिखावा कर सरकार को 9.97 करोड़ रुपए की जीएसटी टैक्स का नुकसान पहुंचाया है।
यह घोटाला दो फर्मों मेसर्स बालाजी ट्रेडर्स और मेसर्स महालक्ष्मी सेल्स के नाम से किया गया, जिनका जीएसटी नंबर (जीएसटीएन) पंजीकरण दाबकी रोड, अकोला पर किया गया था। जीएसटी लागू होने के बाद यह बड़ी कार्रवाई से अमरावती संभाग के व्यापार जगत में हड़कंप मच गया है।
कैसे हुआ फर्जीवाड़ा? : प्रतीक तिवारी ने बिना किसी वास्तविक व्यापार के फर्जी खरीद बिलों के माध्यम से आईटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) प्राप्त किया। उन्होंने राज्य के 7 और कर्नाटक के 2 व्यापारियों से फर्जी बिलें बनवाकर सरकार को करोड़ों रुपये की चपत लगाई। इस पूरे फर्जीवाड़े की जानकारी राज्य कर विभाग अमरावती की टीम को गुप्त सूत्रों से मिली, जिसके आधार पर विस्तृत जांच और बाद में गिरफ्तारी की कार्रवाई की गई।
जांच में हुआ खुलासा, खाते सीज : बिल तो जीएसटी पोर्टल पर दाखिल किए गए, लेकिन उनके बदले किसी प्रकार का टैक्स नहीं भरा गया। सभी लेन-देन केवल कागजों पर हुए नकद में कमीशन देकर बाकी रकम वापस की जाती थी। संबंधित बैंक खातों और संपत्तियों पर धारा 83 के तहत टैक्स रिकवरी के लिए कुर्की की कार्रवाई की गई है। आरोपी के बैंक ऑफ इंडिया, अकोला शाखा के खाते सीज कर दिए गए हैं। -संजय पोखरकर, सह आयुक्त
कौन-कौन हैं इस रैकेट में शामिल? : जीएसटी विभाग के अनुसार आकाश ट्रेडर्स, खामगांव के आकाश अडचुले और सहयोग ट्रेडर्स, खामगांव की अनिसशाह ग्रोवरशाह इन दोनों ने किसी भी प्रकार का माल न खरीदते हुए केवल फर्जी बिल बनाकर प्रतीक तिवारी की फर्मों को सप्लाई दिखाई। आकाश ट्रेडर्स ने 1.79 करोड़ रुपए व सहयोग ट्रेडर्स ने 5.73 करोड़ रुपए के फर्जी बिल बनाए। भारत बिल्डर्स (अनिल भोजवानी), श्याम पवार, सतीश कंस्ट्रक्शन जैसे खामगांव के बिल्डर्स ने इन फर्जी फर्मों से बिल खरीदकर टैक्स का दुरुपयोग किया। इन बिल्डर्स ने स्वीकार किया कि उन्होंने बिना कोई माल खरीदे केवल जीएसटी टैक्स का लाभ लेने के लिए फर्जी बिलिंग करवाई।
किस कानून के तहत हुई कार्रवाई? : जीएसटी कानून की धारा 132(1)(iii) के तहत यह एक गंभीर, दंडनीय और गिरफ्तारी योग्य (अजमानती) अपराध है। 5 करोड़ रुपए से अधिक की कर चोरी के मामलों में धारा 69 के तहत राज्य कर विभाग गिरफ्तारी कर सकता है। आरोपी को अमरावती न्यायालय में पेश किया गया, जहां मामले की सुनवाई जारी है। फर्जी आईटीसी लेने वालों पर अब धारा 122 के तहत टैक्स जितनी ही राशि का जुर्माना लगाया जाएगा। सह आयुक्त संजय पोखरकर के मार्गदर्शन में सहायक राज्य कर आयुक्त महेशकुमार घारे व अजय तुरेराव, राज्य कर उपायुक्त एकनाथ पावडे की टीम ने यह कार्रवाई की।
Created On :   17 July 2025 3:06 PM IST